10 Aadaten Paigambar Muhammad (S.A.) Ki
10 आदतें पैगंबर मुहम्मद (स.अ.) की
हदीस में नबी करीम पैगंबर मुहम्मद की आदतों और रिवायतों को बहुत तफसील से बयान किया गया है जो कि हर मुसलमान को उसकी ज़िन्दगी जीने के लिए बेहतरीन रहनुमाई का काम करती हैं, इसलिए हर मुस्लमान को न सिर्फ उनकी इन शरीफ़ आदतों को जानना चाहिए बल्कि सवाब की नियत से उस पर अमल भी करना चाहिए ।
नबी करीम स.अ. की बेशुमार अच्छी आदतों में से 10 ख़ास आदतें हम यहाँ आपके सामने बयान करेंगे जिन पर आप आज ही से अमल करना शुरू कर दें |
1. नमाज़ और दुआ
यह दुनिया भर के मुसलमानों के लिए बहुत ज़रूरी है। दुनिया भर के तमाम कामों के साथ साथ अल्लाह के सामने सर झुका कर अपने गुनाहों का एतराफ़ करना एक बेहतरीन आदत है जो कि हर नबी और वली ने किया है ।
2. पेट के बल नहीं सोना
यह पैगंबर मुहम्मद (स.अ.) की सबसे आम परंपराओं में से एक है कि उन्होंने (PBUH) मुसलमानों को पेट के बल लेटने से मना किया क्योंकि अल्लाह इस हालत को नापसंद करता है।
3. ख़जूर
पाचन तंत्र ( Digestive System ) को बेहतरीन बनाने में मदद करने के लिए खजूर का इस्तेमाल किया जाता है। अरब में इसका बहुत रिवाज है वहां घर घर दस्तरख्वान पर ये मौजूद होती है, इसकी ख़ूबियों की वजह से ही रोज़ा इफ़्तार करने के लिए इसी का इस्तेमाल होता है ।
4. रोज़ा रखना
हमारे पैगंबर मुहम्मद (स.अ.) ने न सिर्फ़ रमजान में रोज़ा रखा, बल्कि अलग-अलग समय पर रमजान के अलावा भी नियमित रूप से रोज़ा रखते रहे, ज्यादातर हर सोमवार और गुरुवार को रोज़ा रखना उनकी आदत थी।
5. धीरे-धीरे पानी पीना
विज्ञान ने अपनी रिसर्च के आधार पर यह स्वीकार किया है कि एक ही बार में पानी पीना सिरदर्द और असंतुलन का कारण हो सकता है।
6. जल्दी जागना
पैगंबर मुहम्मद (स.अ.) सुबह की नमाज़ के लिए जल्दी उठते थे। यानि फज्र की नमाज़ से पहले तहज्जुद के वक़त ही उठ जाते थे, और आज विज्ञान भी कहता है कि सुबह जल्दी उठने से बेहतर उत्पादकता मिलती है।
7. मुस्कुराना
पैगंबर मुहम्मद (स.अ.) हमेशा मुस्कुराते रहते थे। और फ़रमाया कि मुस्कुराना सदक़ा है यानि अगर कोई सदक़ा नहीं कर सकता तो कम कम लोगों से मुस्कुरा कर मिले इसी से सदके का सवाब हासिल हो जायेगा ।
8. अपना मुहास्बा करना ( खुद पर गौर फ़िक्र करना )
पैगंबर मुहम्मद (PBUH) गुफा में खुद जाकर इबादत किया करते थे और कभी कभार लोगों से अलग थलग होकर सिर्फ अल्लाह से लौ लगते थे |
9. दांतों की सफाई सुथराई
पैगंबर मुहम्मद (PBUH) रोजाना हर नमाज़ के वक़्त अपने दांतों को मिसवाक की मदद से साफ करते थे।
10. सदक़ा (दान देना)
पैगंबर मुहम्मद (स.अ.) सदक़ा देने और गरीबों की मदद के लिए बहुत मशहूर थे । आपने फ़रमाया कि वह मुसलमान नहीं है जिसका पेट भरा हुआ है और उसके पड़ोसी भूखे सो रहे हैं।
अल्लाह हम सबको अमल करने की तौफ़ीक़ अता फरमाए
You are doing great work … May allh bless you