Durood Shareef Na Padhne Ke Nuqsaan
दुरूद न पढने के 7 नुक्सानात
दुरूद पढना हमारे नबी स.अ. से मुहब्बत की अलामत है, और ये अल्लाह का हुक्म भी है कि अपने नबी पर दुरूद भेजो, तो जो शख्स नबी स.अ. पर दुरूद भेजता है तो उसके कई फ़ायदे हैं उसे हम फिर कभी पोस्ट करेंगे लेकिन अगर जो नहीं पढता उसके क्या नुकसानात हैं हम यहाँ सिर्फ उनका ज़िक्र करेंगे ताकि आप दुरूद शरीफ़ की अहमियत को समझें, और हमने इन तमाम बातों को नबी स.अ. की हदीस से लिया है |
पहला नुक़सान : बखील होना
यानि दुनिया का सब से बड़ा बखील और कन्जूस इंसान वो है जो अल्लाह के रसूल स.अ. का नाम आये और दुरूद न पढ़े
दूसरा नुक़सान : जन्नत का रास्ता भूल जाना
एक हदीस में नबी स.अ. ने फ़रमाया है कि जो शख्स नबी का नाम आने पर दुरूद न पढ़े समझ लो वो जन्नत का रास्ता भूल गया है
तीसरा
तीसरा नुक़सान : जन्नत के आठों दरवाज़े भूल जाना
एक रिवायत में है कि जो शख्स दुरूद न पढ़े वो जन्नत के आठों दरवाज़े भूल गया
चौथा नुक़सान : दुआ कुबूल न होना
जो शख्स दुरूद नहीं पढता उसकी दुआ कुबूल नहीं होती
पांचवां नुक़सान : दुआ का आसमान पर पहुँचने से पहले ही रुक जाना
नबी के फरमान के मुताबिक़ दुरूद न पढने वाले की दुआ ज़मीन और आसमान के बीच ही रह जाती है और अल्लाह की बारगाह में पेश नहीं होती जब तक बंदा दुरूद न पढ़ ले
छठा नुक़सान : मौत से पहले मौत की सख्तियाँ उस पर आती है
जो शख्स दुरूद नहीं पढ़ता तो उसे मौत नहीं आती जब तक मौत की सख्तियाँ उस पर नहीं आ जाती
सातवां नुक़सान : जहन्नम की गहराई में गिर जाना
एक बार खुतबा देने के लिए नबी स.अ. मिम्बर पर चढ़े तो आमीन कहा तो इस पर सहाबा ने अर्ज़ किया या रसूलल लाह स.अ. : आज आप जब मिम्बर पर तशरीफ़ ले गए तो आमीन कहा तो नबी स.अ. ने तीन बातें फरमाई जिन में एक ये भी थी कि जिब्रील अ.स. ने कहा कि जो शख्स नबी स.अ. का नाम आने पर दुरूद नहीं पढ़ता वो जहन्नम की गहराइयों में जा गिर पड़े इस पर जिब्राइल अ.स. ने भी आमीन कहा और मैं भी आमीन कहा
अल्लाह हम सब को दुरूद पढने की तौफ़ीक़ अता फरमाए आमीन
दोस्तों : जब भी नबी स.अ. का नाम आए तो आप सिर्फ इतना पढ़ लें : सल्लल लाहू अलैहि वसल्लम तो इन बताये गए नुकसानात से इंशाअल्लाह बच जायेंगे
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