Allah ke 99 Names Ke Benefits Part 1
अल्लाह के 99 नाम के फ़ायदे
अल्लाह के 99 नाम ( Allah Ke 99 Names ) जिनको अस्माउल हुस्ना भी कहते हैं ये अल्लाह के अच्छे अच्छे नाम हैं जिनके बारे में क़ुरान कहता है कि
हिन्दी : वलिल लाहिल अस्माउल हुस्ना फ़दऊहु बिहा
Eng : Walil Laahil Asmaaul Husna, Fad Oohu Biha
Translation : अल्लाह के अच्छे अच्छे नाम हैं सो इन नामों से उसको पुकारा करो
और अल्लाह के नामों के बारे में हदीस कहती है कि
हज़रत अबू हुरैरा रज़ियल लाहु अन्हु से रिवायत है कि रसूलुल लाह सल्लल लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया : अल्लाह के 99 नाम हैं जो शख्स इनको याद रखेगा वो जन्नत में दाखिल होगा, इसी हदीस के दुसरे लफ़्ज़ों में ये है कि जो शख्स इनको याद कर लेगा और बराबर पढ़ता रहेगा वो ज़रूर जन्नत में दाखिल होगा
Benefits Of Allah Names In Hindi
1. अल्लाह | Allah
( उस जाते बारी तआला का नाम जिसके सिवा कोई इबादत के लाइक नहीं )
जो शख्स रोज़ाना 1000 बार “या अल्लाह” पढ़ेगा, तो इंशाअल्लाह उसके दिल से तमाम शक और शुबहे ख़त्म हो जायेंगे और मुकम्मल ईमान नसीब होगा
एक ऐसा मरीज़ जिसका मर्ज़ ला इलाज हो चूका हो और डाक्टर्स ने जवाब दे दिया हो तो वो इस नाम को ख़ूब पढ़े अगर उसकी मौत का वक़्त नहीं आया तो इंशाअल्लाह उसे शिफ़ा मिलेगी
2. अर रहमान | Ar Rahman
( बड़ा महरबान )
जो शख्स हर नमाज़ के बाद “या रह्मानु ” पढ़ेगा उसके दिल से इंशाअल्लाह हर क़िस्म की सख्ती और गफ़लत दूर हो जाएगी
अगर कोई चाहता है कि उसकी ज़रूरतें पूरी हों तो वो “या रह्मानद दुनिया वल आखिरह” को 41 बार रोज़ाना 41 दिन तक पढ़े
3. अर रहीम | Ar Raheem
( बहुत रहम करने वाला )
अगर कोई चाहता है कि उसके दरख़्त से निकलने वाले फलों में बरकत हो तो इस नाम को लिखे और पानी से धुले और धुला हुआ पानी अपने दरख्त में डाले
जो शख्स ये चाहता है कि अल्लाह की रहमत उसे हासिल हो और लोगों के दिल उसके लिए नर्म हों तो वो रोज़ाना इस नाम को 100 बार पढ़े
4. अल मलिकु | Al Malik
( सारे जहाँ का बादशाह )
अगर आप चाहते हैं आपके मन की मुराद मिल जाये तो सुबह की नमाज़ के बाद इस नाम को 3000 बार रोज़ाना पढ़े
5. अल-क़ुददूसु | Al Quddus
( बुराइयों से पाक ज़ात)
जो शख्स ये चाहता है कि सफ़र में उसको थकावट महसूस न हो तो सफ़र के दौरान इसको पढ़ता रहे
जो शख्स ये चाहता है कि नाजायेज़ खावाहिशों और शहवतों से बेपरवा हो जाये उसे चाहिए कि इस नाम को रोज़ाना 1000 बार पढ़े
6. अस-सलामु | As Salam
( तमाम आफ़तों और बुराइयों से महफ़ूज़, तमाम कमजोरियों से पाक बेऐब ज़ात )
जो अपने इल्म और (knowledge) में बढ़ोतरी चाहता है तो फ़ज्र की नमाज़ के बाद 1000 बार इसको पढ़ा करे
अगर किसी मरीज़ पर इस नाम को और “सलामुन क़ौलम मिर रब्बिर रहीम” 121 बार पढ़े तो इंशाअल्लाह मरीज़ को शिफ़ा मिलेगी नहीं तो कम से कम उसकी तकलीफ़ में कमी आ जाएगी
7.अल-मुअ’मिन | Al Mua’min
( अम्न देने वाला )
अगर कोई किसी खौफ़ या डर के वक़्त हर तरह के नुक़सान से महफूज़ रहना चाहता है तो इस नाम को 630 (छे सौ तीस) बार पढ़े
कोई मुसाफिर अगर सफ़र के दौरान “या सलामु या मुअ’मिनु” को पढ़ता रहे तो अल्लाह तआला उसे हर तरह के खौफ़ और नुक़सान से सलामत रखेंगे
8. अल-मुहैमिन | Al Muhaimin
( सब का निगेहबान )
अगर कोई ग़ुस्ल करके तवज्जो के साथ तन्हाई में दो रकात नमाज़ पढ़े और 100 बार “या मुहैमिन” पढ़े तो इंशाअल्लाह उसकी मुराद पूरी होगी और उसके दिल में नूर पैदा होगा
9. अल-अज़ीज़ | Al Azeez
(जो सब पर ग़ालिब हो)
अगर कोई शख्स चालीस दिन तक चालीस बार “या अजीज़ु” पढ़ता है तो अल्लाह तआला उसे मुआज्ज़ज़ और मुस्तग्नी बना देंगे
