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Waqf Amendment Bill 2025: Waqf Me Sanshodhan | इस्लाम में वक्फ़

Waqf Amendment Bill 2025:

Waqf Me Sanshodhan | इस्लाम में वक्फ़

1. Waqf क्या है? | वक़्फ़ का मतलब

इस्लाम में वक़्फ़ ( Waqf ) का मतलब है, किसी चीज़ को अल्लाह की राह में दीन के लिए या इन्सानियत की भलाई के लिए दे देना । यानि किसी शख्स के पास ज़मीन थी तो उसने सोचा कि अगर ये मैं दे दूं तो इस से मस्जिद बन जाये, यतीम खाना बन जाये या कोई अस्पताल या तालीमी इदारा बन जाये तो ये सोचकर हमेशा के लिए उसने अपनी ज़मीन दे दी तो कहा जायेगा कि उस शख्स ने अपनी ज़मीन को वक्फ़ कर दिया |

Waqf In Islam | इस्लाम में वक्फ़ की अहमियत

हदीस में है:

“إذا مات الإنسان انقطع عمله إلا من ثلاث: صدقة جارية، أو علم يُنتفع به، أو ولد صالح يدعو له.”

 

(मुस्लिम)

यानि इंसान जब इस दुनिया से चला जाता है तो कोई अमल तो कर नहीं पाता इसलिए उसको सवाब भी नहीं मिल पाता है लेकिन तीन चीज़ें है जिनसे मर जाने के बाद भी मुर्दे को सवाब पहुंचता रहता है : (1) सदक़ा-ए-जारिया (जैसे वक़्फ़), (2) ऐसा इल्म जो फ़ायदा पहुंचाए, (3) और नेक औलाद। तो मतलब ये है कि अल्लाह के नाम से कुछ वक्फ़ कर दिया तो जब तक वो बाक़ी रहेगा तब तक उसको इसका सवाब मिलता रहेगा |

Islamic History Of Waqf | वक़्फ़ की इस्लामी तारीख़ और सहाबा का तरीका

सहीह मुस्लिम की हदीस नंबर 1632 में ये ज़िक्र है कि हज़रत उमर रज़ि. को खैबर में एक ज़मीन मिली थी जिसको उन्होंने वक़्फ़ कर दिया था, इसी तरह और भी सहाबा ने अपनी ज़मीनें खेत, कुएँ, मकान, दुकानें वग़ैरह वक़्फ़ कर दिए थे, जो उनके लिए सदक़ा-ए-जारिया बन गए और वक्फ़ की गयी चीज़ों का सवाब हमेशा उनको इंशाअल्लाह मिलता रहेगा |

Muslim Waqf Today | आज मुसलमान वक़्फ़ क्यूँ नहीं करते ?

बड़े अफसोस की बात है कि आज अक्सर मुसलमान अल्लाह की दी हुई दौलत में से थोड़े से हिस्से को भी वक़्फ़ नहीं करते कि इन्सानियत का थोड़ा भला हो जाये, जबकि देखा जाये तो ये वक्फ़ करना हमारी आख़िरत का इंश्योरेंस है हमारे ही काम आने वाला है और मरने के बाद दो गज़ ज़मीन के अलावा वैसे भी कुछ हाथ नहीं लगता |

Waqf Board History | भारत में वक़्फ़ क़ानून

क़ानूनी तौर पर वक्फ़ एक्ट पहली बार 1954 में आया और फिर उसके बाद देश भर में वक़्फ़ बोर्ड बने जो मस्जिदों, कब्रिस्तानों, मदरसों और दुकानों जैसी जायदादों को मैनेज करते हैं और इसी तरह हिन्दुस्तान में वक़्फ़ का सिस्टम चल रहा था |

Waqf Property Issues | वक़्फ़ इदारे और मौजूद मसाइल

लेकिन गुज़रते वक़्त के साथ लोगों की बुरी नज़र इन वक़्फ़ जायदादों पर पड़ी तो उन पर ग़ैर-क़ानूनी क़ब्ज़े होने लगे और बोर्ड में कहीं कहीं पर भ्रष्टाचार, सिफ़ारिश, और ऐसे लोग लोग बैठ गए जो इन कुर्सियों पर बैठने के लायक़ नहीं थे कहीं जायदादों की सही लिस्टिंग और देखरेख नहीं है तो कहीं दस्तावेज़ ग़ायब हैं |

Waqf Amendment Bill 2025 | वक्फ़ पर सरकार की एंट्री

इन्ही कमियों को बेस बना कर सरकार एक Waqf Amendment Bill लेकर आई जिस में कई संशोधन थे और कई तब्दीलियाँ पेश की
वक़्फ़ बिल 2025 में की गई अहम तब्दीलियाँ

1. ग़ैर-मुस्लिम की बोर्ड में एंट्री :

इस नए बिल के मुताबिक़ वक़्फ़ बोर्ड में ग़ैर-मुस्लिम लोगों को भी शामिल किया जायेगा

