6 Basic Beliefs In Islam
इस्लाम में मुसलमानों के छह बुनियादी अक़ीदे
मुसलमान वही हैं जो अल्लाह पर यक़ीन रखते हैं और इस्लाम के बताये गए हुक्मों पर चलते हैं और वो लाखों करोड़ों देवी देवताओं को ना मानकर सिर्फ एक अल्लाह ही की इबादत करते हैं, और उसी के सामने सर झुकाते हैं |
और इस चीज़ पर ईमान है कि पैगंबर मुहम्मद ( सल्लल लाहु अलैहि वसल्लम ) अल्लाह के आख़िरी पैगंबर हैं और इसी नबी की लायी गयी शरीअत ( इस्लामी कानून ) क़यामत तक के लिए है और इन के बाद कोई नबी नहीं आयेगा ना ही कोई शरीअत आएगी |
हर एक मुसलमान को मुसलमान कहने के लिए सब से पहले कुछ बातें हैं जिन पर पक्का और दिल से यक़ीन होना ज़रूरी है और अगर यक़ीन नहीं किया तो ये इस्लाम तो नहीं हाँ, समझौता ज़रूर हो सकता है यानि सिर्फ समझौता कर के आप मुस्लमानों में रह हैं |
इस्लाम को समझौता नहीं बल्कि अपने लोगों से यक़ीन चाहिए ऐसा यक़ीन जिसे पहाड़ भी न हिला सकें जैसे सहाबा जब वो नबी पर ईमान ले आए तो काफिरों की लाख कोशिशों के बावुजूद उनका यक़ीन और ईमान नहीं डगमगाया |
मुसलमानों के छह बुनियादी अक़ीदे जो कुरान और हदीस में बयान हैं:
अल्लाह तआला के एक होने का यक़ीन : ये यक़ीन रखना कि अल्लाह ही इस पूरी काइनात का पैदा करने वाला है । और अल्लाह की कोई औलाद नहीं है, और न ही वो किसी की औलाद है, उसका कोई जिस्म नहीं है लेकिन वो हर जगह मौजूद है और सब कुछ जानता है, और उसके सिवा कोई भी ऐसा नहीं जिसकी इबादत की जाये और उसके सामने सज्दा जाये |
फरिश्तों पर यक़ीन : एक मुसलमान ये यक़ीन रखता है कि अल्लाह की एक बेहतरीन मख्लूक़ फ़रिश्ते भी हैं , और फ़रिश्ते जो हमारी आँखों से ओझल लोग हैं और अल्लाह के बताये हुक्मों के मुताबिक ही चलते हैं और उसमें ज़रा भी कमी व ज़्यादती नहीं करते ।
अल्लाह तआला की किताबों पर यक़ीन : मुसलमान इस बात पर यक़ीन रखते हैं कि अल्लाह ने फ़रिश्तों के ज़रिये अपने पैग़म्बरों पर किताबें नाज़िल की। इन किताबों में कुरान, तौरात, इंजील, और ज़बूर हैं। लेकिन आज सिर्फ क़ुरान पाक ही अपनी असल शक्ल में बाक़ी है जो कि पैगंबर मुहम्मद (SAW) पर नाज़िल हुई |
अल्लाह के पैगंबर और रसूलों पर यक़ीन : मुसलमानों का मानना है कि तमाम इंसानों की रहनुमाई के लिए अल्लाह तआला ने पैग़म्बरों और रसूलों को भेजा और उन में सब से पहले हज़रत आदम अलैहिस सलाम और सब से आख़िरी हज़रत मुहम्मद (सल्लल लाहु अलैहि वसल्लम) हैं,
और ये पैग़म्बर जो भी बात कहते हैं वो अल्लाह की बात होती है और उस में इंसानियत का फ़ायदा होता है इन नबियों में से पच्चीस नबियों को कुरान में नाम के साथ ज़िक्र किया गया है,
क़यामत के दिन पर यक़ीन : मुसलमान यक़ीन रखते हैं कि इस ज़िन्दगी में किये गए आमाल का हिसाब होगा और ये हिसाब क़यामत के दिन होगा और उस दिन अल्लाह के बताये गए रास्ते पर चलने वालों को जन्नत से नवाज़ा जाएगा; लेकिन जो अपनी मनमानी करते रहे और इस दुनिया में गंध फैलाते रहे उनको जहन्नम की सज़ा सुनाई जाएगी ।
अच्छी बुरी तक़दीर पर यक़ीन : इस इस काइनात की हर चीज़ जो होने वाला है या होगा सब अल्लाह इल्म में है । हमारी ज़िन्दगी की पहली सांस से आख़िरी सांस तक हम किन चीज़ों से गुज़ारने वाले हैं सब अल्लाह जानते हैं |