Namaze Ishraq Kaise Padhen | Nafl Namaz | नमाज़े इशराक़ कैसे पढ़ें

Namaze Ishraq Kaise Padhen

Namaze Ishraq Kaise Padhen | Nafl Namaz

नमाज़े इशराक़ कैसे पढ़ें ?

इशराक़ का मतलब

सूरज का निकलना, चमक, रौशनी

इसको नमाज़े इशराक़ क्यूँ कहते हैं ?

क्यूंकि ये नमाज़ सूरज के निकलने पर पढ़ी जाती है इसलिए नमाज़े इशराक़ कहते है, कुछ लोग इसको इशराक़ की नमाज़ भी कह देते हैं |

ये एक नफ्ल नमाज़ है, अगर कोई इसे पढ़ता है तो अल्लाह की तरफ़ से बड़ी फजीलतों से नवाज़ा जाता है, और नफ्ल नमाज़ चूंकि इंसान पर फ़र्ज़ नहीं है लेकिन फिर भी अगर वो अल्लाह की मुहब्बत के वास्ते पढ़ रहा है तो अल्लाह उसके दरजात बलंद कर देता है और दुनिया और आख़िरत में उसे Promotion दे देता है |

Namaze Ishraq Kaise Padhen

इशराक़ की नमाज़ की फ़ज़ीलत

हज़रत अबू ज़र र.अ. से रिवायत है कि रसूलुल लाह स.अ. ने फ़रमाया : अल्लाह त आला फरमाते हैं कि ए इब्ने आदम तू दिन के शुरू हिस्से में 4 रकात नमाज़ पढ़ लिया कर मैं दिन के ख़त्म होने तक तेरी किफ़ालत करूंगा |

हज़रत अनस र.अ. से रिवायत है कि रसूलुल लाह स.अ. ने फ़रमाया : जिस शख्स ने फ़ज्र की नमाज़ जमात के साथ अदा की फिर सूरज के निकलने तक अल्लाह का ज़िक्र करते बैठ गया, और फिर दो रकात नमाज़ पढ़ी तो उस के लिए एक हज और उमरे का सवाब मिलता है |

नमाज़े इशराक़ का वक़्त

सूरज जब निकलता है तो वो मकरूह वक़्त है ऐसे में कोई नमाज़ पढ़ना मकरूह है, लेकिन सूरज निकलने के क़रीबन 20 मिनट गुज़र जाने के बाद इशराक़ का वक़्त शुरू होता है  तब आप इस नमाज़ को पढ़ें |

Namaze Ishraq Kaise Padhen

इशराक़ की नमाज़ में कितनी रकातें पढ़ें

कम से कम 2 पढ़ें और ज़्यादा से ज्यादा 8 पढ़ सकते हैं |

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8 Comments on “Namaze Ishraq Kaise Padhen | Nafl Namaz | नमाज़े इशराक़ कैसे पढ़ें”

    1. Jyada to humko pata nahi but haan 2 -2 rakt ki niyat karke parhne se hum darood sharif ko 4 baar parh lete hai jiska ek alag hi sukun hai

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