Zakat Ada Karne Ka Asan Tareeqa
ज़कात अदा करने का आसान तरीक़ा
अल्लाह तआला ने कुरान में नमाज़ के साथ ज़कात को कई जगह हुक्म फ़रमाया इससे इसकी अहमियत का पता चलता है इसी तरह हदीस में भी इस पर जोर दिया गया है इसलिए हर साहिबे निसाब मुस्लमान को चाहिए कि वो ज़कात अदा करे
ज़कात कब और किस पर फ़र्ज़ होती है और किन चीज़ों में फ़र्ज़ होती है इसको तो हम जानेंगे ही साथ में आपके लिए एक आसान तरीक़ा भी हम ने बताया है जिससे आप आसानी से इसे समझ सकेंगे, सब से पहले ये जान लीजिये कि…
ज़कात किसे कहते हैं ?
अल्लाह के लिए मुस्लमान फ़क़ीर को अपने माल का उतना हिस्सा दे देना जितना शरीअत ने तय किया है उसको ज़कात कहते हैं
ज़कात किस पर फ़र्ज़ होती है
इस दुनिया में बेशुमार मुसलमान हैं गरीब, अमीर तो क्या ज़कात सब पर फ़र्ज़ है, सब को अपने माल से ज़कात देना ज़रूरी है, तो इस मामले में ये जान लीजिये कि अल्लाह तआला ने जकात के लिए एक निसाब यानि लिमिट मुकर्रर की है कि अगर इतना रुपया आपके पास है तो आप पर जकात फर्ज होगी और अगर नहीं है तो ज़कात फ़र्ज़ नहीं |
वह निसाब और लिमिट ये है कि
साढे 52 तोला चांदी जो कि तक़रीबन 612 ग्राम बनती है
आपके पास जो चांदी है उसका वज़न 612 ग्राम या उससे ज़्यादा हो, या अगर वो न हो तो आपके पास इतना नगद रुपया या जेवर या सामाने तिजारत हो जिससे आप 612 ग्राम चाँदी ख़रीद सकते हैं, तो आपको साहिबे निसाब कहा जाएगा और साहिबे निसाब पर ज़कात फ़र्ज़ है
ज़कात कब फ़र्ज़ है ?
अगर आपके पास इतना माल है ( जितना ऊपर बताया गया ) और उस पर एक साल गुज़र गया तो ज़कात फ़र्ज़ है यानि अगर आपके पास माल अभी 6 महीने से है तो उसपर ज़कात फ़र्ज़ नहीं इसका मतलब है माल के ऊपर साल का गुज़रना ज़रूरी है
ज़कात किन चीज़ों में फ़र्ज़ है
यह भी अल्लाह तआला का हम पर फ़ज़ल है कि उसने हर हर चीज पर ज़कात फर्ज नहीं फरमाई, वरना माल तो बहुत सी शक्लों में होता है जैसे गाड़ी है, बंगला है, मोबाइल है, तो क्या सारी चीज़ों की ज़कात निकालनी होगी
नहीं, जिन चीजों पर ज़कात फर्ज है वह 4 चीज़ें हैं
1. नकद रुपया (कैश) चाहे वह नोट हो या सिक्के हों
2. सोना ( साढ़े सत्तासी ग्राम या उससे ज़्यादा हो ) चाहे ज़ेवर की शक्ल में हो या सिक्के की
3. चांदी ( 612 ग्राम या उससे ज़्यादा हो ) , चाहे वह ज़ेवर की शक्ल में हो या सिक्के की
कुछ लोग ये समझते हैं कि जो ज़ेवर औरत इस्तेमाल करती है उस पर ज़कात नहीं है यह बात दुरुस्त नहीं, सही बात यह है कि इस्तेमाली ज़ेवर पर भी ज़कात वाजिब है, हाँ ये बात याद रखनी चाहिए कि सिर्फ सोने-चांदी के जेवर पर जकात वाजिब है
