5 Important Names
जब ये 5 नाम सामने आयें तो ये ज़रूर कहें
हम आम तौर से लोगों के नाम उन के रुतबे, ओहदे, और मर्तबे के हिसाब लेते हैं लेकिन उन में 5 हस्तियाँ और 5 नाम ऐसे हैं जिनका नाम आये तो हमें क्या कहना है इसे आज हम ज़रूर समझ लें
1. अल्लाह तआला
जब अल्लाह का नाम आये तो तो साथ में ये भी कहना चाहिए अल्लाह सुब हानहू व तआला, अल्लाह जल्ला जलालहू, अल्लाह जल्ला शानहु, और बिस्मिल्ला हिर्रहमा निर्रहीम की जगह पर 786 कभी न लिखें बल्कि सीधा बिस्मिल्ला हिर्रहमा निर्रहीम ही लिखना चाहिए |
हम दो चार लफ्ज़ पढ़ लेते हैं तो फिर अपने नाम के साथ इतने आदाब और अलक़ाब लगाते हैं कि एक लम्बा नाम सामने आ जाता है लेकिन जब अल्लाह का नाम आता है तो कंजूसी करते हैं जबकि अल्लाह तो सबसे ज्यादा तारीफ के लायक है इसलिए जब भी अल्लाह का नाम लें तो तारीफ़ के अलफ़ाज़ ज़रूर शामिल करें, अगर आप ऐसा करते हैं तो अल्लाह के यहां बड़े इनाम के हक़दार होंगे |
2. हमारे नबी मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम
और जब इस दुनिया की सबसे मुबारक और सबसे बड़ी हस्ती यानि हमारे प्यारे पैग़म्बर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का नाम आए तो ज़रूर कहें सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम, क्यूंकि जब आप अपने नबी पर दुरूद पढ़ते हैं तो अल्लाह तआला के यहाँ आप के लिए
• दस नेकियाँ लिखी जाती हैं
• दस गुनाह माफ़ होते हैं
• दस दरजे बलंद होते हैं
• अल्लाह तआला 70 बार उस पर रहमतें नाजिल करते हैं
• और फ़रिश्ते 70 बार उसकी बख्शिश की दुआएं करते हैं
3. सहाबी का नाम आये
सहाबी किसे कहते हैं ?
सहाबी उसे कहते हैं जो अल्लाह के नबी पर ईमान लाया हो और उसने नबी को देखा भी हो, अगर किसी ने हमारे नबी को नहीं देखा तो वो सहाबी नहीं हो सकता इसी तरह अगर देखा लेकिन ईमान नहीं लाया तो वो भी सहाबी नहीं हो सकता |
तो जब भी किसी सहाबी का नाम आये तो तो कहना चाहिए रज़ियल लाहू अन्हु ( अल्लाह उनसे राज़ी हुआ )
4. किसी नेक आदमी का नाम उसकी वफात के बाद आये
कोई नेक आदमी जो इस दुनिया से चला गया हो उसका इन्तेक़ाल हो गया हो, तो अगर उसका नाम आए तो फ़ौरन कहना चाहिए रहमतुल लाहि अलैह जैसे
- हज़रत इमाम बुखारी रहमतुल लाहि अलैह
- हज़रत अब्दुल क़ादिर जीलानी रहमतुल लाहि अलैह
- हज़रत हसन बसरी रहमतुल लाहि अलैह
5. किसी नेक आदमी का नाम जबकि वो अभी जिंदा हो
अगर किसी नेक आदमी का नाम आये तो उसके साथ ये दुआइया अलफ़ाज़ ज़रूर लगाने चाहियें जैसे हफिज़हुल लाह
कहते हैं “बा अदब बा नसीब और बे अदब बे नसीब” यानि जो अदब करता है वो नसीबे वाला होता है और जो बे अदब होता है वो अच्छी किस्मत से महरूम हो जाता है, इसलिए इन नामों के साथ उनके मुनासिब अलफ़ाज़ ज़रूर लगाने चाहिए जिससे आप बे अदबों में नहीं शुमार होंगे |
अल्लाह हम सबको नेक अमल की तौफ़ीक़ अता फरमाए