Kidney Stone Ka ilaaj aur wazifa
गुर्दे और पित्ते की पथरी का इस्लामी इलाज
इस मशीनी दौर में जितनी तरक्की हो रही है इंसान जिस्मानी तौर पर उतना ही कमज़ोर हो रहा है और हेल्थ को लेकर तरह तरह की प्रोब्लम सामने आ रही हैं | उन ही में से है गुर्दे और पित्ते की पथरी ( kidney stone ) जो कि बहुत ही आम है |
यहाँ पर इस के इलाज से रिलेटेड एक वज़ीफ़ा हम बता रहे हैं जिसको अगर मरीज़ को बराबर पिलाया जाये तो अल्लाह त आला बहुत जल्द इस मर्ज़ से छुटकारा दिलायेगा ( इंशा अल्लाह )
दवा, इलाज, वज़ीफ़ा आप कुछ भी करें लेकिन एक बात हमेशा याद रखें कि इन चीज़ों में शिफा डालने वाली ज़ात अल्लाह की है वो चाहेगा तो शिफा मिलेगी वरना इन दवाओं के अन्दर किसी को शिफा देने की ताक़त नहीं |
एक अहम् वाकिया
एक बार मूसा अ.स. को पेट में या कहीं पर सख्त दर्द हुआ तो उन्होंने अल्लाह से दुआ की कि “ए अल्लाह मुझे इस मर्ज़ से नजात दे” तो अल्लाह तआला ने उनको एक पेड़ के पत्ते को दवा के तौर पर इस्तेमाल करने को कहा तो मूसा अ.स. ने ऐसा ही किया और उनका दर्द चला गया |
यही दर्द जब मूसा अ.स. को दूसरी बार हुआ तो उन्होंने फिर उस पेड़ के पत्ते को इस्तेमाल किया लेकिन उनका दर्द नहीं गया तो अब मूसा अ.स. ने दुआ की कि ए अल्लाह मैंने तो वही किया जो पहले किया था लेकिन मेरा दर्द नहीं गया तो अल्लाह ने फ़रमाया कि पहले तुम ने मुझ से शिफा मांगी थी तो मैंने शिफा उस पत्ते में डाली और तुम ठीक हो गए लेकिन दूसरी बार तुम ने मुझ से शिफा नहीं मांगी बल्कि तुम ने उस पेड़ के पत्ते को ही शिफा देने वाला समझ लिया इसलिए तुम ठीक नहीं हुए |
इसलिए अल्लाह पर यकीन पहले है और इलाज बाद में है चलिए अब वज़ीफे की बात करते हैं
गुर्दे और पित्ते की पथरी का वज़ीफ़ा
इस आयत को रोजाना 41 बार पानी पर दम करें
और उस वक़्त तक मरीज़ को पिलायें जब तक कामयाबी न हो
English Me
हो सकता है किसी को इसकी ज़रुरत हो इसलिए इसे खूब शेयर करें