Kisi Ko Takleef Me Dekhkar Padhne Wali Dua |
किसी को तकलीफ़ में देख कर पढ़ने वाली दुआ
जब आप अलग अलग लोगों से मिलें और उनसे हाल पूछें तो उनमें हर शख्स किसी न किसी तकलीफ़ में मुब्तला मिलेगा और अपनी उस मुसीबत से निकलने का हल तलाश रहा होगा तो जब हम ये देखते हैं तो क्या कभी गौर भी करते हैं कि इस मुसीबत में अल्लाह ने इसे डाल रखा है लेकिन मुझे बचा रखा है, ऐसा क्यूँ है ? क्या हम इस ज़मीन पर ख़ुदा की ख़ास मख्लूक़ हैं, यक़ीनन नहीं
तो हमें ख़ुदा की तरफ़ से मिली इस आसानी और सामने वाले शख्स की तंगी पर गौर करना चाहिए कि यही तकलीफ़ और यही परेशानी तो मुझ पर भी आ सकती थी क्यूंकि हर किसी की कश्ती भंवर में है किसी भी वक़्त किसी के साथ अनहोनी हो सकती है लेकिन मेरे साथ ऐसा नहीं हुआ तो इसकेलिए हमारी ज़ुबान पर हमेशा शुक्र के कलिमात होने चाहियें क्यूंकि ये अल्लाह की इनायत नहीं तो क्या है तो चलिए देखें कि हदीस पाक में इसके बारे में क्या बताया गया है
हदीस शरीफ़ में है कि तकलीफ़ और मुसीबत वाले को देख कर अपनी अच्छी हालत पर शुकरिया अदा करने से इस तकलीफ़ से हिफ़ाज़त हो जाती है यानि अगर आप किसी को तकलीफ़ में देखकर अपनी अच्छी हालत के लिए शुकरिया के कलिमात अदा करेंगे तो उस तकलीफ़ से (जिसमें सामने वाला मुब्तला है) आप महफ़ूज़ रहेंगे और हम सब यही चाहते हैं कि किसी भी परेशानी से हमेशा महफ़ूज़ रहें
तो हदीस में इस मौक़े पर पढने के लिए एक दुआ बतायी गयी है ( Kisi Ko Takleef Me Dekhkar Padhne Wali Dua ) जो अगर आप पढ़ेंगे तो शुक्र के अलफ़ाज़ आपकी ज़ुबान पर आएंगे और उस तकलीफ़ से हिफ़ाज़त में रहेंगे वो हदीस शरीफ़ ये है…
हदीस शरीफ़ : किसी तकलीफ़ में मुब्तला शख्स को देख कर जो ये दुआ पढ़ेगा, वो तकलीफ़ और मुसीबत से बच जायेगा ( तिरमिज़ी शरीफ़ 3432 )
الْحَمْدُ لِلَّهِ الَّذِي عَافَانِي مِمَّا ابْتَلاَكَ بِهِ وَفَضَّلَنِي عَلَى كَثِيرٍ مِمَّنْ خَلَقَ تَفْضِيلاً
In Hindi: अल हमदुलिल लाहिल लज़ी आफ़ानी मिम्मब तलाक बिही वफ़द द-लनी अला कसीरिम मिम्मन खलक़ तफ्दीला
In English : Alhamdulil Laahil Lazi Afani Mimmab Talaka Bihi, Wa Fad Dalani Ala Kaseerim Mimman Khalaqna Tafdeela
तरजुमा : तमाम तारीफें उस अल्लाह के लिए हैं जिसने इस तकलीफ़ से मुझे बचाया है जिसमें तू मुब्तिला हो गया है
याद रखियेगा कि ये दुआ किसी और ने नहीं बताई है बल्कि हदीस में बताया गया है तो इसकी फ़ज़ीलत का कहना तो अल्लाह त आला हम सबको इसके पढने की तौफ़ीक़ दे और ज़माने भर की तकलीफ़ों से नजात दे और दूसरों पर भी आसानी का मामला अता फ़रमाए
आमीन