Dua aur Wazife jald shadi ke liye
दुआएं और वज़ीफे जल्द शादी के लिए
कुछ ही समय में शादी हो गई ? हां, अल्लाह तआला के यहाँ सब कुछ मुमकिन है, ये 7 दुआएं उन लड़कों और लड़कियों के लिए बेहद मुफ़ीद हैं, जिनकी शादी में मुश्किलें पैदा हो रही है।
कुछ लोग बहुत खुशकिस्मत होते हैं जिनकी शादी इस्लाम की हिदायत के मुताबिक वक़्त पर हो जाती है लेकिन फिर कुछ लड़के और लड़कियां ऐसे होते हैं जिनको शादी के पैगामात न मिलने पर न सिर्फ वो बल्कि उनके माँ बाप भी टेंशन में आ जाते हैं। लेकिन मायूस ना हो, क्यूंकि अगर देर हो रही है तो हो सकता है इस में कोई भलाई छुपी हो क्योंकि अल्लाह हमेशा सबके लिए भलाई चाहता है।
शादी के लिए बेहतरीन दुआ
अगर आप शादी के लिए दुआ खोज रहे हैं तो यहां 7 दूआए हैं इन में से किसी को अगर आप पढ़ते रहें जैसा कि बताया गया है, तो जल्द ही इंशाअल्लाह को शादी का पैग़ाम मिलेगा।
पहला . सूरह यासीन की तिलावत करना
सूरह यासीन अपनी बेशुमार बरकतों की वजह से “कुरान का दिल” मानी जाती है। कई मुश्किलों के हल के साथ साथ , रोज़ाना सूरह यासीन का पढना शादी से मुताल्लिक़ सभी समस्याओं का हल करता है।
दूसरा . सूरह दुहा और सूरह क़सस की आयत नंबर 24 पढ़ना
सूरह क़सस की आयत नंबर 24 एक ख़ास दुआ है जो मूसा अ.स. ने की थी जबकि वह मुश्किल में थे ।
उलमा कहते हैं , अगर कोई लड़का दिन में 100 बार इस आयत को पढ़ता है, तो इंशा अल्लाह जल्द ही उसके लिए एक बेहतर लड़की का रिश्ता मिल जायेगा ।
और लड़कियों को अगर शादी के लिए अच्छे रिश्ते की तलाश है तो फज्र की नमाज़ के बाद 11 बार सूरह दुहा पढ़ना चाहिए।
तीसरा . “अल्लाह” के नाम का विर्द करना ( पढना )
इस तरह पढ़ें
11 बार: दुरूद शरीफ
313 बार: अल्लाह
11 बार: दुरूद शरीफ (आख़िर में)।
नोट: 41 दिनों तक हर नमाज़ के बाद बिना किसी गैप के इस तस्बीह को पढ़ें ।
चौथा . सूरह तौबा की आयत नंबर 129 पढ़ें
रोज़ाना किसी भी नमाज़ के बाद ये तस्बीहात पढ़ें ;
19 बार: बिस्मिल्लाह
1100 बार: सूरह तौबा की आयत नम्बर 129
100 बार: दुरूद शरीफ
19 बार: बिस्मिल्लाह (आख़िर में)।
इसको अपने या अपनी बेटी और बेटे के लिए जल्द ही शादी के रिश्ते के लिए पढ़ें ।
पांचवां . सूरह मरियम की तिलावत करें
सूरह मरियम को किसी भी नमाज़ के बाद, रोज़ाना एक बार पढ़ें । लेकिन यह सिर्फ़ लड़की या उसकी माँ ही कर सकती है।
छठा . तस्बीहे फातिमा ज़हरा (र.अ.)
किसी भी समय 2 रकात नमाज़ पढ़कर 11 बार दुरूद शरीफ पढ़ें ।
फिर तस्बीहे फातिमा जो कि है;
33 बार: सुब्हानल लाह
33 बार: अल्हम्दुलिल्लाह
34 बार: अल्लाहु अकबर
11 बार: दुरूद शरीफ (आख़िर में )
इसे पूरा करने के बाद, यह पढ़ें;
और फिर, सूरह शूअरा
नोट: यह वज़ीफ़ा माँ बाप ही कर सकते हैं । माँ को ये वजीफा करना चाहिए और अगर वो न कर पाए तो बाप को यह करना चाहिए।
सातवां . सूरह मुज़म्मिल की तिलावत
अगर कोई लड़की बड़ी हो रही है और शादी के लिए कोई रिश्ता नहीं मिल पा रहा है, तो पैरेंट्स (माँ या बाप) में से किसी एक को जुमें की नमाज़ के बाद 2 रकात नमाज़ पढ़े और उसके बाद 21 बार सूरह मुज़म्मिल पढ़े।
अब आप बताएं इन में से कौन सा वजीफा कर रहे हैं
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May Allah bless all and them who gives us the right direction and show the right path for our problems.
Shadi keep liye
mery bety kahti hai ki mujhe shadinahin karna hai vajah pata nahin
koi aisa qurani dua batayen ki bety shadi ke liye tayyar ho jaye
Assalam Alekum,
Allah subhanau taala ne quran mein har preshani ka hal bataya hai.
aap jismein se surya yaseen shareef jo bhi sochkar kar padheinge wo preshani door ho jayegi insha allah.
Kya surah Muzammil ladki khud padh sakti h