Azan Ka Jawab Kaise De | अज़ान का जवाब कैसे दें

Azan ke ka jawab kaise de

Azan Ka Jawab Kaise De |

अज़ान का जवाब कैसे दें

अज़ान एक ऐसी आवाज़ है जो न तो कोई म्यूजिक है और न कोई नग्मा लेकिन इसके अन्दर लोगों का ध्यान खींच लेने की ताक़त भरपूर है इस आवाज़ को अल्लाह के बन्दे जैसे ही सुनते हैं वो अल्लाह के घर की तरफ़ परवानो की तरह टूट पड़ते हैं, क्यूंकि ये आवाज़ अल्लाह की तरफ़ बुलाती है कामयाबी की तरफ़ बुलाती है नमाज़ की तरफ़ बुलाती है और ये बताती है कि लोगों अल्लाह से बड़ा कोई नहीं है वही है जो इबादत के लाइक है और हज़रत मुहम्मद (सल्लल लाहु अलैहि वसल्लम) अल्लाह के रसूल हैं

Azan Ka Jawab Dene Ki Fazilat | अज़ान का जवाब देने की फ़ज़ीलत 

हदीस पाक में उस अज़ान का जवाब देने की बड़ी फ़ज़ीलत आई है कि जो शख्स अज़ान का जवाब देगा वो जन्नत में दाख़िल होगा तो अगर अज़ान देने वाले के साथ सवाब में आप भी शामिल होना चाहते हैं तो जैसे ही मुअज्जिन अज़ान के अल्फ़ाज़ कहे तो आप को उन अल्फ़ाज़ का जवाब ज़रुर देना चाहिए

Azan Ka Jawab Kaise De | अज़ान का जवाब कैसे दें

अज़ान का जवाब इस तरह दिया जायेगा कि जब मुअज्जिन कहे “अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर” तो आप जवाब में कहें “अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर” जब मुअज़ज़िन  कहे “अशहदु अल ला इलाहा इल्लल लाह” तो आप भी जवाब में कहें “अशहदु अल ला इलाहा इल्लल लाह” इसी तरह पूरी अज़ान का जवाब दिया जायेगा लेकिन “हय्या अलस सलाह” और “हय्या अलल फ़लाह” के जवाब में दुसरे अलफ़ाज़ कहे जायेंगे नीचे आप देख सकते हैं

अज़ान : अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर

तरजुमा :अल्लाह सब से बड़ा है अल्लाह सब से बड़ा है

जवाब : अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर


अज़ान : अश हदु अल ला इलाहा इल्लल लाह अश हदु अल ला इलाहा इल्लल लाह

तरजुमा : मैं गवाही देता हूँ कि अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं

जवाब : अश हदु अल ला इलाहा इल्लल लाह अश हदु अल ला इलाहा इल्लल लाह


अज़ान : अश हदु अन्ना मुहम्मदर रसूलुल लाह अश हदु अन्ना मुहम्मदर रसूलुल लाह

तरजुमा : मैं गवाही देता हूँ कि हज़रत मुहम्मद सल्लल लाहु अलैहि वसल्लम अल्लाह के रसूल हैं

जवाब : अश हदु अन्ना मुहम्मदर रसूलुल लाह अश हदु अन्ना मुहम्मदर रसूलुल लाह


अज़ान : हय्या अलस सलाह हय्या अलस सलाह

तरजुमा : आओ नमाज़ की तरफ़

जवाब : ला हौला वला क़ुव्वता इल्ला बिल लाहिल अलिय्यिल अज़ीम


तरजुमा : बुराई से बचने की ताक़त और नेकी करने की ताक़त अल्लाह की तौफ़ीक़ से ही हासिल होती है

अज़ान : हय्या अलल फ़लाह हय्या अलल फ़लाह

जवाब : ला हौला वला क़ुव्वता इल्ला बिल लाहिल अलिय्यिल अज़ीम


अज़ान : अस सलातु खैरुम मिनन नौम अस सलातु खैरुम मिनन नौम

जवाब : सदक्ता व बररता

तरजुमा : यक़ीनन तुम ने सच कहा और बड़ी नेकी की बात की


अज़ान : अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर

तरजुमा : अल्लाह सब से बड़ा है अल्लाह सब से बड़ा है

जवाब : अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर


अज़ान : ला इलाहा इल्लल लाह

जवाब : ला इलाहा इल्लल लाह

तरजुमा : अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लाइक नहीं


अज़ान के मुताल्लिक कुछ पूछे गए सवालात

सवाल : “हय्या अलस सलाह” और “हय्या अलल फ़लाह” के जवाब में “ला हौला वला क़ुव्वता इल्ला बिल लाह” क्यों पढ़ा जाता है

जवाब : जब मुअज्जिन कहता है “हय्या अलस सलाह हय्या अलल फ़लाह” आओं नमाज़ की तरफ़ आओं कामयाबी की तरफ़ तो ला हौल वाला क़ुव्वत का मतलब है कि बुराई से बचने की ताक़त और नेकी करने की ताक़त अल्लाह की तौफ़ीक़ से ही हासिल होती है अगर हम कोई भी नेकी का काम करते हैं मस्जिद की तरफ़ जाते हैं नमाज़ अदा करते हैं तो ये सिर्फ़ अल्लाह के फजल व करम से और उसकी तौफ़ीक़ से ही है

सवाल : एक साथ कई मस्जिद की अज़ानो की आवाज़ आने लगती है तो कौन सी अज़ान का जवाब दिया जाये

जवाब : सब से पहले जिस अज़ान की आवाज़ कानों में पड़ी है बस उसी का जवाब दें या जो मस्जिद घर से क़रीब हो उसकी अज़ान का जवाब देना चाहिए

सवाल : फज्र की अज़ान का जवाब कैसे दें

जवाब : जब मुआज्जिन कहे “अस सलातु खैरुम मिनन नौम” तो “सदक्ता व बररता” कहना चाहिए जिसका मतलब है “यक़ीनन तुम ने सच कहा और बड़ा नेकी का काम किया”

सवाल : क्या नापाकी में अज़ान का जवाब दे सकते हैं

हाँ बिलकुल दे सकते हैं, एक बात याद रखिये कि नापाकी की हालत में आप ना क़ुरान पढ़ सकते हैं और ना छु सकते हैं लेकिन कुरआन के अलावा जितने भी ज़िक्र अज्कार और तस्बीह हैं वो सब हम पढ़ सकते हैं

सवाल : कुरआन की तिलावत के वक़्त अज़ान होने लगे तो ?

जवाब : मुस्तहब तो ये है कि कुरआन बंद करके पहले अज़ान का जवाब दे दें फिर कुरआन की तिलावत शुरू करें

सवाल : जब टॉयलेट या बाथरूम में नहाते वक़्त क्या अज़ान का जवाब देंगे ?

जवाब : नहीं

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