Teen Talaq Ka Ek Ajeeb Waqiya
तलाक़ का एक अजीब वाकिया
क़ुरतुबी ने नकल किया है कि ईसा बिन मूसा हाशमी जो खलीफा अबू जाफर मन्सूर के दरबार के ख़ास लोगों में से थे, और अपनी बीवी से बहुत मोहब्बत रखते थे, एक रोज चांदनी रात में बीवी के साथ बैठे हुए चाँद को देख रहे थे कि बातों बातों में बोल उठे “तुम को तीन तलाक हैं” अगर तुम चान्द से ज्यादा ख़ूबसूरत ना हो, यह सुनते ही बीवी उठकर पर्दे में चली गई यह कहते हुए कि आपने मुझे तलाक दे दी |
बात तो हंसी दिल्लगी में की थी मगर तलाक का हुक्म तो यही है कि किसी तरह भी तलाक का लफ्ज़ बीवी को कह दिया जाए तो तलाक हो जाती है वो हंसी दिल्लगी में हो या गुस्से में हो इस वजह से मूसा ने रात बड़ी बेचैनी और गम में गुजारी,
सुबह को खलीफा अबु जाफ़र मन्सूर के पास हाजिर हुए, अपना किस्सा सुनाया और अपनी परेशानी बताई तो ख़लीफ़ा मनसूर ने शहर के बड़े आलिमों और मुफ्तियों को जमा करके इसका मसअला पुछा
तो सबने एक ही जवाब दिया कि तलाक हो गई क्योंकि चांद से ज्यादा हसीन कोई इन्सान हो ही नहीं सकता |
मगर एक आलिम जो इमाम अबू हनीफा र.अ. के शागिरदो में से थे बिलकुल ख़ामोश बैठे रहे
मनसूर ने पूछा : आप क्यों खामोश हैं
तब यह बोले और बिस्मिल्ला हिर्रहमा निर्रहीम पढ़कर सूरह तीन ( वत तीनि वज़ ज़ैतून ) की तिलावत की जब आयत “लक़द खलक्नल इंसाना फ़ी अहसनी तक्वीम” पर पहुंचे जिसका मतलब है (हम ने इंसान को बेहतरीन सांचे में (ढाल कर) पैदा किया है )
तब फ़रमाया कि अमीरुल मोमिनीन : अल्लाह तआला ने हर इंसान का बेहतरीन होना ख़ुद बयान फरमा दिया है, कोई भी इससे ज्यादा हंसीन और ख़ूबसूरत नहीं है, यह सुनकर सब उलमा हैरत में रह गए और कोई मुखालिफत नहीं की
तो मंसूर ने हुक्म दे दिया कि तलाक नहीं हुई
इससे मालूम हुआ कि इंसान अल्लाह तआला की सारी मखलूक ( पैदा की गयी चीज़ों ) में सबसे ज्यादा हसीन है, जाहिर और बातिन दोनों के एतबार से भी, और ख़ूबसूरती के एतबार से भी, और बदन की बनावट के हिसाब से भी
उसके अन्दर कैसे-कैसे अजीब काम हो रहे हैं बिलकुल एक मुस्तकिल फैक्ट्री मालूम होती है जिसमें बहुत सी नाजुक मशीनें चल रही हों इसलिए फलसफ़ियों ने कहा है कि सारे आलम में जो चीजें बिखरी हुई है इन्सान के अन्दर जमा है |
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Assalam Alekum
teen talaq ka ye tarika thori hota hai please aap isko samjhayein kese sahi hai ye story kyunki teen talaq kar tareeka kuch aur hota hai