20 Eating Manners in Islam Hindi
खाने के 20 आदाब और सुन्नतें
इस्लाम में खाने के आदाब को सीखने और सिखाने पर बहुत ज़ोर दिया है। हर जिंदा शख्स, चाहे वह मुस्लिम हो या न हो, अच्छी तरह से जानता है कि खाने के आदाब और तौर तरीक़े उनकी ज़िन्दगी का बहुत अहम् हिस्सा हैं और ये अच्छे कैरेक्टर की निशानी है |
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि कैसा ही प्रोग्राम हो, खाना पीना हमारी ज़िन्दगी में एक बड़ा हिस्सा निभाता है और इसका अच्छे आदाब के साथ इस्तेमाल करना हमारी ज़िन्दगी और सेहत पर गहरा असर डालता है, इसीलिए अल्लाह तआला ने अपने पैगम्बर (मुहम्मद सल्लल लाहु अलैहि वसल्लम) के ज़रिये से हमें एक मिसाल दी है और तरीक़े बताये हैं कि किसी को कैसे खाना चाहिए, और कैसे नहीं, इन तरीकों में से कुछ खाना शुरू करने से पहले और कुछ खाना खाने के बाद हैं |
इन आदाब और तरीकों के पीछे बहुत सारी हिकमतें और फ़ायदे छिपे हुए हैं, उनमें से कई scientifically भी साबित हो चुके हैं । लेकिन सेहत के फायदों को एक तरफ करके, अगर हम मुसलमान अल्लाह कि रिज़ा और अपने नबी की सुन्नत की नियत करते हुए ये आदाब बजा लायें तो सेहत के फ़ायदे तो होंगे ही लेकिन जो सवाब हासिल होगा उसकी आप उम्मीद भी नहीं कर सकते , क्यूंकि अल्लाह के यहाँ फैसला हमारी नियतों को देख कर ही किया जाता है |
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कन्फर्म कर लें कि खाना हलाल है
1) वह खाना जो आप खाने वाले हैं, उसे हलाल तरीके से तैयार किया गया हो , (यानी चोरी या हराम के पैसे वगैरा का खरीदा न गया हो )
2) अगर आप घर पर, या किसी भरोसेमंद मुस्लिम परिवार के सदस्य, या दोस्त के घर खाना खा रहे हैं, तो ठीक है । लेकिन अगर आप बाहर या किसी नई जगह पर खाना खा रहे हैं, तो हमेशा इस बात को सामने रखें कि खाना हलाल है या नहीं, अगर आप सफ़र कर रहे हैं और यह देख लें कि हलाल खाना कहां मिलेगा ।
उन खानों से जिन से रोका गया है
- सुअर का गोश्त
- उस जानवर का गोश्त जो इस्लाम के बताये तरीके से ज़बह न किया गया हो
- वो जानवर जो ज़बह करने से पहले मर गया हो
- खून
- कोई ऐसा खाना जो शराब के साथ खाया जा रहा हो
- कोई इंसानी जिस्म का हिस्सा
2. हमेशा खाने से पहले “बिस्मिल्ला” कहें
खाने से पहले अल्लाह का नाम लेना क्यूंकि ये अल्लाह ही की नेअमत है अगर आप जानना चाहते हैं कि खाने में कितनी नेअमते हैं तो आप को हमारी ये पोस्ट ज़रूर पढ़नी चाहिए, खाने में कितनी नेअमतें हैं ?
