Dua For Memory, Eye Sight, Paralysis Hindi
याददाश्त, निगाह और फ़ालिज के लिए वज़ीफ़ा
क्या आप अपने चेहरे पर दाग़ और धब्बों से परेशान हैं, चीज़ें रखकर भूल जाया करते हैं और निगाह भी इतनी कमज़ोर है कि चश्मा लगाने की नौबत आ गयी है तो चलिए हदीस शरीफ़ में इसका क्या इलाज बताया गया है चलिए इस पर बात करते हैं |
मुस्नद अहमद और तिबरानी की रिवायत में है कि नबी स.अ. ने इरशाद फ़रमाया :
“ जो शख्स फ़ज्र के बाद 3 बार ये दुआ पढ़ ले तो अल्लाह तआला उसे 4 बड़ी बड़ी बीमारियों से बचायेंगे “
1. पागलपन : अगर कोई Mentally Unbalanced हो या चीज़ें बहुत जल्दी भूल जाती हों तो इस दुआ के पढने से इस बीमारी बचा जा सकता है |
2. कोढ़ पन : यानि चेहरा बदसूरत हो जाना चेहरे पर सफ़ेद दाग़ हो जाना और दाने, मुहांसे वगैरह आ जाना या कोई ऐसी चीज़ चेहरे पर आ जाना जिससे चेहरा बदसूरत होता हो उस से अल्लाह त आला नजात दे देंगे |
3. अंधापन : अंधेपन का मतलब ये नहीं कि आँखों की रौशनी चली गयी बल्कि आँखों में मोतियाबिंद या आँखों पर चश्मा लगाना पड़ गया ये सब इसी ज़ुमरे में आते हैं यानि जिसकी नज़र कमज़ोर हो वो भी पढ़ सकते हैं |
4. फ़ालिज : इसका मतलब एक तो ये होता है कि इंसान का हाथ या पैर काम ही न करे और इसका मतलब ये भी होता है कि इंसान कहे कि मुझ से खड़ा ही हुआ नहीं जाता या इसी तरह हाथ पैर वगैरह का सुन हो जाना |
तो अल्लाह त आला इन बड़ी बड़ी बीमारियाँ से बचा लेते हैं इस एक छोटे से अमल से जो फज्र के बाद पाबंदी से किया जाये तो अल्लाह तआला चेहरा पुरनूर बना देते हैं, मेमोरी तेज़ कर देते हैं,निगाह को तेज़ कर देते हैं, और जिस्म को कई बीमारियों महफूज़ कर देते हैं
Dua In Hindi : सुब हानल लाहि व बिहमदिही वला हौला वला क़ुव्वता इल्ला बिल लाह
Translation : गुनाहों से बचने की ताक़त और नेक काम करने की क़ुव्वत सिर्फ़ अल्लाह ही की तरफ़ से है
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Allah is very good my heart but Allah Hifajt very nic
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