Tahajjud Me Kaise Uthe
तहज्जुद में उठने के लिए इस दुआ को पढ़ें
तहज्जुद ( Tahajjud ) का मतलब ऐसे वक़्त में इबादत करना जिस वक़्त अक्सर दुनिया सो रही हो, और आप अल्लाह से नमाज़ और दुआ के ज़रिये ताल्लुक़ बनाये हुए हों, ये ऐसा वक़्त होता है जब आप कुछ भी मांगते हैं तो अल्लाह कुबूल करते है लेकिन ऐसे वक़्त में वही उठता है जो वाक़ई अल्लाह का बंदा है तो अल्लाह क्यूँ न ऐसे बन्दे के लिए अपनी रहमत के दरवाज़े खोल दे |
तो अगर आप भी तहज्जुद की नमाज़ के लिए उठना चाहते हैं लेकिन उठ नहीं पा रहे हैं तो रात को सोते वक़्त कुरान की इन आयतों को पढ़ लें इससे न सिर्फ अल्लाह की तरफ से आपकी हिफाज़त होगी बल्कि आप जब चाहेंगे तब उठ जायेंगे |
वो आयतें सूरह कहफ़ ( Surah Kahaf ) की आख़िरी पांच आयतें हैं
1. इन्नल लज़ीना आमनू व अमिलुस सालिहाति कानत लहुम जन्नातुल फिरदौसि नुज़ुला
2. खालिदीना फ़ीहा ला यब्गूना अन्हा हिवला
3. कुल लौ कानल बहरू मिदादल लिकलिमाति रब्बी वलौ जिअना बिमिसलिही मददा
4. कुल इन्नमा अना बशरुम मिस्लुकुम यूहा इलैय अन्नमा इलाहुकुम इलाहुव वाहिद
5. फ़मन कान यरजू लिकाअ रब्बिही फ़ल यअमल अमलन सालिहव वला युशरिक बि इबादति रब्बिही अहदा
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