Abe Zamzam Pine Ki Dua
आबे ज़मज़म (ज़मज़म का पानी) पीने का सही तरीका और दुआ
आबे ज़मज़म ( Abe Zamzam ) जो मक्का शरीफ़ में एक कुएं से निकलता है आपको मालूम होगा कि जब हज़रत इस्माईल अ.स. माँ की गोद में थे उस वक़्त हज़रत इब्राहीम ने अ.स. अल्लाह के हुक्म से दोनों माँ और बेटे को छोड़ कर चले गए थे, फिर जब तमाम पानी ख़त्म हो गया और हज़रत इस्माईल को प्यास लगी और प्यास के मारे वो अपनी एड़ियां ज़मीन में रगड़ रहे थे तो अल्लाह तआला ने उनकी एड़ियों के नीचे से एक चश्मा जारी किया जो कि आगे चल कर एक कुएं की शक्ल इख्तियार कर गया |
आज मक्का शरीफ़ जाने वाले तमाम लोग़ ख़ास कर हज करने वाले वापसी में अपने साथ ज़मज़म का पानी ज़रूर लाते हैं, पानी तो वैसे ही अल्लाह की बड़ी नेअमत है लेकिन इस पानी की भी एक अलग शान है इसलिए हम को ज़रूर जानना चाहिए कि जब हम इसे पियें तो सही तरीके से पियें |[checklist][/checklist]
ज़मज़म का पानी पीने का सही तरीका और दुआ
1. पीने से पहले बिस्मिल्लाह पढ़ें
2. फिर ये दुआ पढ़ें
Hindi : अल्लाहुम्मा इन्नी अस अलुका इल्मन नाफ़िआ, व रिज्क़न वासिआ, व शिफ़ा अम मिन कुल्लि दाअ
Translation : ए अल्लाह ! मैं तुझ से इल्मे नाफे का, और रिज्क की कुशादगी का, और बीमारी से शिफ़ा का सवाल करता हूँ
3. अगर मुमकिन हो किबला रुख हो जाएँ ।
4. कम से कम तीन घूंट में पिएं।
5. पीने के बाद अल्हम्दुलिल लाह पढ़ें |
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