“सच” पर कहे गए बेहतरीन शेर
देना पड़े कुछ भी जुरमाना सच ही लिखते जाना
मत घबराना मत डर जाना सच ही लिखते जाना
पल दो पल की ऐश की खातिर क्या देना क्या झुकना
आखिर सब को है मर जाना सच ही लिखते जाना
बातिल की मुंह जोर हवा से जो न कभी बुझ पायें
वो शमए रोशन कर जाना सच ही लिखते जाना
लौहे जहाँ पर नाम तुम्हारा लिखा रहेगा यूँही
जालिब सच का दम भर जाना सच ही लिखते जाना