20 Facts About Quran In Hindi | 20 अहम् बातें क़ुरआन के बारे में

20 Facts About Quran in hindi

20 Facts About Quran In Hindi |

20 अहम् बातें क़ुरआन के बारे में

आज हम उस किताब के बारे में बात करेंगे जिसको मुसलमान रोज़ाना नमाज़ में घर में, मदरसे में, देख कर या बगैर देखे याद कर के पढ़ते रहते हैं, सिर्फ़ यही नहीं बल्कि उस में लिखी हुई बातों पर सौ परसेंट ईमान रखते हैं, और यक़ीन रखते हैं कि इस पर अमल करने वाला जन्नत का हक़दार है और इस से मुंह फेरने वाला गुनाहगार है, तो चलिए 20 अहम् बातें क़ुरआन के बारे में ( 20 Facts About Quran In Hindi ) जानते हैं

1. क़ुरआन अल्लाह तआला की किताब है

क़ुरआन अल्लाह तआला की किताब है और इसमें अल्लाह के हुक्म लिखे हुए हैं, और अल्लाह तआला चाहते हैं कि बन्दे इसको पढ़ें और उस में बताये गए तरीक़ों के मुताबिक़ ज़िन्दगी गुजारें

2. क़ुरआन लफ्ज़ का मतलब है “पढ़ी जाने वाली किताब”

किसी भी किताब का जो टाइटल हो उसका कोई न कोई मतलब होता है तो उसी तरह यहाँ टाइटल क़ुरआन है और क़ुर आन का मतलब है हमेशा पढ़ी जाने वाली किताब, कोई भी किताब जब पढ़ ली जाती है तो उसे किनारे रख दिया जाता है लेकिन ये किताब ऐसी है जिसका पढ़ना कभी ख़त्म नहीं होता बल्कि एक बार मुकम्मल कर लेने के बाद फिर से शुरू हो जाता है

3 . सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली किताब

क़ुरआन दुनिया में सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली किताब है

4. क़ुरआन को कई नामों से जाना जाता है

ये किताब सिर्फ़ क़ुरआन के नाम से ही नहीं, बल्कि कई नामों से मशहूर है, जैसे अल किताब, अल फुरकान, अत तनज़ील, अज़-ज़िक्र, अन-नूर, अल हुदा वगैरह

5. इस किताब पर बहुत रिसर्च हुई है

क़ुरआन पर सबसे ज्यादा रिसर्च किया गया है और हमें साइंस के हर क्षेत्र की जानकारी मिलती है

6. कुरआन आख़िरी नबी पर नाज़िल हुआ (उतरा)

कुरान आख़िरी नबी हजरत मुहम्मद (सल्लल लाहु अलैहि वसल्लम) पर नाज़िल हुआ।और आपकी ज़िम्मेदारी थी कि क़ुरआन इस पैग़ाम को हर शख्स तक पहुँचाया जाये

7. क़ुरआन रमजान के महीने में नाज़िल हुआ

क़ुरआन रमजान के महीने में नाज़िल हुआ और इसके बारे में खुद अल्लाह तआला ने सूरह बकरह में फ़रमाया है कि “हमने इस कुरान को रमजानुल मुबारक के महीने में नाज़िल किया”

8. पूरे क़ुरआन को 30 भागों में बांटा गया है

क़ुरआन पाक में 30 पारे हैं यानी कुरान 30 भागों में विभाजित है।

9. क़ुरआन में 540 रुकू मौजूद हैं?

अल्लाह की मुकद्दस किताब कुरान में 540 रुकू हैं

10. क़ुरआने करीम में 6236 आयतें हैं

जवाब: क़ुरआन करीम में 6236 आयतें मौजूद है, आयतों से मिलकर रुकू बने हैं और रुकू से मिलकर पारे बने हैं और फिर 30 पारो से मिलकर पूरा कुरान में बना है

11. मुकद्दस किताब क़ुरआन में 14 सजदे हैं

क़ुरआन पाक में 14 आयतें ऐसी हैं जिनको पढ़ने के बाद सजदा करना वाजिब होता है और सजदा न करने वाला गुनाहगार होता है

12. इस में कुछ सूरतें मक्की और कुछ मदनी हैं

जो आयतें या सूरतें रसूल करीम (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) पर हिजरत से पहले मक्का में उतरी वो मक्की हैं और जो सूरतें हिजरत के बाद मदीने में उतरी वो मदनी हैं।

13. सबसे पहले आयत “इक़रा बिस्मी रब्बिक-अल-लज़ी” नाजिल हुई

सबसे पहली आयत “इक़रा बिस्मी रब्बिक-अल-लज़ी” नाज़िल हुई जो कि 30 वें पारे में सूरह अलक़ में है, और ये उस वक़्त नाज़िल हुई जब नबी करीम स.अ.गारे हिरा में में मौजूद थे

14. क़ुरआने पाक की सबसे आखिरी आयत कौन सी नाजिल हुई

क़ुरआने पाक की नाजिल होने वाली सबसे आखिरी आयत सूरह बकरा की (ٱلْيَوْمَ أَكْمَلْتُ لَكُمْ دِينَكُمْ وَأَتْمَمْتُ عَلَيْكُمْ نِعْمَتِى وَرَضِيتُ لَكُمُ ٱلْإِسْلَٰمَ دِينًا ۚ

15. पूरा क़ुरआने पाक 23 सालों में नाजिल हुआ

मुकम्मल क़ुरआने पाक 23 सालों में नाजिल हुआ।

16. क़ुरआन की सबसे बड़ी सूरह सूरह बक़रह है

सबसे बड़ी सूरह सूरह बकरा है जिसमें 286 आयतें हैं ये पहले पारे से शुरू होकर तीसरे पारे में ख़त्म होती है और तक़रीबन ढाई पारे की है ।

17. क़ुरआने करीम की सबसे छोटी सूरत सूरह कौसर है

क़ुरआन की सबसे छोटी सूरह सूरह कौसर है और इसमें सिर्फ़ तीन आयतें हैं और ये 30 वें पारे में है

18. सूरह इखलास को एक तिहाई कुरान कहा जाता है

क़ुरआन की सूरह सूरह इखलास को एक तिहाई कुरान के नाम से जाना जाता है, यानि इस सूरह को पढ़ने पर एक तिहाई क़ुरआन का सवाब मिलता है

19. सूरह अल काफिरून एक चौथाई कुरान कहा गया है

सूरह अल काफिरून को एक चौथाई कुरान के नाम से भी जाना जाता है, यानि इस सूरह को पढ़ने पर एक चौथाई क़ुरआन का सवाब मिलता है

20. इस किताब में अब तक कोई तब्दीली नहीं हुई ?

क़ुरआन मजीद में अब तक किसी किस्म की कोई तब्दीली नहीं हुई है, बल्कि इस मुकद्दस किताब का हर्फ़ हर्फ़ उसी हालत में है जिस हालत में नबी करीम (सल्लल्लाहु अलैहि सल्लम) अपनी उम्मत के लिए छोड़ कर गए थे। इस किताब में कोई तब्दीली हो भी नहीं सकती क्योंकि अल्लाह ने ख़ुद ही इसकी हिफाजत का वादा किया है।

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