Surah Tauba Facts Hindi |
सूरह तौबा के शुरू में बिस्मिल्लाह क्यूँ नहीं लिखी जाती ?
अगर आपको मालूम न हो तो बता दें कुरान में सूरह तौबा ( जो 10 वें पारे में है ) अकेली ऐसी सूरह है जो बिस्मिल्लाह से शुरू नहीं होती । जबकि कुरान में और दूसरी सभी सूरह बिस्मिल्लाह से शुरू होती हैं। ऐसा क्यूँ है ज़रा जान लेते हैं
सूरह तौबा की कुछ ख़ासियत
इसका नाम सूरह बरात भी है क्यूंकि इस में मुशरिकीन से बरी होने का ज़िक्र है
और इस का नाम तौबा भी है क्यूंकि इस में मुसलमानों की तौबा कुबूल होने का बयान भी है
और सब से अहम् बात इस के शुरू में बिस्मिल्ला नहीं पढ़ी जाती इसकी वजह ये है कि
1.आम तौर से जो भी सूरत नाजिल ( उतरती ) होती तो बिस्मिल्ला के साथ नाजिल होती थी लेकिन इस सूरत के साथ बिस्मिल्ला नाजिल नहीं हुई और न ही रसूल स.अ. ने बिस्मिल्ला के साथ इसको लिखवाया |
2.सूरह तौबा अपने से पहली सूरत सूरह अन्फाल का ही जुज़ ( हिस्सा ) है |
3.इस में मुशरिकों के खिलाफ अल्लाह के गुस्से और बेजारी का ऐलान है और ऐसी ही आयत से इस सूरह की शुरुआत है |
इस सूरह का नाम सूरह तौबा क्यूँ पड़ा ?
इस में तीन सहाबा की तौबा का भी ज़िक्र है जो जंगे तबूक से पीछे रह गए थे हुआ ये था कि रसूल स.अ. “तबूक” की तरफ लश्कर ले कर रवाना हुए तो तीन सहाबा जिन के नाम ( कअब बिन मालिक , हिलाल बिन उमय्यह, मुरारह बिन रबी र.अ.) सुस्ती की वजह से कि आज निकल जायेंगे कल निकल जायेंगे यही सोचते रहे और लश्कर से पीछे रह गए जब नबी स.अ.”तबूक” से वापस आए तो मुनाफिक़ीन जो जंग में शामिल नहीं हुए थे आकर बहाने बताने शुरू किये |
लेकिन इन तीन सहाबा ने सब कुछ सच बता दिया कि ए अल्लाह के रसूल हमारे पास सफ़र के सारे वसाइल मुहय्या थे लेकिन सुस्ती की वजह से हम नहीं पहुँच सके |
तो अल्लाह ने उन सहाबा का इम्तेहान लिया करीब 55 दिनों तक सोशल बाईकाट का हुक्म दिया यहांतक कि कोई उन से बात भी नहीं कर सकता था लेकिन वो सहाबा अल्लाह और उस के रसूल की मुहब्बत में खरे उतरे और अपने पैरों को डगमगाने नहीं दिया |
आखिरकार न सिर्फ़ इन सहाबा की तौबा कुबूल हुई बल्कि अल्लाह और उस के रसूल के नज़दीक इन का मर्तबा और बुलंद हो गया |
देखें : सूरह तौबा की तफसीर
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Assalamualaikum surah tauba 11 pare me nahi hai surah tauba 10 pare me hai baraye maharbani apna article sahi kare…..।
walaikumus salam
aap ka bahut shuriya is mistake ko theek karane ke liye
ek baar phir bahut shukriya