सोकर उठने की सुन्नतें और आदाब
- बिस्तर से एक दम खड़ा न हो बल्कि थोड़ी देर बिस्तर पर बैठ जाये
2. आँखों को हाथों से अच्छी तरह मल ले ताकि नींद का खुमार दूर हो जाये
3.फिर ये दुआ पढ़े
اَلْحَمْدُلِلّٰہِ الَّذِیْ اَحْیَانَا بَعْدَ مَااَمَاتَنَا وَاِلَیْہِ النُّشُوْرُ
हिंदी : अल हम्दुलिल लाहिल लज़ी अह्याना बअदमा अमताना व इलायहिन नुशूर
तर्जुमा : तमाम तारीफें उस अल्लाह के लिए हैं जिसने हमें मौत ( नींद ) के बाद जिंदा ( जगाना ) किया और उसी की तरफ लौट कर जाना है
इस मुबारक दुआ में चार सबक दिए गए हैं
पहला सबक
اَلْحَمْدُلِلّٰہِ
तमाम तारीफें उस अल्लाह के लिए हैं
तमाम तारीफें उस अल्लाह के लिए हैं इस जुमले से इस बात की तरफ इशारा है कि बन्दे को हर हाल में अल्लाह का शुक्रगुजार होना चाहिए नींद से बदन को ताजगी और आराम मिल गया अल्लाह ने उसे मीठी नींद सुलाया और फिर ठीक ठाक उसे जगा दिया इसलिए बन्दे पर अल्लाह का शुक्र वाजिब है
दूसरा सबक
اَحْیَانَا بَعْدَ مَااَمَاتَنَا
जिसने हमें मौत ( नींद ) के बाद जिंदा ( बेदार ) किया
इस जुमले से बन्दे को मौत की याद दिल्यी गयी कि जिस तरह दुनिया से ताल्लुक तोड़ कर कुछ देर के लिए आँखें बंद करके नींद की आगोश में चला गया इसी तरह एक वक़्त आयेगा दुनिया से ताल्लुक तोड़ कर हमेशा के लिए मौत की आगोश में चला जायेगा नींद में कुछ वक़्त के लिए ऑंखें बंद होती हैं मौत आयेगी तो हमेशा के लिए आँखें बंद हो जाएँगी
तीसरा सबक
जिस तरह नींद से बेदार हुआ है उसी तरह मौत से भी क़यामत में उठाया जायेगा
चौथा सबक
وَاِلَیْہِ النُّشُوْرُ
अल्लाह ही की तरफ लौट कर जाना है
इस में आखिरत का यकीन , मैदाने हश्र में होने वाले सवालात का तसव्वुर दिया गया कि तुम्हें अल्लाह की तरफ जाना है और अपने किये का हिसाब देना है
इन बातों को सामने रखते हुए दुआ पढेंगे तो इंशाअल्लाह ईमान में तरक्की होगी
3. मिस्वाक करे
4. कपडे और जूते वगैरह के पहनने में दायें जानिब को तरजीह दे ( कपडे पहने तो पहले दायाँ हाथ डाले और जूता पहने तो पहले दायाँ पैर डाले)