8 Benefits Of Surah Baqarah In Hindi

8 Benefits Of Surah Baqarah In Hindi | सूरह बक़रह के 8 फायदे

8 Benefits Of Surah Baqarah In Hindi

सूरह बक़रह के 8 फायदे

सूरह बक़रह ( surah baqarah ) क़ुराने पाक की सबसे बडी सूरह है, इसमें 286 आयत हैं, और ये सूरह अल-फातिहा के बाद कुरान में दूसरी सूरह है, इस सूरह से हमें कई फ़ायदे और इनआम हैं जो अल्लाह तआला इस के पढ़ने वाले को अता करते हैं

जो शख्स लम्बे टाइम तक के लिए सूरतुल बकरा की तिलावत करें वह अपनी जिंदगी में अजीब चीजों को देखेगा उसका जिस्म में बड़ी बड़ी बीमारियों से शिफ़ा पायेगा उसके रिस्क में इजाफा होगा और उम्र में बरकत होगी

जो शख्स कई महीनों तक रोजाना रात को सूरह बकरा की तिलावत करेगा अल्लाह तआला उसकी बीमारी को आफियत में बदल देगा उसकी मुश्किल को दूर कर देगा तंगी को फिर से बदल लेगा और हर तरफ से उस पर बरकत नाज़िल होगी तो अपनी जिंदगी में खुश रहेगा

अच्छी तरह जान लो कि 1 महीने तक मुसलसल सूरह बक़रह पढ़ने से तुम्हारी ख्वाहिश पूरी होंगी तुम्हारी जिंदगी में बरकत का इजाफा हो जाएगा और तुम्हें दुख और परेशानियों से निजात मिलेगी तुम्हारी नेकियों में बढ़ोतरी होगी

Benefits Of Surah Baqarah In Hindi

सूरह अल-बक़रह ( Surah Baqarah ) पढ़ने के 8 फ़ायदे

1. मुर्दा दिलों को ज़िन्दगी मिलती है

सूरह बक़रह की तिलावत से मुर्दा दिलों को ज़िन्दगी मिलती है, दिल की सख्ती दूर होती है, आदमी को तन्हाई की इबादत में मज़ा मिलता है, उसकी रूह रोहानियत के बड़े ऊंचे मक़ाम पर होती है

2. सूरह अल-बक़रह में क़ुरान की एक बहुत अहम् आयत है

कुरआन में सबसे अहमियत वाली आयत है आयतुल-कुरसी

आयतुल कुर्सी को  हर फ़र्ज़ नमाज़ के बाद दिन में पांच बार पढ़ना, आपको जन्नत के सबसे करीब करता है, और ये आयत इसी सूरह में है |

3. सूरह अल-बक़रह आपके घर से शैतान को दूर रखती है

अबू हुरैरा (र.अ.) फ़रमाते हैं कि पैगंबर मोहम्मद (स.अ.) ने फ़रमाया : “अपने घरों को क़ब्रिस्तान न बनाओ, यक़ीनन, शैतान उस घर में दाखिल नहीं होता है जिस में सूरह बक़रह पढ़ी जाती है ”(तिरमिज़ी)

क्या आपको घर पर रहते हुए लगातार परेशानी या किसी दिक्क़त का तजुर्बा होता है? क्या आपके घर में आपके परिवार के सदस्यों के साथ अक्सर झगड़े होते रहते हैं? क्या आप बिना किसी वजह के अपना दिमाग़ का बैलेंस खो देते हैं और गुस्से में आ जाते हैं ?

अगर हाँ, तो सूरह बक़रह को गले लगाओ। अल्लाह की रहमत से, आपका मकान अमनो सुकून से भर जायेगा । ऐसा इसलिए होता है क्योंकि शैतान जो नफरत फैलाने के लिए उभारता रहता है, और परिवार के सदस्यों के बीच फूट डालता है, वह आपके घर से दूर हो जायेगा ।

4. सूरह बक़रह रात में सोते वक़्त आपकी हिफ़ाज़त करती है

इसका मतलब है, अगर सोने से पहले रात में इस सूरह की आख़िरी दो आयतों को पढ़ लें  तो जब आप सो रहे होंगे, तो आप बुरे सपने और बुरी ताक़तों से महफूज़ रहेंगे ।

5. सूरह अल-बक़रह पढ़ने से बरकतें नाज़िल होती हैं

सूरह अल-बक़रह पढ़ने से आप पर अल्लाह की रहमत नाज़िल होती है। और जब रहमत और बरकत नाज़िल होती है, तो आप सुकून महसूस करते हैं, चाहे कोई भी चैलेंज हो कोई भी ज़हनी परेशानी हो, उसके बावुजूद आप सुकून महसूस करेंगे ।

हमारे प्यारे नबी करीम मुहम्मद (सल्लल लाहु अलैहि वसल्लम) ने फ़रमाया : इस सूरह को अपना लेना बरकत का सबब बनता है यानि उसकी तिलावत और उस पर पाबन्दी तुझे तेरे माल और औलाद जिस्म और रूह में बरकत अता करेंगे |

