8 Buri Cheezon Se Bachne Ki Dua | 8 बुरी चीज़ों से बचने की दुआ

8 Buri Cheezon Se Bachne Ki Dua |

8 बुरी चीज़ों से बचने की दुआ

अल्लाह के नबी हज़रत मुहम्मद मुस्तफ़ा (सल्लल लाहु अलैहि वसल्लम) ने एक दुआ बहुत ही पावरफुल दुआ पढ़ी जिसमें आपने 8 चीज़ों से पनाह मांगी है ये वो चीज़ें है जो हमारी ज़िन्दगी में हमारे सामने पेश आती रहती हैं और हम इनका नुक़सान जाने अनजाने में उठाते ही रहते हैं

इसलिए नबी करीम (सल्लल लाहु अलैहि वसल्लम) ने इन आठों चीज़ों से बचे रहने के लिए अल्लाह से पनाह मांगी है, इस दुआ के पढते रहने से इन्सान की ज़िन्दगी में कोई मसअला पेश आ जाये तो ऐसा नहीं होता कि वो हाथ छोड़ बैठे और कोई भयानक क़दम उठा ले बल्कि इन आठों चीज़ों से अगर सामना होता है तो आसानी से इनका मुक़ाबला कर पाता है

तो चलिए आज हम आपको उसी 8 बुरी चीज़ों से बचने की दुआ बताते हैं जिसे हम और आप अपनी ज़िन्दगी में शामिल कर लेंगे और इसको हर नमाज़ के बाद या सुबह शाम पढने की आदत बना लेंगे तो इसका असर हमारी ज़िन्दगी पर ज़रूर होगा

8 Buri Cheezon Se Bachne Ki Dua

Allahumma inni Auzubika Minal Hammi Wal Hazan

Dua In Hindi : अल्लाहुम्मा इन्नी अऊ ज़ुबिका मिनल हम्मि वल ह-ज़नि, वल अजज़ि वल क-सलि, वल बुख्लि वल जुब्नि, व द-लइद दैनि व ग़-लबतिर रिजाल

तरजुमा : ए अल्लाह मैं तेरी पनाह चाहता हूँ गम और परेशानी से, बेबसी से, सुस्ती से, बखीली(कंजूसी) से, बुज़दिली से, क़र्ज़ के बोझ से, लोगों के ग़लबे से,

इस दुआ में 8 चीजों से पनाह मांगी गयी है

फ़िक्र परेशानी : हम आम तौर से ज़िन्दगी में इस से गुज़रते रहते हैं

तकलीफ़ बेचैनी : कोई ऐसा मस अला पेश आ गया कि उस से दिल में उलझन है और बेचैनी है

बेबसी : यानि किसी काम में ऐसे फँस गए हों कि हर तरफ़ रास्ता बंद नज़र आ रहा हो और बेबस और लाचार हो गए हों तो ऐसी बेबसी के लिए हमारे नबी ने पनाह मांगी है

सुस्ती : कई बार ऐसा होता है कि हम चाहते हैं कि नमाज़ पढ़ें इबादत करें या ज़िन्दगी में कोई काम करने का फ़ैसला करते हैं लेकिन हम पर सुस्ती ग़ालिब रहती है और हम क़दम नहीं उठा पाते हैं नतीजा क्या होता है कि अल्लाह हम से कोई काम लेना चाहता था लेकिन हमारी सुस्ती विलेन बन गयी

बखीली (कन्जूसी) : कुछ लोग माल जमा करके रखते रहते हैं न तो घर वालों पर उनके हक़ के मुताबिक ख़र्च करेंगे न तो बीवी बच्चों पर ख़र्च करेंगे न गरीबों और मिसकीनों की मदद करेंगे और न ही मदरसों और मस्जिदों पर ही अपने माल का कुछ हिसा ख़र्च करेंगे तो ज़रुरत तो ये थी कि जहाँ ज़रुरत हो वहां ख़र्च करें और फिजूलखर्ची से भी बचें

बुज़दिली : इन्सान को बा हिम्मत और बहादुर होना चाहिए और अपनी ताक़त का मुज़ाहरा करना चाहिए ख़ास कर दीन के मामले में हक़ के मामले में सच्चाई के मामले में, इन मामलात में भी कुछ न बोलना और करना बड़ी महरूमी की बात है इसलिए इससे हमारे नबी ने पनाह मांगी है

क़र्ज़ के बोझ से : क़र्ज़ से बड़ा कोई बोझ नहीं जिससे इन्सान मजबूरी में आकर लाद तो लेता है लेकिन मुश्किलों और परेशानियों में आकर बोझ लादे फिरता रहता है और कुछ लोग तो इसकी ताब न लाकर ख़ुदकुशी भी कर लेते हैं इसलिए इससे भी हमारे नबी ने पनाह मांगी है

लोगों के गलबे से : लोग मुझ पर ग़ालिब आ जाएँ और मुझे दबा कर रखें इस बात से हमारे नबी ने पनाह मांगी है

अल्लाह तआला हमें इन तमाम चीज़ों से हम सबको पनाह में रखे

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