3. दाहिने हाथ ( right hand ) से खाएं
हमारे पैगंबर मुहम्मद (सल्लल लाहु अलैहि वसल्लम) खाना खाते वक़्त दाहिने हाथ का इस्तेमाल करते थे और दूसरों को भी ऐसा करने की सलाह देते थे।
4. खाते वक़्त अपना मुंह बंद रखें
खाना खाते वक़्त, चबाने वाली आवाज़ ( चपर चपर ) अच्छी नहीं मानी जाती है, इसलिए जब आप मुंह बंद कर लेते हैं तो आवाज़ कम हो जाती है |
5. एक साथ खाएं
अच्छे आदाब में से यह पसंद नहीं किया जाता है कि एक परिवार अलग-अलग वक़्त पर खाए बल्कि एक ही वक़्त में सभी को एक साथ खाना चाहिए। हमें अपने बड़ों यानि माँ बाप, दादा दादी से पहले खाना शुरू नहीं करना चाहिए।
6. आप जितना खा सकते हैं, उतना ही प्लेट में डालें
खाना बर्बाद नहीं करना चाहिए, पैगंबर मुहम्मद स. अ. ने किसी भी खाने को एक प्लेट में छोड़ने से मना फ़रमाया है क्योंकि उन्होंने फ़रमाया कि ‘आप नहीं जानते कि खाने के किस हिस्से में बरकत है ‘। खाना अल्लाह की नेअमत है, इसका ग़लत इस्तेमाल करना इस्लाम के खिलाफ है, |
7. जो आपके सामने है उसी में से खाएं
जो आपके सामने है उसमें से खाएं न कि जो दूसरों के सामने रखा हुआ हैं क्योंकि पैगंबर मुहम्मद स.अ. ने ‘उमर इब्न अबी सलामाह से फ़रमाया :
“बिस्मिल्लाह पढ़ो, अपने दाहिने हाथ से खाओ, और अपने सामने से खाओ ( बुखारी शरीफ़ )”
8. एक दम भरपेट न खाएं
खाने के मामले में बीच की राह चलें, न पूरा पेट भरना है और न ही खाली पेट रहना है, बल्कि जब हलकी सी भूक हो तभी खाना बंद कर दें |मुसलमानों के लिए इस बात पर ज़ोर दिया गया है कि वह अपने पेट को तीन तिहाई हिस्सों में बाँट दे, एक हिस्सा खाने के लिए, एक हिस्सा पानी के लिए, एक हवा के लिए, यक़ीन मानिए ! अगर आप इस पर अमल कर ले गए तो पेट की कोई भी प्रोब्लम आप को नहीं छुएगी |
9. सोने और चांदी के बर्तनों में न खाएं
सोने और चांदी के बर्तन में खाने-पीने से परहेज करना चाहिए, क्योंकि ये हराम है। हमारे नबी मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने इस बात से बहुत सख्ती के साथ मना किया है ;
10. तीन अंगुलियों से खाएं
तीन उंगलियों से खाना सुन्नत है; तीन से ज़्यादा इस्तेमाल करना लालच की एक निशानी है, लेकिन अगरकिसी वजह से तीन से ज़्यादा का उपयोग करना ज़रूरी हो तो चौथे या पांचवें का इस्तेमाल कर सकता है।
11. खाने के साथ फिजूलखर्ची न करें
खाने जो बच जाये उसे फेंके नहीं बल्कि ज़रुरत मंद को को इसे अच्छी तरह से पेश करें
12. आपके पास जो कुछ भी है, उसे दूसरों के साथ शेयर करें
खाने के आदाब में यह भी शामिल है कि दूसरों के साथ खाना वो दोस्त हो, परिवार हो या किरायेदार हो खाने को अपने पास रख कर खराब न करें, बल्कि इसे गरीबों में बाँट दें जिनके पास नहीं है
13. दावत देने वाले मेजबान के लिए दुआ करें
खाना पूरा होने पर अपने मेजबानों के लिए दुआ करना चाहिए ।
14. खाने में ऐब न लगायें
आप अपने घर में खा रहे हों या कि दुसरे घर में दावत पर आये हों लेकिन खाने के बाद इस तरह की बातें न करें कि खाना अच्छा नहीं था या इसमें कुछ कमी थी क्यूंकि ये आलः कि भेजी हुई नेअमत कि नाक़द्री हुई |
15. खाने के आखिर में अल्लाह का शुक्र अदा करें
खाने के बाद अलहम्दु लिल लाह कहें या पूरी खाने के बाद की दुआ पढ़ें
17. खाते वक़्त अपने सिर को ढक लें
एक मुसलमान के लिए खाने से पहले अपने सिर को ढंकना एक बहुत अच्छा और पसंदीदा अमल है ।
18. दस्तरख्वान बिछा कर खाना रखें
यह हमारे प्यारे पैगंबर की एक सुन्नत है खाते वक़्त दस्तरख्वान बिछा कर खाना
19. खाने के बाद मुंह को साफ़ करें (कुल्ली करना)
खाने के बाद हमें अपने दांतों के बीच सफाई करनी चाहिए, खाने के बाद मुंह को कुल्ला करना मुस्तहब है अगर मिस्वाक हो तो और अच्छा है
20. हाथ धोने से पहले उंगलियों को अच्छी तरह चाट लें
एक बार जब आप खाना ख़त्म कर लेते हैं, तो आपको अपनी उंगलियों को अच्छी तरह से चाटना चाहिए और उसमें खाना लगा नहीं रहना चाहिए ।
अल्लाह हम सबको अमल की तौफ़ीक़ अता फरमाए