3 Kaam Ramzan Khatm Hone Se Pahle
रमज़ान ख़त्म होने से पहले ये तीन काम ज़रूर करें
रमज़ानुल मुबारक अल्लाह का अता किया हुआ एक ख़ूबसूरत लम्हात वाला महीना अब हम से रुखसत हो रहा है, और अपने पीछे ईद की खुशखबरी छोड़ कर जा रहा है, लेकिन क्यूंकि रमज़ान का आखिरी दिन है तो ऐसे में हम को इन तीन बातों का ख्याल रखना चाहिए |
1. शुक्र
अल्लाह तआला ने आपको रोज़े रखने की तौफ़ीक़ दी, और इस पूरे महीने इबादतों में मशगूल रहने की तौफ़ीक़ दी, इसका शुक्रिया ज़रूर अदा करें क्यूंकि बहुत सारे लोग ऐसे हैं जो रोज़ा नहीं रख रहे थे या रखना चाहते थे लेकिन किसी बीमारी या मजबूरी की वजह से नहीं रख पाए तो अगर अल्लाह तआला ने आपको रमज़ान का हक अदा करने की तौफ़ीक़ दी है तो आप पर शुकराना वाजिब है |
2. इस्तिग्फार
इस्तिग्फार का मतलब होता है “अल्लाह से अपने गुनाहों की माफ़ी चाहना”
जिस तरह हरम शरीफ़ जैसी जगह पर किये गए गुनाह का अज़ाब कई गुना होता है, उसी तरह रमज़ान जैसे मुक़द्दस महीने में अगर सवाब कई गुना मिलता है तो अज़ाब भी कई गुना होता है, और फिर इंसान तो खताओं और गलतियों का पुतला है ही उससे गलतियाँ हो जाती हैं कभी जान बूझकर और कभी अनजाने में |
इसलिए हमें चाहिए कि रमज़ान ख़त्म होने पहले अल्लाह से अपने गुनाहों की बख्शिश चाहें क्यूंकि अभी रहमत की बारिश थमी नहीं है इसका भरपूर फायदा उठायें |
3. इनआम की रात की इबादत
ईद की चाँद रात एक इबादत की रात होती है जिसका नाम लय्लातुल जायेज़ह है जिसका मतलब है इनआम की रात और इस रात में अल्लाह तआला पूरे महीने में की गयी इबादतों का इनआम अता फरमाते हैं और ये कहते हैं कि
“है कोई मुझ से मांगने वाला जिसको मैं अता करूं और है कोई बखशिश मांगने वाला जिसको मैं बख्श दूं”
तो ऐसा बेहतरीन मौक़ा पूरे साल नहीं आएगा इसलिए इसको गनीमत जाने और इसको शोपिंग और दुसरे गैर ज़रूरी कामों में न लगें | और आज रात को सोने से पहले रात का थोड़ा सा हिस्सा अल्लाह की इबादत और दुआ में लगा दें, कुछ कहा नहीं जा सकता कि यही रात आप की ज़िन्दगी के लिए बहुत अहम् साबित हो जाये |
इस खैर की बात को फ़ैलाने में आप भी हिस्सा ज़रूर लें |