जो शख्स इक्तालीस (41) बार फ़ज्र की नमाज़ के बाद इस नाम को पढ़ेगा तो इंशाअल्लाह वो किसी का मोहताज नहीं होगा और ज़िल्लत के बाद इज्ज़त पायेगा
10. अल-जब्बार | Al Jabbar
( सब से ज़बरदस्त )
जो शख्स “या जब्बारू” को हमेशा पढ़ता रहेगा तो वो लोगों की गीबत और बदगोई से महफूज़ रहेगा और इंशाअल्लाह हर ज़ालिम से उसकी हिफ़ाज़त होगी
11. अल-मुताकब्बिर | Al Mutakabbir
( बड़ाई और बुज़ुर्गी वाला )
अगर इस नाम को किसी काम की शुरुआत में ख़ूब पढ़ा जाये तो इंशाअल्लाह उस काम में कामयाबी मिलेगी
12. अल-खालिक़ | Al Khaliq
( पैदा करने वाला)
जो बेऔलाद हो और उसकी कोई औलाद न हो इस नाम को एक हज़ार बार पढ़ा करे तो इंशाअल्लाह उसे औलाद नसीब होगी
13. अल-बारी | Al Baree
( जान डालने वाला )
अगर कोई औरत बाँझ हो उसके औलाद न होती हो तो वो सात रोज़े रखे और पानी से इफ़्तार करने बाद 21 बार “अल-बरिउल मुसव्विर” पढ़ा करे तो इंशाअल्लाह उसके यहाँ बेटे की विलादत होगी
अगर इलाज करने वाला डाक्टर या हकीम इस नाम को पाबंदी से पढ़े तो अल्लाह तआला उसके हाथ में शिफ़ा रख देंगे
14. अल-मुसव्विर | Al Musawwir
( सूरत देने वाला )
अगर कोई सात रोज़े रखे और इफ़्तार से पहले 21 बार इस नाम को पढ़ कर दम करे और वो पानी बाँझ औरत को पिलाये, इंशाअल्लाह उसका बाँझपन दूर हो जायेगा
15. अल-गफ्फार | Al Gaffar
( बहुत ज़्यादा दरगुज़र और माफ़ करने वाला )
अगर इस नाम को 17 बार उस शख्स के सामने पढ़ दिया जाये जिसको कोई ज़रुरत हो तो इंशाअल्लाह उसकी ज़रुरत पूरी होगी
अगर कोई इस नाम को पांच सौ पैतालीस बार ( 545 ) रोज़ाना पढ़ता है तो इंशाअल्लाह उसका रिज्क खोल दिया जायेगा और कोई दुश्वारी नहीं रहेगी
16. अल-क़ह्हार | Al Qahhar
( वो ज़ात जो सब पर ग़ालिब हो और सब को काबू में रखने वाली हो )
जो शख्स अल्लाह से दूर हो और दुनिया की मुहब्बत में गिरफ़्तार हो वो इस नाम को खूब पढ़ा करे इंशाअल्लाह दुनिया की मुहब्बत जाती रहेगी और अल्लाह तआला से कुर्बत बढ़ेगी
17. अल- वह्हाब | Al Wahhab
सब कुछ अता करने वाला
अगर किसी रोज़ी बहुत तंग हो और फ़क्र फ़ाके में गिरफ़्तार हो तो वो इस नाम को ख़ूब पढ़ा करे या इस नाम को लिख कर अपने पास रखे या चाश्त की नमाज़ पढ़े और उसके आख़िरी सजदे में इस नाम को 40 बार पढ़ ले इंशाअल्लाह इस हालत से हैरतअंगेज तरीक़े से नजात पायेगा
18. अर-रज्ज़ाक़ | Ar Razzaq
( ख़ूब रोज़ी देने वाला )
जो शख्स ये चाहता है कि वो ज़हीन हो जाये और बारीक व मुश्किल चीज़ें उसकी समझ में आ जाएँ तो 20 बार नहार मुंह इस नाम को पढने का मामूल बना ले अल्लाह तआला उसे ऐसा मुश्किल से मुश्किल चीज़ समझ जाने वाला ज़हन अता फ़रमाएंगे
जो ये चाहता हो कि अल्लाह त आला उसके रिज्क़ के दरवाज़े खोल दें तो फ़ज्र की नमाज़ से पहले अपने घर के चारों कोनों में दस दस बार “या रज्ज़ाक़ु” पढ़ कर दम करे तो इंशाअल्लाह बीमारी व तंगी से नजात मिलेगी और रिज्क के दरवाजी खुलेंगे (जब ये अमल शुरू करें तो पहले दाहिने कोने से शुरू करें और मुंह किबले यानि काबा की तरफ रखें )
19. अल -फ़त्ताह | Al Fattah
( रहमतों और रिज्क के दरवाज़े खोलने वाला )
जो फ़ज्र की नमाज़ के बाद अपने दोनों हाथ सीने पर बाँध कर सत्तर बार “या फ़त्ताहू” पढ़ा करे तो इंशाअल्लाह उसका दिल ईमान से मुनव्वर हो जायेगा, रिज्क में बरकत होगी और तमाम कामों में आसानी होगी
20. अल-अलीम | Al Aleemu
( बहुत ज़्यादा जानने वाला, इल्म वाला )
जो शख्स “या अलीमु” की तस्बीह ज़्यादातर पढ़ेगा, तो इंशाअल्लाह उसका हाफिज़ा मज़बूत होगा और अल्लाह त आला उसके लिए इल्म के दरवाज़े खोल देंगे
अल्लाह अपने नामों की बरकत से हमारी मुश्किलें आसान करे
Mashallah