Dua In Hindi
10 अहम् ज़िक्र और उनके फायदे जो हर मुसलमान के लिए ज़रूरी हैं
दोस्तों, जैसा कि आप जानते हैं कि ज़िक्र ( Zikr ) यानि अल्लाह को याद करना
ज़िक्र एक तरफ अल्लाह की तारीफ़ और बड़ाई बयान करने लिए है तो दूसरी तरफ अल्लाह की रहमत का साया हासिल करने के लिए है और
अल्लाह को बहुत पसंद है कि उसका बंदा उसका ज़िक्र करे क्यूंकि ज़िक्र करना गुनाहों को धो देता है |
कुरान और हदीस में बेशुमार ज़िक्र बयान हैं लेकिन यहाँ पर हा बहुत अहम् ज़िक्र को बयान करेंगे जिन पर अमल करके आप कम वक़्त में बेशुमार सवाब की दौलत अपने नाम कर सकते हैं |
1. कुरान पढ़ना
फ़ायदा : अगर आप कुरान पढ़ते हैं तो हर लफ्ज़ पर 10 नेकियाँ मिलती हैं
2. ला इलाहा इल लल्लाह
तर्जुमा : अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लाइक नहीं ।
फ़ायदा: जन्नत के दरवाजे खुलेगे और बड़े बड़े गुनाहों से हिफाज़त होती है ।
3. सुबहानल्लाह या सुबहानल्लाहि वा बिहमदिही
तर्जुमा : अल्लाह की ज़ात पाक है और उसी की हम्द है
फायदा : इसको पढने पर जन्नत में एक पेड़ लगा दिया जाता है
4. अल्हम्दुलिल्लाह
तर्जुमा : तमाम तारीफें अल्लाह ही के लिए है।
5. सुबहानल्लाह वल हमदुलिल्लाह वला इलाहा इल्लल लाह वल लाहु अकबर
तर्जुमा : अल्लाह की ज़ात पाक है , तमाम तारीफें अल्लाह ही के लिए हैं , अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लाइक नहीं है, अल्लाह सब से बड़ा है |
फ़ायदा : इसके पढने पर गुनाह झाड़ते हैं |
6. ला हवला वला क़ुव्वता इल्ला बिल्लाह
तर्जुमा : नहीं है कोई कुव्वत और ताक़त सिवाए अल्लाह के ।
फ़ायदा : इसका विरद करने वाले जन्नत में एक ख़ास दरवाज़े से दाखिल होंगे |
7. सुबहानल्लाह (33 बार ), अल्हमदुलिल्लाह (33 बार ) और अल्लाह हू अकबर (34 बार)
= तीनों तस्बीह मिला कर 100 बार कुल !
तर्जुमा :
1.अल्लाह की ज़ात पाक है ।
2.तमाम तारीफें अल्लाह ही के लिए हैं ।
3.अल्लाह सब से बड़ा है ।
फ़ायदा : ये तस्बीहे फातिमी कहलाती है क्यूंकि इस तस्बीह को प्यारे नबी स अ. ने अपनी बेटी फातिमा र.अ. को बताया था इसलिए इसको सोने से पहले और हर नमाज़ के बाद ज़रूर पढ़ें इसके बेशुमार फायदे हैं |
8. अस्ताग़फिरुल्लाह
तर्जुमा : मैं अल्लाह से मगफिरत ( गुनाहों की माफ़ी ) चाहता हूँ।
फ़ायदा : अपने किये गए गुनाहों पर अल्लाह की सज़ा से बचने के लिए बहुत मुफीद है ।
9. आयतुल कुरसी
सोने से पहले और हर नमाज़ के बाद पढ़ें।
अगर आप सोने पहले पढेंगे तो अल्लाह आपके लिए एक मुहाफ़िज़ फ़रिश्ता भेजता है और वो सुबह तक आपकी हिफाज़त करता है और कोई भी शैतान उस वक़्त तक आपके पास नहीं आएगा।
फ़ायदा : जो लोग नमाज़ के बाद इसे पढ़ते हैं , वे जन्नत में इंशा अल्लाह ज़रूर दाख़िल होंगे ।
10. दुरूद शरीफ़
जितनी बार हो सके पढ़ें सब से बेहतर दुरूदे इब्राहीमी है जो नमाज़ में पढ़ी जाती है
वरना पढ़े : अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मद व अला आलि मुहम्मद
फायदा और फ़ज़ीलत : जो शख्स एक बार अल्लाह के रसूल स.अ. पर एक बार दुरूद भेजता है अल्लाह तआला उस पर 10 बार दुरूद भेजते हैं 10 गुनाह माफ़ कर देते हैं और 10 दरजात बलंद फरमाते हैं |
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Great blog, continue the good work!