Achche Khwaab Kaise Dikhte Hai
अच्छे ख्वाब के लिए आम तौर से बड़े बड़े जिक्रो अज्कार और वजीफे बताये जाते हैं लेकिन हदीस में इस का सब से बेहतर और अच्छा तरीका जो बताया गया है वह ये है कि इंसान को सच्चा और मुखलिस और नेकी के रास्ते पर होना चाहिए गुनाहों की गन्दगी को दूर रखना चाहिए शैतान से दूर और रहमान के करीब होना चाहिए ये ऐसा बेहतरीन नुस्खा है कि जिस पर अमल करने के बाद इंसान के अन्दर फरिश्तों वाली खूबियाँ पैदा हो जाती हैं जिस की वजह से उसे मुबारक और सच्चे ख्वाब नज़र आने लगते हैं
हदीसे मुबारका
सच्चे और अच्छे ख्वाब का तरीका तो वही है जो बताया गया लेकिन ज़ाहिरी तौर पर उलमा ने कुछ तरीके बतलाये हैं जिन्हें ज़रूर अजमाना चाहिए
सच्चाई को अपनाया जाये
- वजू करके बावुजू हालत में सोया जाये
- दायें करवट पर सोया जाये
- सूरह शम्स ( वश शम्सी व ज़ुहाहा ) , सूरह लैल ( वाल लैली इजा यग्श), सूरह तीन ( वत तीनि वज्ज़य्तून ), सूरह इखलास ( कुल हुवल्लाहु अहद ), सूरह फलक ( कुल अऊजु बिरब्बिल फलक ) और सूरह नास , ( कुल अऊजु बिरब्बिन नास ) पढ़ कर सोना
- अल्लाह से अच्छे ख्वाब की दुआ की जाये
सच्चे ख्वाब की कुछ शक्लें
- सुबह सादिक के वक़्त का ख्वाब सच्चा होता है
- सब से ज्यादा सहरी के वक़्त का ख्वाब सच्चा होता है
- क़यामत के करीब ख्वाब सच्चे होंगे क्यूंकि
- दिन और रात बराबर हों तो ख्वाब सच्चे होंते हैं
नबी स.अ. ने इक्तरब जमान का लफ्ज़ इस्तेमाल किया है जिसकी एक और तफसीर ये है कि दिन और रात का एक दुसरे के करीब होना मतलब ये है कि दिन और रात बराबर हों तो ख्वाब सच्चे होंते हैं