मुहर्रम की हक़ीक़त | Muharram ki Haqeeqat

 

मुहर्रम (Muharramकी हक़ीक़त 

aashoora
 
 
मुहर्रम (Muharramका महीना इस्लामी साल का पहला महीना है
 

मुहर्रम को मुहर्रम क्यों कहते हैं


इसको मुहर्रम इसलिए कहते है कि इसमें जंग क़िताल सब हराम है ये महीना बड़ी अज़मत और हुरमत वाला है बड़ा बाबरकत और मुक़द्दस है
 

मुहर्रम की इतनी अज़मत क्यों है

इस हवाले से हज़रत अबू हुरैरा रज़ियल्लाहु अन्हु फरमाते है कि रसूल सल्लल लाहु अलैहि वसल्लम इरशाद ने फ़रमाया कि सब रोज़ो से अफ़ज़ल रमजान के महीने के बाद अल्लाह के नज़दीक मुहर्रम के महीने में आशूरा का रोज़ा है वैसे तो तमाम महीने अल्लाह ही के है  लेकिन हदीस में मुहर्रम की निस्बत अल्लाह कि तरफ करके उसकी फ़ज़ीलत को बढ़ा दिया|तारीखी लिहाज़ से भी इसकी बड़ी अहमियत है एक मुहर्रम को हज़रत उमर रज़ियल्लाहु अन्हु दफन  किये गए और दस मुहर्रम को हज़रत हुसैन रज़ियल्लाहु अन्हु शहीद हुए
 
आशूरा का दिन बहुत मोहतरम है जिस दिन कई वाक़िआत ज़ाहिर हुए
  • हज़रत  आदम अलैहिस सलाम की तौबा क़ुबूल हुई
  • हज़रत यूनुस अलैहिस सलाम की क़ौम कीतौबा क़ुबूल हुई
  • हज़रत इसा अलैहिस सलाम की पैदाइश हुई
  • और आप को इसी दिन आसमानपर उठाया गया
  • नमरूद की आग से हज़रात इब्राहीम अलैहिस सलाम को नजात मिली
  • हज़रत मूसा अलैहिस सलाम को और उनकी कौम को फिरौन  से नजात मिली और फिरौन अपनी  क़ौम  समेत डुबो दिया गया
  • हज़रत युसूफ अलैहिस सलाम गहरे कुएं से निकले गए
  • हज़रत यूनुस अलैहिस सलाम को मछली के पेट से नजात मिली
  • हज़रत सुलेमान अलैहिस सलाम को बादशाहत मिली
  • हज़रत याक़ूब अलैहिस सलाम की बीनाई वापस आयी
  • हज़रत मूसा अलैहिस सलाम पैदा हुए
  • आसमान से पहलीबार बारिश हुई
  • इसी दिन क़यामत आएगी
  • इसी दिन अस्हाबे कहफ़ ने करवट ली
  • हज़रत अय्यूब अलैहिस सलाम की तकलीफ हटाई गयी
  • हज़रत नूह अलैहिस सलाम की कश्ती जूडी पहाड़ पर रुकी
आशूरा (Aashoora) की फ़ज़ीलते
 
आशूरा के दिन हर नेक काम का बड़ा अजरो सवाब है हुज़ूर सल्लल लाहु अलैहि वसल्लम  ने फ़रमाया कि जो शख्स दसवीं मुहर्रम का रोज़ा रखे तो अल्लाह तआला उसे दस हज़ार फ़रिश्तो की  इबादतऔर दस हज़ार शहीदों का सवाब अता फरमाएंगे एक दूसरी जगह फ़रमाया कि जो शख्स मुहर्रम के पहले जुमे को रोज़ा रखे तो उसके पहले गुनाह माफ़ हो जाते है
 
चार चीज़े है जिन्हे हुज़ूर सल्लल लाहु अलैहि वसल्लम कभी नहीं छोड़ते थे
  1. आशूरा का रोज़ा
  2. ज़िल्हिज्जा के रोज़े (एकसे नौ तक)
  3. हर महीने के तीन रोज़े
  4. दो रकाते फज्र की फ़र्ज़ नमाज़ से पहले
मुहर्रम को अपने लिए बरकत वाला कैसे बनाये 
हुज़ूर सल्लल लाहु अलैहि वसल्लम का फरमान है कि जिस ने दसवीं मुहर्रम को पानी का एक घूँट किसी को पिलाया गोया उसने तमाम प्यासों को पानी पिलाया आशूरा के दिन अपने अहलो अयाल के ऊपर खर्च करने से रिज़्क़ में बरकत होती है हदीस में है कि जो शख्स आशूरा के दिन अपने अहले अयाल के खर्च में इज़ाफ़ा करेगा तो अल्लाह उस पर पूरा साल वुसत देगा हज़रत इब्ने अब्बास फरमातेहै कि हमने इसका तजरबा किया तो वुसत ही पायी | इसलिए मुसलमानो को इस दिन खुल कर सदक़ा खैरातकरनी चाहिए इससे रिज़्क़ में इज़ाफ़ा होगा और खुशहाली आएगी
अल्लाह हम मुसलमानो को इस मुहर्रम के महीने की बरकतो से मालामाल फरमाए और इस मुक़द्दस महीने में कसरत से नेक आमाल करने की तौफ़ीक़ अता फरमाए
आमीन 

 

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