5 facts Kaabe Ke Kaale Cover ( Kiswa )Ke Baare Me Hindi
आप ने काबे ( Kaaba ) के ऊपर काले कपडे को ज़रूर देखा होगा जिस कपडे से पूरा काबा ढका होता है उस कपडे को किस्वा कहते हैं उस किस्वा से रिलेटेड कुछ फैक्ट्स हैं जिन्हें आपको जानना चाहिए।
ज़िल हिज्जा के 9 वें दिन, किस्वा ( काला कपडा ) बदला जाता है और यह कई सालों से चला आ रहा है। यहाँ कुछ चीजें हैं जिन्हें आपको जानना ज़रूरी है।
1. किसवा को बदलना और उसके टुकड़ों को गिफ्ट में देना
हर साल जब काबा का कपड़ा बदला जाता है तो यह कुछ खास लोगों को सम्मान की बात के लिए हदिये ( gift ) में दिया जाता है। जबकि कुछ लोग इसे हाजियों के साथ भी साझा करते हैं जो हज करने के लिए दुनिया भर से आते हैं।
2. एक नया कवर बनाने की कुल लागत SAR 17 मिलियन है
किस्वा कपड़े को 47 टुकड़े में बांटा जाता है और पूरा किस्वा लंबाई में लगभग 658 वर्ग फुट का होता है और वज़न करीबन 670 किलोग्राम होता है जिसमें शुद्ध सोने के धागे 15 किलोग्राम भी होते हैं।
3. किस्वा का रंग बदलता रहता है
काबा शरीफ के कवर का रंग अलग अलग खलीफाओं और बादशाहों की हुकूमतों के दौरान बदलता रहता था। पैगंबर मुहम्मद सल्लल लाहू अलैहि वसल्लम के समय में यह सफेद रंग का था बाद में लाल फिर हरे और आखिर में काले रंग का इस्तेमाल होने लगा |
4. किसवा को बदलने वाला आदमी
यमन के एक शख्स असद अल हिमैरी काबा को कवर करने वाले पहले शख्स थे। पुराने ज़माने में, अलग अलग कबीले बारी-बारी से पवित्र काबा को कवर करती थीं। कबीले के लीडर काबा की दीवारों को ढंकने के लिए कुछ छोटे पर्दे भी लाते थे ।
5. यमन, मिस्र और इराक में किसवा का कपड़ा मिलता है
पूरे कवर को बनाने वाला कपड़ा बगदाद, इराक, यमन और मिस्र से आता है। मिस्र के वाइसराय मोहम्मद अली पाशा ने इस कवर को बनाने की प्रक्रिया बनाई थी और तुर्की हुकूमत से अलग होने के बाद अपनी राज्य को ये जिम्मेदारी दी थी।