Eid Ke Din Ye Kaam Zaroor Karen
ईद के दिन ये 11 काम ज़रूर करें
ए मुहम्मदुर रसूलुल लाह के उम्मतियों, ए रोज़ेदारों, ए मोमिनों
आप सभी को आने वाली ईद का खुशियों भरा दिन मुबारक हो
ये वो दिन है जो अल्लाह तआला ने एक महीने तक रोज़े रखने के बाद अपने बन्दों को इनआम फ़रमाया है, ये वो दिन है जिसका हर मुसलमान को बड़ी शिद्दत से इन्तिज़ार रहता है, और यही वो दिन है जब बच्चे, जवान और बूढ़े सब अपने चेहरे पर ख़ुशी की फुहार लिए ईदगाह की तरफ चल पड़ते हैं और वहां नमाज़ अदा करते हैं |
लेकिन दोस्तों ! लॉक डाउन के चलते हम इकठ्ठा होकर नमाज़ की अदायगी और ख़ुशी का इज़हार तो नहीं कर सकते, लेकिन इस मुश्किल घड़ी में भी अल्लाह का ज़िक्र दुआ और सदक़ा बिलकुल न छोड़ें, क्यूंकि नेक बंदा वही है जो हर हाल में अल्लाह को राज़ी करने में लगा रहता है, और ज़माने के उलटफेर उसकी राह में रुकावट नहीं बनते |
आइये हम ईद को ठीक से मनाने के लिए कुछ बातें सीख लें
1. सद्क़तुल फ़ित्र ( फितरा )
फ़ित्र या फितराना जैसा कि ईद की नमाज़ से पहले ही अदा करने का हुक्म है इसलिए उसको ईद से पहले ही अदा करते हुए किसी गरीब को दे दें ताकि वो लोग भी इन खुशियों में शामिल हों |
2. फज्र की नमाज़ जमात के साथ पढ़ें
सुबह को जल्द उठ कर सब से पहले फज्र की नमाज़ पढें
3. मिस्वाक करें
मिस्वाक हमारे नबी की सुन्नत है इसको इस दिन ज़रूर करना चाहिए
4. गुस्ल करें
गुस्ल करके अपने जिस्म को मुकम्मल पाक साफ़ करना ईद की नमाज़ के लिए बहुत ही अच्छा अमल है
5. ईद की नमाज़ अदा करें
अगर हो सके तो ईदगाह में वरना घर ही में एक जमात बना कर ईद की नमाज़ अदा करें
6. नया लिबास पहनें
नया लिबास पहनना मुस्तहब है लेकिन दिखावे के लिए नहीं, अगर नया न हो तो जो सब से अच्छा लिबास मौजूद वही पहन लें |
7. सब को ख़ुशी में शामिल करें
आपका खानदान, रिश्तेदार, पड़ोसी हो या आपके दोस्त हो, सब को मुहब्बतों के साथ खिला और पिला कर खुशियों में शामिल करें |
8. गरीबों और मिसकीनों के घर भी खुशियाँ पहुंचाएं
आप सेहतमंद हैं और आपके पास ज़रुरत से ज़्यादा सामान मौजूद है तो ये अल्लाह का फजल है, अब इस फजल का शुक्र अदा करने के लिए आप अपनी तरफ से हर मुमकिन कोशिश करें कि आपके आस पास कोई भी घर ईद की खुशियों से महरूम न हो |
9. यतीम के सर पर हाथ फेरें
माँ बाप कितनी बड़ी नेअमत होते हैं ये बात तो वही समझ सकता है जिसके माँ बाप न हों, हमारे नबी मुहम्मद स.अ. खुद यतीम थे, और वो उस दर्द को बहुत अच्छी तरह समझते थे, इसीलिए शरीअत में यतीम की ज़िम्मेदारी लेने पर बड़ी फ़ज़ीलत है
तो अगर आपके आस पास कोई बच्चा यतीम है, तो हम सबकी ज़िम्मेदारी बनती है कि उसे इस बात का अहसास न होने दिया जाये कि काश अगर मेरा बाप होता तो आज मैं भी नए कपडे पहनता |
10. रमज़ान की इबादतों को बर्बाद न करें
रमज़ान में तो खूब रोज़े रखे, दुआएं कीं, अल्लाह से रहमत और मगफिरत का सवाल किया, लेकिन जैसे ही ईद आयी तो कुछ ऐसे गुनाहों का इर्तिकाब किया जिससे रमज़ान का असर जाता रहा इसलिए ज़्यादा से ज़्यादा गुनाहों से बचने की अल्लाह से तौफ़ीक़ मांगें |
11. अल्लाह का शुक्र बजा लायें
अल्लाह ने आपको एक और ईद की ख़ुशी अता फ़रमाई है, अपनों का साथ नसीब फ़रमाया है इसके लिए अल्लाह का जितना भी शुक्र अदा करें कम है |
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