Aurton Ki Namaaz Ka Sahi Tareeqa
औरतों की नमाज़
.हम सुन्नत के मुताबिक़ नमाज़ का तरीक़ा बयान करेंगे और यहाँ पर सिर्फ उन चीज़ों को बताना है जिन में मर्द और औरत कि नमाज़ का फ़र्क़ है
तकबीर तहरीमा के लिए हाथ उठाने का तरीक़ा
नमाज़ तकबीर तहरीमा से शुरू होती है इस में हाथ उठाना सुन्नत है मर्द के लिए तो कानों कि लौ तक हाथ उठाना सुन्नत है औरतों के लिए सुन्नत ये है की सिर्फ कन्धों तक हाथ उठायें उस के बाद हाथ बांध लें और हाथ दुपट्टे के अंदर ही उठायें
हाथ बाँधने की जगह
तकबीर तहरीमा के बाद हाथ बांधना सुन्नत है औरतें सीने पर हाथ बांधेंगी इस तरह कि दाहिने हाथ की हथेली को बाएं हाथ की हथेली कि पुष्ट पर रखेंगी
औरतो के रुकू का तरीक़ा
मर्दों के रुकू का तरीक़ा ये है की वो इतना झुकें कि उनकी पीठ और सर बराबर हो जाये और घुटनों को मज़बूती से पकड़ लें
लेकिन औरतें पूरे तौर पर न झुकें बल्कि ज़रा सा झुकें घुटनों को न पकड़ें बल्कि उन पर सिर्फ हाथ रखें यानी सिर्फ इतना झुकें कि हाथ घुटनों तक पहुँच जाएँ
सजदे का तरीक़ा
औरतें खूब सिमट कर सजदा करें इस तौर पर कि उस के तमाम जिस्म के हिस्से मिले हुए हों हाथ बगलों से और रानें पेट से मिली हुई हों और अपने हाथों को ज़मीन पर बिछा दें अपने दोनों पैरों को दाहिनी तरफ निकल दें
बैठने का तरीक़ा
औरत नमाज़ में इस तरह बैठे कि अपने दोनों पैर दाहिनी तरफ निकल दे और उस पर बैठ जाये और हाथ की उँगलियाँ मिलाये रखे
क्या औरत पर जुमा की नमाज़ फ़र्ज़ है
औरत पर जुमा की नमाज़ फ़र्ज़ नहीं वो जुमे के दिन अपने घर में ज़ुहर की नमाज़ अदा करे
क्या औरत पर ईद की नमाज़ है
औरत पर जुमे की तरह ईद की नमाज़ भी नहीं क्यूंकि ईद की नमाज़ जमात के साथ अदा होती है और औरत को जमात में हाज़िर होने से मन किया गया है