अगर सोने चांदी के अलावा किसी और धात का ज़ेवर है चाहे प्लैटिनम ही क्यों ना हो उस पर जकात वाजिब नहीं, इसी तरह हीरे जवाहरात पर जकात नहीं जब तक तिजारत ( बिज़नेस ) के लिए ना हो बल्कि अपने इस्तेमाल के लिए हो
4. या तिजारत ( Business ) का माल हो
इस को अच्छी तरह समझें कहीं ऐसा न हो कि आप समझें कि मेरे पास 612 ग्राम चांदी और 87.50 ग्राम सोना तो है नहीं, तो मैं साहिबे निसाब नहीं हुआ और मुझ पर ज़कात फ़र्ज़ नहीं, तो ऐसा नहीं है
बल्कि अगर आपके पास इतना सोना चाँदी और तिजारत का माल मौजूद है जिसको अगर बाज़ार में बेचें तो उससे मिले हुए पैसों से 612 ग्राम चाँदी खरीदी जा सकती है तो आप पर ज़कात फ़र्ज़ है |
नोट : “बिज़नेस और तिजारत के माल का मतलब है कि जो चीज़ आपने बेचने या खरीदने के लिए ली है, जो चीज़ आपकी ज़रुरत के लिए है वो ज़कात के लिए काउंट नहीं की जाएगी जैसे आप के पास दो गाड़ियाँ हैं एक आपने अपनी ज़रुरत के लिए ली है और एक आपने बेचने के लिए ली है तो ज़कात सिर्फ बेचने वाली गाड़ी पर होगी अपनी गाड़ी पर नहीं“
औरतों से रिलेटेड ज़कात के मसाइल
ज़कात अदा करने का सब से आसान तरीक़ा ये है कि
6 स्टेप्स में हम आपको बताएँगे कि ज़कात कैसे निकालना है ….
1.ज़कात अदा करने के लिए साल में एक महीना मुक़र्रर कर लो मान लो रमज़ान का महीना
तो अब रमज़ान का महीना आया फिर देखो
2. सोना कितना है, चांदी कितनी है, और नक़द कैश कितना है ( चाहे बैंक बैलेंस हो या किसी के पास आपका पैसा है वो भी शामिल कर लो )
3. आपके पास दुकान है और उसका गोदाम है तो उसमें तिजारत का सामान कितना है या अगर कोई प्लाट और दूसरी चीज़ बिज़नेस के लिए खरीद रखी है तो इसको भी शामिल कर लो
4. अब इन सब को जमा करो देखो कितना माल बनता है, इसको जांचने का दूसरा तरीक़ा ये है कि देखो कि इन तमाम चीज़ों को बाज़ार में बेचें तो कितना रुपया मिलेगा, मान लीजिये कि इन सब की वैल्यू 1 लाख है
5. अब देखो मुझ पर दूसरों का क़र्ज़ कितना है
6. जितना भी क़र्ज़ देना है वो इस एक लाख में से माइनस कर ( घटा ) दो फिर जो रक़म बचे उस में से ज़कात अदा कर दो
लेकिन अगर आपके पास उस लिमिट की रक़म बची ही नहीं जिस में ज़कात फ़र्ज़ होती है तो आप पर ज़कात फ़र्ज़ नहीं, जैसे आज 14 मई को हमारे यहाँ 612 ग्राम चादी का रेट है 26,291 है, तो बताये गए तरीक़े पर सब कुछ जोड़ कर और माइनस कर के अगर 26,291 या उससे ज्यादा बचा है तो ढाई परसेंट ज़कात अदा होगी जो कि सिर्फ 658 बनती है |
अगर आपके पास इससे ज्यादा बचता है तो उसमें से ढाई परसेंट जोड़ कर ज़कात निकाल दें
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Mashaallah bht hi umda jankari ho gayi hai, jazakallah khair