Lockdown Me kya Kare
6 चीज़ें हर मुसलमान को इस लॉक डाउन में करना चाहिए
दोस्तों ! हम इस लॉक डाउन में सभी लोग फुर्सत में हैं, और इसी खाली वक़्त में हम कई गुनाह करते रहते हैं लेकिन ज़रा रुकिए ! ये बहुत ही इबरत का और सोचने का वक़्त है देखा जाये तो ये सिर्फ एक ऐसी बीमारी है जो दुसरे तक फैलती है लेकिन इसी बीमारी ने न सिर्फ पूरी दुनिया को अपनी जगह पर रोक दिया बल्कि उसको कई साल पीछे कर दिया और ये बता दिया कि इंसान कितना भी तरक्क़ी कर ले खुदा नहीं बन सकता |
इस लॉक डाउन में जो कुछ सीखने को मिला वो कुछ इस तरह है
- यक़ीनन दुनिया के लिए इंसान खुद ही सब से बड़ा वायरस है
- कोई पीर, पुजारी, पंडित, मौलवी किसी को शिफ़ा नहीं दे सकता
- हम फास्ट फूड्स और दूसरी कई चीज़ों के बगैर भी जिंदा रह सकते हैं
- कुदरत के बनाये निज़ाम ही सब से बेहतर हैं और इसी में ही इंसान की भलाई है
- ज़रुरत से ज़्यादा पैसा बेकार चीज़ है
एक तरफ़ इस वायरस जैसी लानत और दूसरी तरफ इस लॉक डाउन में फुर्सत कि बैठे बैठे यक़ीनन आप बोर हो गए होंगे, यहाँ पर हम कुछ चीजें बता रहे हैं जिन पर अगर आप अमल कर ले गए तो इस वक़्त का इससे बेहतर इस्तेमाल नहीं हो सकता |
लॉक डाउन में की जाने वाली चीज़ें
1. कुरान की आख़िरी 10 सूरतों का तरजुमा और तशरीह पढ़ें
आप रोज़ नमाज़ में कम से कम 30 बार अलहम्दु शरीफ़ ( सूरह फ़ातिहा ) पढ़ते हैं लेकिन अल्लाह ने इसी सूरह को इतनी बार पढने को क्यूँ फ़रमाया है और सूरह फातिहा की सात आयतों का क्या मतलब होता है हम नहीं जानते, हालांकि अगर जान लें तो नमाज़ में हमारा दिल लगेगा और अल्लाह से हमारा ताल्लुक़ मज़बूत होगा |
और तरावीह में सूरह अलम तरा कैफ़ से सूरह नास तक आम तौर से पढ़ा जाता है और नमाज़ में भी ज़्यादातर लोग इसी को पढ़ते हैं इसलिए पूरा क़ुरान न सही लेकिन कम से कम ये सूरतें जो सब से छोटी हैं उनको पढ़ और समझ लें | और मैं आप को बता दूं कि ये तमाम सूरतें तर्जुमा और तशरीह के साथ हमारी इसी वेबसाइट पर मौजूद हैं मैं नीचे इसका लिंक दे दूंगा जिससे आपको पढना आसान हो जायेगा |
क़ुरान की सूरतें तरजुमे और मीनिंग के साथ पाने के लिए क्लिक करें
2. नमाज़ क़ायम करें
नमाज़ तो किसी भी हाल में माफ़ नहीं अगर मस्जिदें बंद हैं तो घर में आप पढ़ें, बेशुमार ऐसे लोग हैं जिन्होंने कभी घर में जाएनमाज़ भी नहीं बिछाई होगी, लेकिन ये मौक़ा है कि अपने घर को नमाज़ और अल्लाह के ज़िक्र से रौशन किया जाये |
3. तौबा करें
जो कुछ भी हम पर मुसीबत आती है वो हमारे किये हुए आमाल ही हमारे सामने आते है यही कुरान कहता है लिहाज़ा इस वक़्त नमाज़ें पढ़कर अपने गुनाहों पर शर्मिंदा होकर अल्लाह से मगफिरत मांगें |
4. सदक़ा करें
ये एक बला जो सभी को अपने लपेटे में लिए हुए है इस से बचने का एक रास्ता जो हदीस में बयान किया गया है कि सदक़ा बलाओं को टालता है इसलिए ये मौक़ा है गरीबों और ज़रूरतमंदों पर खर्च करते रहिये |
5. खौफ़ की नहीं उम्मीद की बात करें
कुरान में मौजूद है कि अल्लाह की रहमत से मायूस न हो इसलिए मुश्किल कैसी भी आन पड़ी हो उसको एक दिन इंशा अल्लाह ख़त्म हो जाना है |
6. मज़ाक़ न बनायें
ऐसी हालत में इस कुदरत की तरफ से आई वबा का मजाक बनाने से बचें कहीं ऐसा न हो कि खुद ही मज़ाक़ बन कर रह जाएँ |
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