मस्जिदे नबवी का गुम्बद जो गुम्बदे खिजरा के नाम से जाना जाता है यहाँ उसके 5 Facts यानी 5 वो बातें जो आपको हैरत में डाल देंगी और आपकी गलतफहमियां दूर कर देंगी
1. गुम्बदे खिजरा हमेशा से नहीं था ये 678 हिजरी में बनवाया गया
बहुत सारे लोग इस ग़लतफ़हमी का शिकार हैं कि गुम्बदे खिजरा शुरू से ही वहां मौजूद है लेकिन हकीकत ये है कि गुम्बदे खिजरा सब से पहले अल नासिर इब्ने मुहम्मद क़ल्वून के हुक्म पर 678 हिजरी में बनाया गया
2. गुम्बदे खिजरा की खिड़की जिसको लोग कब्र समझते हैं
गुम्बदे खिजरा के ऊपरी हिस्से में दिखने वाली चीज़ को लोग कब्र समझते हैं लेकिन हकीकत में वो एक खिड़की है और कुछ नहीं
लेकिन एक कहानी जो कि शेख अल ज़ुबैदी ने बताई वो कहते हैं एक सख्स जो इस गुम्बद को तबाह करना चाहता था और इस को नुकसान पहुचने के करीब था कि बिजली के झटके ने उसकी जान ले ली और वो मर गया
3. गुम्बदे खिजरा हमेशा हरा नहीं था
मस्जिदे नबवी का गुम्बद हमेशा से हरा नहीं था बल्कि इस को पहली बार लकड़ी से बनवाया गया था और भूरा रंग दिया गया लेकिन कुछ वक़्त के बाद इस को सफ़ेद रंग में तब्दील कर दिया गया फिर इसको नीला और पर्पल लेकिन इन तमाम रंगों के बाद Ottoman के हुक्म की बुनियाद पर इस को (1253 हिजरी ) में हरे रंग में रंग दिया गया जिसको आज आप मौजूदा हालत में देख रहे हैं
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4. एक बार गुम्बदे खिजरा जल गया था
1481 में भीषण आग मस्जिद में लग गयी थी जिसकी वजह से गुम्बद बहुत मुतास्सिर हुआ उसका अन्दर का हिस्सा चैम्बर और अंदरूनी दीवारें आग की चपेट में आ गयी थीं बाद में उसको फिर से तामीर करवाया गया
5. गुम्बदे खिजरा की सफाई के लिए आम लोग नहीं
लोग समझते हैं कि मेरी और आपकी तरह आम लोग चैम्बर की सफाई लिए होते है लेकिन हकीकत ये है कि कुछ ख़ास लोग मुक़र्रर किये जाते हैं जो लोगों से बिलकुल जुदा और अलग रहते हैं फिलहाल Abyssinia के पांच लोग इस खिदमत को अंजाम दे रहे हैं