Eidul Azaha 2019
तक्बीरे तशरीक़ (Takbeere-Tashreeq) क्या है और कब पढ़ी जाती है
तक्बीरे तशरीक़
अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर
ला इलाहा इल्लल लाहु
वल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर
वलिल लाहिल हम्द
Takbeere Tashreeq
Allahu Akbar Allahu Akbar
La Ilaha Illal Lahu
Wallahu Akbar
Allahu Akbar Walillahil Hamd
ये तकबीर कब से कब तक पढ़ें
अरफा का दिन यानी ज़िल हिज्जा की नवीं तारीख़ की फज्र से लेकर 13 ज़िल हिज्जा की अस्र नमाज़ तक हर फ़र्ज़ नमाज़ के बाद पढना वाजिब है
( ज़िल हिज्जा की नवीं तारीख़ यानी बकरीद 10 ज़िल हिज्जा को होती है तो उस हिसाब से बकरीद के एक दिन पहले फज्र की नमाज़ से शुरू कर देनी चाहिए )
कितनी बार ये तकबीर पढ़ें
बलंद आवाज़ से एक बार पढना वाजिब है और एक से ज्यादा बार पढना सुन्नत के खिलाफ है
अय्यामे तशरीक़ किसे कहते हैं
ये 5 दिन जिन में ये तक्बीरें कही जाती हैं उनको अय्यामे तशरीक़ कहते हैं
क्या औरत भी बलंद आवाज़ से पढेगी
नहीं बल्कि अहिस्ता ( धीरे से )
ये कुल 5 दिनों में 23 नमाज़ें होती हैं जिन में तक्बीरे पढ़ी जाती है
अगर तक्बीरे तशरीक़ ( Takbeere-Tashreeq ) भूल जाये तो
1. अगर कोई नमाज़ के बाद कहना भूल जाये और मस्जिद से निकल आये तो फिर ये तकबीर न कहे इसकी क़ज़ा नहीं है हाँ तौबा करने से तक्बीरे तशरीक़ छोड़ने का गुनाह माफ़ हो जायेगा लेकिन आइन्दा ख़याल रखे |
2. अगर इमाम के साथ आप की कुछ रकातें छूट गयीं और इमाम के साथ तकबीर न कह पाए तो आप ये दो छूटी हुई रकातें पूरी करने के बाद जब सलाम फेरें तो उस वक़्त अकेले ही कह लेना चाहिए |
3. फ़र्ज़ नमाज़ का सलाम फेरने के फ़ौरन बाद ये तकबीर पढ़नी चाहिए याद रहे सिर्फ फ़र्ज़ नमाज़ के बाद ही पढ़ी जाएगी सुन्नत या नफ्ल के बाद नहीं |
4. अगर इमाम तकबीर कहना भूल जाये तो मुक़तदियों को चाहिए कि खुद तकबीर कहनाशुरू कर दें इमाम के तकबीर कहने का इंतज़ार न करें |
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aap website visit karte rahiye insha allah knowledge milti rahegi
very informative. thanks