Makrooh Times For Namaaz Hindi
कौन कौन से टाईम नमाज़ पढना मना है
आप जानते होंगे कि इस्लाम ने हर नमाज़ के लिए वक़्त मुक़र्रर कर दिया है और इस मुक़र्रर किये गए वक़्त पर नमाज़ फ़र्ज़ है और अगर आप इस वक़्त पर नमाज़ नहीं पढ़ते तो देर करने पर गुनाहगार होंगे लेकिन कुछ ऐसे टाइम ऐसे भी हैं जिसमें अगर नमाज़ आप पढ़ते हैं तो गुनाहगार होंगे
तो क्या आप जानना चाहेंगे कि वो कौन से अवक़ात हैं
तो जान लीजिये कि जिस वक़्त में नमाज़ को पढने से रोका गया है उस वक़्त को मकरूह वक़्त ( Makrooh Times For Namaaz ) कहते हैं और ये मकरूह times 3 हैं
1.सूरज का निकलना
यानि जब सुबह को सूरज की पहली किरण निकल रही हो उस वक़्त से लेकर अगले बीस मिनट तक मकरूह वक़्त है
2.जब सूरज आसमान के बीचों बीच हो
जब सूरज आसमान के बीचों बीच होता है उस वक़्त को ज़वाल का वक़्त कहते हैं कुछ लोग समझते हैं कि ज़वाल का वक़्त बारह बजे होता है लेकिन ऐसा नहीं है हमेशा बारह बजे नहीं होता कभी 11: 34 या 11 : 35 पर भी होता है और इसका वक़्त कोई ख़ास नहीं कभी ये 35 मिनट कभी 40 मिनट ऊपर नीचे होता रहता है
इसके लिए आप नमाज़ का कलेण्डर रख लें जिसमें ज़वाल का वक़्त लिखा होता है
3.सूरज के डूबते वक्त
यानी जो सूरज डूबने का टाइम हो उस से पहले के लास्ट 20 मिनट मकरूह हैं
( लेकिन अगर उसी दिन अस्र की नमाज़ क़ज़ा हो गयी हो तो इन लास्ट 20 मिनट्स में पढ़ सकते हैं लेकिन पिछले दिन की क़ज़ा नहीं पढ़ सकते )
ये वक़्त ऐसे हैं जिन में न किसी फ़र्ज़ नमाज़ की कज़ा पढना जाएज़ है और न ही सुन्नत और नफ्ल नमाज़ पढना जाएज़ है
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jafarpur paroo muz bihar.
bahut achhi jankaari shukriya dost
Fazr ki namaz 10 ya 11 baje padh sakte hai??