2. बोर्ड में कम से कम दो महिलाएं ज़रूर शामिल होंगी

3. कोई भी विवाद या झगड़ा होता है तो ऐसे में स्टेट गवर्नमेंट ऑफिसर को फ़ैसला करने का हक़ होगा कि ये ज़मीन वक्फ़ की है या सरकार की, बोर्ड इसमें कुछ नहीं करेगा

4. वक्फ़ के खातों को ऑडिट कराने का हक़ सरकार अपने पास रखेगी और वक्फ़ बोर्ड किसी भी चीज़ की जानकारी देने से मना नहीं कर सकता

5. “वक़्फ़ बाय यूज़र” का ख़ात्मा:

पहले कोई जायदाद जो किसी मज़हबी काम के लिए काफ़ी अरसे से इस्तेमाल हो रही होती थी जैसे मस्जिद मदरसा यतीम खाना, क़ब्रिस्तान वगैरा तो उसको वक़्फ़ घोषित कर दिया जाता था लेकिन अब नया क़ानून कुछ इस तरह है — अब सिर्फ़ वो जायदादें ही वक़्फ़ मानी जाएँगी जो बाक़ायदा वसीयत या दान के ज़रिए वक़्फ़ की गई हों।

वक़्फ़ बिल 2025 पर विरोध और समर्थन

• एक तरफ़ सरकार इस बिल को उम्मीद की नयी किरन और सुधार की जानिब क़दम बता रही है

• दूसरी तरफ़ मुसलमान इस बिल को बड़ा ख़तरा बता रहे हैं और waqf protest कर रहे और उनके उलमा और मुस्लिम संगठनों का कहना है कि इससे वक़्फ़ की जायदादों पर सरकार अपना क़ब्ज़ा करने को आसान बना रही है

• और सियासी लोग अपने अपने नज़रिए से देख रहे हैं कोई इसकी हिमायत कर रहा है और कोई इसकी मुखालिफ़त कर रहा है और सोशल मीडिया पर #SaveWaqf ट्रेंड कर चुका है

Waqf Amendment Bill पर इतना बवाल क्यूँ ?

इस बिल पर इतना बड़ा बवाल होने की वजह ये है कि क्यूंकि इसमें ऐसी तब्दीलियाँ ज़बरदस्ती सरकार कर रही है कि जिस से वक्फ़ की जायदादों पर बोर्ड की ताक़त कमज़ोर हो जाएगी और सरकार की पकड़ मज़बूत हो जाएगी और मुसलमानों की वक्फ़ की हुई जायदादें पर सरकार अपनी मर्ज़ी से उलटफेर शुरू कर देगी जिससे समाजी और मज़हबी नुक़सान होना तय है

Waqf Amendment Bill 2025
aljazeera.com

Waqf Amendment Bill 2025 आख़िर पास हो गया

सब से पहले Waqf Amendment Bill लोक सभा में 3 April 2025 को पास हुआ उसके बाद राज्य सभा में 4 April 2025 को पास हुआ और फिर आख़िर में president द्रोपदी मुर्मू ने अपने अपने दस्तख़त करके इसको मंज़ूरी दे दी जिससे ये बिल अब क़ानून बन गया |

क्या सरकार ने ठीक किया ?

वैसे तो सरकार ने बोर्ड में भ्रस्टाचार का टैग लगा कर Waqf Bord को अपने क़ब्ज़े में ले लिया है और कहा है कि हम हर किसी को उसका हक़ देंगे, लेकिन डर तो इस बात का है कि सरकार अपनी पावर का इस्तेमाल बोर्ड की आवाज़ को दबाने के लिए न करने लगे और कहे कि ये मस्जिद या मदरसे की ज़मीन सरकार की है और बोर्ड कानून की बेड़ियों में फंस कर कुछ न कर पाए क्यूंकि उसकी सारी पावर सरकार ने छीन ली है |

मुसलमानो की कमियों पर इस तरह शिकंजा कसा गया जैसे दुनिया के सारे मज़हबों के मानने वाले बिलकुल दूध के धुले हुए हैं और वहां पर किसी भी तरह के amendment की ज़रुरत नहीं है |

क्या Waqf Bill 2025 को Supreme Court में चुनौती दे सकते हैं ?

बिलकुल, क़ानून के एक्सपर्ट और मुस्लिम उलमा और तन्जीमों का कहना है कि इस बिल के पास होने का मतलब संविधान के article 26 का उल्लंघन है (article 26 में है कि जो भी मज़हबी तन्जीमें हैं उनको अपने मामलात ख़ुद तय करने का हक़ है) तो इसको बेस बना कर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है |

Waqf Bill 2025 पास होने के बाद मुसलमान क्या करें ?

• मुसलमान वक़्फ़ की हिफ़ाज़त को अपनी दीनी जिम्मेदारी समझें
• हर मोहल्ले, कस्बे में वक़्फ़ निगरानी कमेटी बनाई जाए
• लोगों को क़ानूनी मालूमात होनी चाहिए ताकि अपने हक़ के लिए लड़ सकें

याद रखें ! वक़्फ़ कोई आम संपत्ति नहीं, ये एक अमानत है – अल्लाह और उम्मत की। अगर हम चुप रहे तो शायद आने वाली नस्लों की नज़र में हम मुजरिम बन जाएँ |

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