Kiski Dua Qubool Hoti Hai
5 तरह के लोगों की दुआ ज़रूर क़ुबूल होती है
पैगंबर मुहम्मद (स.अ.) का फ़रमान, जब भी कोई व्यक्ति अल्लाह तआला से कोई दुआ करता है, तो अल्लाह उसकी दुआ क़ुबूल करते है या उसके रास्ते में आने वाली किसी प्रकार की परेशानी को दूर कर देते है। अगर वह किसी ऐसी चीज के लिए दुआ करता है जो इस्लाम में न काबिले क़ुबूल हो या इस्लाम के नियमों को तोड़ती हो, तो वो दुआ किसी भी कीमत पर क़ुबूल नहीं होती है।
हदीस में फरमाया गया है कि ये 5 लोग हैं जिनकी दुआ अल्लाह तआला कभी भी रद नहीं करते है;
1. एक बीमार शख्स की दुआ
कोई शख्स बीमार हो और तकलीफ़ में मुब्तिला हो तो ज़ाहिर है उस दर्द को अल्लाह के अलावा कोई और समझ नहीं सकता तो ऐसा सख्स अगर दुआ करता है तो ज़रूर कुबूल होती है|
2. एक रोज़ेदार शख्स की दुआ
रोज़ेदार शख्स की दुआ बहुत जल्द क़ुबूल होती है, उलमा ने रोज़े की हालत में दुआ करने और नमाज़ पढने को सुनहरा वक़्त बताया है।
3. अपने बच्चों के लिए बाप की दुआ
आमतौर पर, एक माँ अपने बच्चों के लिए दुआ करती है, और वो क़ुबूल होती है लेकिन एक बाप अपने बच्चों के लिए शायद ही कभी दुआ करता है, लेकिन जब भी कोई बाप अपने बच्चों के लिए दुआ करता है तो ज़रूर कुबूल होती है ।
4. किसी शख्स की दुआ दुसरे शख्स के लिए उसकी ग़ैरहाज़िरी में
जैसे साजिद ने हामिद के लिए दुआ की जब हामिद वहां मौजूद नहीं था और हामिद को पता भी नहीं कि साजिद मेरी बेहतरी के लिए दुआ कर रहा है तो ऐसे किसी दोस्त या किसी और के लिए दुआ की जाये अल्लाह तआला उस दुआ को कभी नहीं ठुकराते और यक़ीनी तौर पर कुबूल करते हैं ।
5. सफ़र करते वक़्त मुसाफ़िर की दुआ
इसी तरह , जब कोई सफ़र कर रहा हो और उन ही सफ़र की मशक्क़तो के बीच दुआ करता है तो अल्लाह उसको ज़रूर कुबूल करते हैं ।
ऐसा भी होता है कि अल्लाह तआला किसी ख़ास वक़्त में दुआ कुआ कुबूल करते है उस में जुमा के दिन अस्र से मगरिब के दरमियान की गयी दुआ कुबूल होती है।
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