6. सूरह बक़रह काला जादू और टोना टोटका को हरा देती है

सूरह अल बक़रह आप के पास आने वाली हर वो तकलीफ़ देह चीज़ (जिस को आप देख भी नहीं सकते )उससे आपकी हिफ़ाज़त करती है, ख़ास कर जादू जो खासकर किसी को तकलीफ देने के लिए किया जाता है उस से आप बच जायेंगे ।

शुरू में सूरह बकरा की तिलावत बहुत मुश्किल काम है इसलिए कि शैतान उसके फ़ायदे को जानता है और वो नहीं चाहता कि तू इतनी आसानी से पका हुआ फल तोड़ सके यानि इस सूरा का फ़ायदा उठा सके |

7. नज़रे बद ( बुरी नज़र ) से हिफ़ाज़त होती है

नज़रे बद और जादू का दर्द पत्थर की तरह इंसान के अन्दर मौजूद हो तो सूरह बकरा को बार बार पढ़ना उसको तोड़ कर खत्म कर देता है

इब्नुल क़य्यिम र.अ. फरमाते हैं कि नजरे बद ( बुरी नज़र ) और हसद ( जलन ) इन्सान के जिस्म में ठोस चीज की तरह मौजूद होती है मगर सूरह बकरा और मुअव्वज़तैन (सूरह फ़लक और सूरह नास ) की बार बार तिलावत से पिघल कर जिसम में ख़त्म हो जाती है

8. क़यामत के दिन अल्लाह तआला नवाजते हैं

सूरह बक़रह पढ़ने का एक बड़ा फायदा क़यामत के दिन इनआम मिलना है

Benefits Of Surah Baqarah In Hindi

सुरह बक़रह को पढ़ने में कितना समय लगता है?

अगर आप कुरान की तिलावत करते रहते हैं और आपके जुबान में fluency है, तो इसमें एक घंटे से भी कम समय लगेगा और 45 से 50 मिनट में आप इसे पढ़ सकते हैं,  लेकिन अगर आप ने शुरुआत की है तो कुछ टाइम ज़्यादा लग सकता है, ये पढने वाले पर depend है कि किस को कितना टाइम लगेगा |

सूरह बक़रह सुनने और पढ़ने के लिए यहाँ पर जाएँ

सूरह बक़रह की मिसाल

सूरह बक़रह की मिसाल ऐसे हैं जैसे खजूर जब तक पककर तैयार ना हो जाए उसका टेस्ट अच्छा नहीं लगता इसी तरह इस सूरह को बार बार पढ़ना और रोज़ाना उसकी तिलावत से ही जिंदगी में हलावत और खुशी हासिल की जा सकती है

इस सूरह की मुसलसल तिलावत बंदे को ऐसे भलाई नसीब करती है, जिसका वो अंदाजा भी नहीं लगा सकता और ऐसे बुराइयों से महफूज रखती है जो उसके इल्म ( जानकारी ) में नहीं |

इस सूरह की 3 आयतों को ज़रूर पढ़ें

हर फ़र्ज़ नमाज़ के बाद आयतुल-कुरसी पढ़ना

अगर आप आख़िरत में जन्नत के तलबगार हैं तो हर फ़र्ज़ नमाज़ के बाद आयतुल कुर्सी को अपनी आदत बना लें

सूरह बक़रह के आख़िरी दो आयतों के फ़ायदे :

यह रात में आपकी हिफ़ाज़त करती हैं, जैसा कि पैगंबर मुहम्मद (सल्लल लाहु अलैहि वसल्लम) ने फ़रमाया था

“अगर कोई सूरत अल-बक़रह की आख़िरी दो आयतों को रात में पढ़ता है तो यह उसके लिए काफ़ी होगा ”(बुखारी)।

पैगंबर मुहम्मद (स.अ.) ने फ़रमाया : ” अगर उसे घर में तीन रातों तक पढ़ा जाये, तो कोई शैतान इसके पास नहीं आएगा। ” (तिरमिज़ी)

41 दिन का ख़ास अमल

अगर आप पढ़ सकें तो 41 दिन तक बगैर कोई नागा किये रोजाना पढ़ें, इसका फायदा ये है कि आपकी मुश्किलें कम हो जाएँगी और आप ज़िन्दगी में आगे बढ़ने लगेंगे और इसका ख़ुद मैंने तजुर्बा किया है |

जान लो….

जिसने सूरह बक़रह की तिलावत को मामूल ( आदत ) बनाया उसके दिल को खुशी और राहत और उसकी जिंदगी में बेशुमार भलाईयां और नेकियाँ नसीब होगी इसलिए उसके इश्क में गुम हो जाओ और उसका शौक तुम्हारे दिल में हमेशा रहे |

अल्लाह हमें अमल की तौफ़ीक़ अता फ़रमाए

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