Dua Of Yunus A.S.
मुश्किल वक़्त में युनुस अ.स. की दुआ हर मुसलमान को याद होना चाहिए
आप देखेंगे कि कुरान ने कई नबियों का ज़िक्र किया है और उनका किस्सा बयान किया है , हर किस्से में आप पाएंगे कि हर एक पैगंबर दुःख, मुश्किल और आजमाइशों से गुजरा और उनके ये सभी हालात कुरान में हैं। और पैगम्बरों ने अपने मुश्किल हालात में जो दुआ पढ़ी और कुबूल हुई कुरान ने उसी दुआ को उस पैगम्बर के किस्से में बयान किया है ताकि आने वाले तमाम इंसान ऐसी दुआओं का फायदा उठायें ।
यूनुस (अ.स.) अल्लाह तआला के भेजे हुए पैगंबर थे, उन्होंने मुश्किल वक़्त में जब वह मछली के पेट में थे दुआ पढ़ी, और इसी दुआ से उन्हें मदद मिली। इस दुआ में बंदा अपनी ज्यादतियों और गुनाहों का एतराफ करता है और अल्लाह की पाकी बयान करता है |
इस दुआ को पढ़ें , और याद करने की कोशिश करें ताकि जब भी आपको अपनी ज़िन्दगी में किसी भी मुश्किल का सामना करना पड़े, तो आप जब चाहे तब इसे पढ़ सकें और दुसरे मुसलमानों को भी सिखा सकें |
जब भी कोई दुआ मांगे तो…
और उलमा फरमाते हैं कि जब भी कोई दुआ मांगे पहले तीन बार इस दुआ को ज़रूर पढ़े इंशा अल्लाह दुआ ज़रूर कुबूल होगी |
अगर किसी मुक़दमें में फंसे हो या किसी तकलीफ और मुसीबत से दो चार हों तो
इस दुआ को एक या कई लोग मिलकर सवा लाख बार पढ़े
नोट : इस वज़ीफे का कई बार तजरबा किया गया है
दुआ (Dua Of Yunus A.S.) ये है …
English : La Ilaha Illa Anta Subhanaka Inni Kuntu Minaz Zalimeen
Hindi : ला इलाहा इल्ला अंता सुब हानाका इन्नी कुन्तु मिनज़ ज़ालिमीन
तर्जुमा : (युनुस अ.स. ने अल्लाह को पुकारा ) आप के सिवा कोई माबूद नहीं और आपकी ज़ात हर ऐब से पाक है यक़ीनन मैं ही जालिमों में था
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