Dimagh Tez Karne Ki Dua
इल्म में बढ़ोतरी और दिमाग़ तेज़ करने की दुआ
क्या आपको चीज़ें जल्दी याद नहीं होती या अगर याद भी हो जाती हैं तो ज़्यादा दिन तक नहीं टिक पाती और भूल जाती हैं ?
क्या आप एक स्टूडेंट हैं और अपनी नॉलेज बढाना चाहते हैं लेकिन दिमाग़ी कमजोरी रुकावट बन रही है?
दिमाग़ी कमजोरी की असल वजह
उसकी अस्ल वजह हमारे किये गए गुनाह हैं गुनाहों से हमारी मेमोरी बहुत कमज़ोर हो जाती है इसकी एक मिसाल हज़रत इमाम शाफई (रहमतुल लाहि अलैह) के ज़माने की है, जब उन्होंने अपने उस्ताद से पुछा कि ए मेरे उस्ताद ! मैं महसूस कर रहा हूँ कि मेंरा दिमाग़ कमज़ोर हो रहा है चीज़ें मेरे दिमाग से जल्दी निकल जाया करती हैं तो इसका क्या हल हो सकता है |
तो उस्ताद ने सिर्फ़ इतना जवाब दिया : गुनाहों को छोड़ दो तुम्हारी मेमोरी और दिमाग़ में ख़ुद ब ख़ुद इज़ाफ़ा और बढ़ोतरी हो जाएगी
इस वाक़िये के अलावा और भी बहुत सारी मिसालें हैं जिससे हमें पता चलता है कि हम आँखों से जो ग़लत देखते और सुनतें हैं उसका हमारे माइंड पर असर पढ़ता है इसलिए पहले गुनाहों को छोड़ना पड़ेगा |
आप कितने भी बुज़ुर्गाने दीन को पढ़ें या उनके बारे में सुने तो उन सब में एक चीज़ कॉमन मिलेगी कि वो बाज़ार, मेलों ठेलों या भीड़ भाड़ या बेवजह घर से निकलने से परहेज़ करते थे, क्यूंकि इस से बद नज़री हो सकती है यानि नज़र ग़लत जगह पड़ सकती है और गुनाह हो सकता है और गुनाह का नुक़सान वो समझते थे इसीलिए ऐसा करते थे, अल्लाह हम को भी बचने की तौफ़ीक़ अता फरमाए (अमीन)
इसके अलावा एक आयत जो सूरह ताहा में है (जिसको हमारे बुज़ुर्गों ने बताया है और इसका कई बार तजरिबा किया गया है) जो अगर पढ़ी जाये तो यक़ीनन अल्लाह हमारे इल्म में इज़ाफ़ा फ़रमाएंगे और हमारी मेमोरी ( दिमाग़ ) को ताक़तवर बना देंगे |
इल्म में बढ़ोतरी और दिमाग़ तेज़ करने की दुआ
हिन्दी : रबबी ज़िद्नी इल्मा
English : Rabbi Zidni Ilma
ए मेरे रब ! मेरे इल्म में इज़ाफ़ा (बढ़ोतरी) फरमा
कब और कितनी बार पढ़नी है
हर नमाज़ के बाद 3 बार पढ़नी है
ये आयत कहाँ है
सूरह ताहा न. 20
आयत न. 114
Dimag me jada der tak kuch tik nhi pata yad nhi reh pata kuch agar yad ho jaye mushakkat ke bad to bhot jaldi bhul jate hai
Is amal ko kab karna hai
Masha allha bhut hi achi dua h ye