10 Khaas Amal Dhul Hijjah Me | 10 आमाल ज़ुल हिज्जा में ज़रूर करना चाहिए

10 Khaas Amal Dhul Hijjah Me

10 आमाल ज़ुल हिज्जा में ज़रूर करना चाहिए

Dhul Hijja Kya Hai | ज़ुल हिज्जा क्या है ?

ये इस्लामी साल का 12 वा महीना है और इस महीने की बड़ी फजीलत है ख़ास कर पहले दस दिनों की क्यूंकि इस महीने में अल्लाह तआला के कुछ अहकाम हैं जो दुसरे किसी महीने में नहीं हैं तो ज़ाहिर है कि फजीलत तो होनी थी |

कुरान और हदीस को गौर से देखा जाये तो मालूम हो जायेगा कि 10 ऐसे हुक्म अल्लाह तआला ने दिए हैं जो मुसलमानों को इस महीने में अंजाम देने है और उन पर अमल करना है तो क्या आप जानना चाहेंगे कि वो दस अहकाम ( हुक्म ) क्या हैं |

idul azha

ज़ुल हिज्जा के 10 अहकाम ( अल्लाह के मुसलमानों के लिए हुक्म )

1. हज बैतुल्लाह ( काबे का हज )

हज जो कि इस्लाम की पांच बुनियादों में से एक है, और जो शख्स इतनी हैसियत रखता है कि वो हज कर सके तो उसका हज करना फ़र्ज़ है और वो हज इसी महीने में किया जाता है उस के लिए ये महीना खास है किसी दुसरे महीने में ये अमल नहीं हो सकता |

2. क़ुरबानी

क़ुरबानी की हैसियत रखने वालों पर इस महीने क़ुरबानी वाजिब है, और क़ुरबानी के लिए इस महीने के तीन दिन ख़ास हैं (10, 11, 12) इन दिनों के अलावा किसी और दिन या किसी और महीने में ये ख़ास क़ुरबानी का अमल नहीं हो सकता उस पर क़ुरबानी का सवाब नहीं मिलेगा |

3. इदुल अजहा ( इदुल अज़हा )

ईद का दिन जो ख़ुशी का दिन है, इस दिन अल्लाह तआला अपने तमाम बन्दों को दावत देते हैं, ये ख़ुशी का दिन और इदुल अजहा का दिन और नमाज़ इसी महीने में है |

4. तक्बीराते तशरीक़

इस महीने के पांच दिनों में ( 9 से लेकर 13 तारीख तक ) हर फ़र्ज़ नमाज़ के बाद तक्बीरे तशरीक कहना वाजिब है

dhul hijj

5. अशरे ज़िल हिज्जा के रोज़े

इस महीने के पहले नौ दिनों में रोज़ा रखने की बड़ी फजीलत है और इस पर बड़ा सवाब है |

6. यौमे अरफा का रोज़ा

इस महीने की नौ तारीख़ जो यौमे अरफ़ा कह्लाती है उस के रोज़े का ख़ास सवाब है ( अगर दस दिनों के न रख पायें तो कम से कम 9 तारीख़ का रख लें )

7. बाल और नाखून न कटवाना

जिन लोगों को क़ुरबानी करनी हो उस के लिए मुस्तहब है कि ज़ुल हिज्जा का चाँद निकल आने बाद से क़ुरबानी का बकरा ज़बह होने तक बाल और नाखून न काटें |

8. दस रातों की फ़ज़ीलत

इस महीने की पहली दस रातों कि ख़ास फजीलत है इसलिए इबादत का ज्यादा से ज्यादा एहतमाम किया जाना चाहिए

9. चार दिन में रोज़े का हराम होना

अल्लाह तआला ने पूरे साल में पांच दिनों का रोज़ा हराम करार दिया है और उन पांच रोजों में चार इसी महीने में हैं

10. गुनाहों से बचने का ख़ास एहतेमाम

क्यूंकि ये महीना हुरमत वाला है इस लिए इस में गुनाहों से बचने का ख़ास एहतेमाम किया जाना चाहिए |

 

अल्लाह हम सबको अमल की तौफ़ीक़ अता फरमाए

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