Agar Bachcha Nafarman Ho | अगर बच्चा नाफरमान हो तो फिर क्या करे
जब बच्चा घर में पैदा होता है तो तो इस के साथ ही माँ बाप अपने बच्चे से बहुत साऱी उम्मीदे लगा लेते है और उसकी कामयाबी के लिए वो बहुत सीरियस होते है फ्यूचर में उसको कामयाब देखने और बुढ़ापे में उसको अपनी कमज़ोर हड्डियों का सहारा बनने के सपने बुनते है लेकिन ये ख्वाब उस्वक़्त चकनाचूर हो जाये है जब न सिर्फ वो लापरवाह होता है बल्कि वो अपने माँ बाप की बातो को ना मान कर उनकी नाफरमानी करके उनकी उम्मीदों पर पानी फेर देता है |
ऐसे में माँ बाप बहुत परेशां होते है और उसे जगह जगह ले जाने पर मजबूर होते हैं कि किसी तरह उसकी ये बीमारी ठीक हो जाये लेकिन आपको बहुत ज़्यादा दौड़ धुप करने कि ज़रुरत नहीं हैं नीचे दो अमल इसी के बारे में दिए गए हैं उनमे से जो आपके लिए आसान हो आप उसे कर सकते हैं
पहला अमल
- हज़रात हसन हाश्मी फरमाते है कि नाफरमान औलाद को फरमांबरदार बनाने का अमल ये है कि जब वो सो जाये तो उनके कान में सूरह यासीन पढ़ कर दम करें इससे बच्चे के अंदर फ़रमाँबरदारी का और माँ बाप की बात मानने का जज़्बा पैदा होगा बस आप खालिस दिल से इस अमल को तीन दिन तक करते जाएं सूरह यासीन जो कि पारा नम्बर 23 में है और ये क़ुरआन का दिल कहलाती है
दूसरा अमल
और अगर आप इतना लम्बा अमल न कर सके तो उसके लिए भी एक अमल ये है कि 100 मरतबा या शहीदु पढ़ कर उसपर दम करे और इस अमल को लगातार 11 दिन तक करना है | इंशा अल्लाह आप अपने मक़सद में कामयाब होंगे |