Namaze Taravih Ki Dua With Translation
नमाज़े तरावीह की दुआ तर्जुमे के साथ
रमज़ान का मुबारक मौक़ा है, और इसकी बरकतें दिन और रात हम पर साया किये हुए हैं उन रहमतों और बरकतों में कुछ हिस्सा हमारा भी बन जाये, इसके लिए हमें उन इबादतों में भी हिस्सा लेना पड़ेगा जो इस महीने के लिए ख़ास इबादतें हैं |
दिन में जिस तरह रोज़ा रखते हैं उसी तरह रात में तरावीह पढ़ना इबादत है अगरचे इस वक़्त हम मस्जिद जा नहीं जा सकते लेकिन घर पर तरावीह ज़रूर पढ़ें, और तरावीह में हर चार रकात पर एक दुआ पढ़ी जाती है उस दुआ को ज़रूर पढ़ें |
वो दुआ ये है…..
Dua In Hindi : सुबहाना ज़िल मुल्कि वल मलकूत, सुब्हान ज़िल इज्ज़ति, वल अज्मति, वल हैबति, वल क़ुदरति, वल किबरियाइ, वल जबरूत
सुब्हानल मलिकिल हय्यिल लज़ी, ला यनामु वला यमूतु, सुबबूहुन कुद्दूसून, रब्बुना व रब्बुल मलाइकति वर रूह
अल्लाहुम्मा अजिरना मिनन नार, या मुजीरू, या मुजीरू, या मुजीर
Translation : पाक है वो अल्लाह जो मुल्क और बादशाहत वाला है, पाक है वो अल्लाह जो इज्ज़त वाला, और अज़मत वाला, और हैबत वाला, और कुदरत वाला, और बड़ाई वाला, और सतवत वाला है
पाक है वो अल्लाह जो बादशाह है, जिंदा रहने वाला कि न उसके लिए नींद है और न मौत है, वो बे इन्तेहा पाक है और बेइंतेहा मुक़द्दस है, हमारा परवरदिगार फरिश्तों और रूह का परवरदिगार है
ए अल्लाह हमें आग से बचाना ए बचाने वाले, ए बचाने वाले, ए बचाने वाले
ये दुआ कब पढ़ें ?
हर चार रकात के बाद इस दुआ को पढना है, दो रकात पर नहीं
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Mashallah nice info.