Ab To Bas Ek Hi Dhun Hai Naat Hindi |
अब तो बस एक ही धुन है
मदीना (Madina) जिस की एक झलक पाने का ख्व़ाब एक मुसलमान के दिल में हमेशा रहता है, और नबी पाक (सल्लल लाहु अलैहि वसल्लम) के रौज़े का दीदार से अपनी आँखों को मुनव्वर करना चाहता है तो इस तरह की तमन्ना और ख्व़ाब रखने वाले के दिल में क्या जज़्बात उमड़ते हैं ये आज हम एक नात की शक्ल में पेश करेंगे जिसमे शायर ने अपने जज़्बात को अल्फ़ाज़ में उतारा है और वो नात है अब तो बस एक ही धुन है (Ab To Bas Ek Hi Dhun Hai Naat Hindi)
यह नात हमारे प्यारे नबी ﷺ और उनके मुहब्बत भरे शहर मदीना के लिए गहरे इश्क और तलब का इज़हार है। इसके हर एक शेर में मदीना के दीदार की चाहत और उसके दर की मुहब्बत झलकती है। “गुम्बद-ए-ख़ज़रा“, “क़ब्र-ए-हसन” और “तैबा” जैसे उर्दू अल्फाज़ मदीना की पाकीज़गी को महसूस कराते हैं। इस नात में शायर अपनी दुआ के ज़रिए मदीना जाने और वहां के हर हिस्से को देख पाने की ख्वाहिश कर रहे हैं तो चलिए हम भी इस नात से लुत्फ़ अन्दोज़ हों |
Ab To Bas Ek Hi Dhun Hai Naat Hindi |
अब तो बस एक ही धुन है
अब तो बस एक ही धुन है कि मदीना देखूं
अब तो बस एक ही धुन है कि मदीना देखूं
मेरे मौला मेरी आंखें मुझे वापस कर दे
मेरे मौला मेरी आंखें मुझे वापस कर दे
ताकि इस बार मैं जी भर के मदीना देखूं
अब तो बस एक ही धुन है कि मदीना देखूं
जाऊं मैं शहरे नबी गुम्बदे खजरा देखूं
जाऊं मैं शहरे नबी गुम्बदे खजरा देखूं
और फिर क़बरे हसन तुरबते ज़हरा देखूं
अब तो बस एक ही धुन है कि मदीना देखूं
अश्क बरसाऊँ ग़मे आले मोहम्मद पे वहां
अश्क बरसाऊँ ग़मे आले मोहम्मद पे वहां
अपनी तारीक निगाहो में सवेरा देखूं
अब तो बस एक ही धुन है कि मदीना देखूं
जालियां देखूं कि दीवार दरो बामें हरम
जालिया देखूं के दीवार दरो बामे हरम
अपनी माजूर निगाहों से मैं क्या क्या देखूं
अब तो बस एक ही धुन है कि मदीना देखूं
मैं कहाँ हूं ये समझ लूं तो उठाऊं नजरे
मैं कहां हूं ये समझ लूं तो उठाऊं नजरे
दिल जो संभले तो मैं फिर गुंबद खजरा देखूं
अब तो बस एक ही धुन है कि मदीना देखूं
काश इकबाल यूं ही उम्र बसर हो मेरी
काश इकबाल यूं ही उम्र बसर हो मेरी
सुबह काबे में हो और शाम को तैबा देखू
अब तो बस एक ही धुन है कि मदीना देखूं
Ab To Bas Ek Hi Dhun Hai Naat English
Ab To Bas Ek Hi Dhun Hai Ke Madina Dekhun
Ab To Bas Ek Hi Dhun Hai Ke Madina Dekhun
Mere Maula Meri Aankhen Mujhe Wapas Kar De
Mere Maula Meri Aankhen Mujhe Wapas Kar De
Taaki Is Baar Main Ji Bhar Ke Madina Dekhun
Ab To Bas Ek Hi Dhun Hai Ke Madina Dekhun
Jaoon Main Shahre Nabi Gumbade Khazra Dekhun
Jaoon Main Shahre Nabi Gumbade Khazra Dekhun
Aur Phir Qabre Hasan Turbat Zahra Dekhun
Ab To Bas Ek Hi Dhun Hai Ke Madina Dekhun
Ashk Barsaun Game Aale Mohammad Pe Wahan
Ashk Barsaun Game Aale Mohammad Pe Wahan
Apni Tareek Nigahon Me Savera Dekhun
Ab To Bas Ek Hi Dhun Hai Ke Madina Dekhun
Jaaliya Dekhu Ke Deewar Dar-O-Bam-E-Haram
Jaliya Dekhu Ke Deewar Dar-O-Bam-E-Haram
Apni Mazoor Nigaahon Se Main Kya Kya Dekhun
Ab To Bas Ek Hi Dhun Hai Ke Madina Dekhun
Main Kaha Hoon Ye Samajh Loon To Uthaun Nazren
Main Kaha Hoon Ye Samajh Loon To Uthaun Nazren
Dil Jo Sambhle To Main Phir Gumbade Khazra Dekhun
Ab To Bas Ek Hi Dhun Hai Ke Madina Dekhun
Kash Iqbal Yun Hi Umr Basar Ho Meri
Kash Iqbal Yun Hi Umr Basar Ho Meri
Subah Kaabe Mein Ho Aur Shaam Ko Taiba Dekhun
Ab To Bas Ek Hi Dhun Hai Ke Madina Dekhun
नात के मुश्किल अलफ़ाज़ के मानी
- मदीना (مدینہ) – इस्लाम का पवित्र शहर, जहाँ पैग़म्बर मुहम्मद (ﷺ) का रौज़ा और क़ब्र मुबारक है।
- मौला (مولیٰ) – मालिक, प्रभु, अल्लाह।
- गुम्बदे खज़रा (گنبد خضرا) – मस्जिद-ए-नबवी का हरा गुंबद, जो पैग़म्बर मुहम्मद (ﷺ) के रौज़े पर बना है।
- क़ब्रे हसन (قبر حسن) – पैग़म्बर मुहम्मद (ﷺ) के नवासे, हज़रत इमाम हसन (र.अ.) की कब्र।
- तुरबते ज़हरा (تربت زہرہ) – हज़रत फातिमा ज़हरा (र.अ.) की कब्र।
- गमे आले मोहम्मद (غم آل محمد) – पैग़म्बर मुहम्मद (ﷺ) के ख़ानदान (अहले बैत) का दुख।
- तारीक निगाहें (تاریک نگاہیں) – अंधेरी या कमजोर नज़र।
- जालिया (جالیہ) – मस्जिद-ए-नबवी में मौजूद पवित्र जालियां।
- दरो बाम (در و بام) – दीवार और छत।
- हरम (حرم) – मस्जिद-ए-हरम या मस्जिद-ए-नबवी जैसे पाक जगह ।
- नज़रें उठाना (نظرے اٹھانا) – सिर उठाकर देखना।
- गुंबद खज़रा (گنبد خضرا) – हरा गुंबद।
- तैबा (طیبہ) – मदीना का एक और नाम।