Gunah kabeera | गुनाहे कबीरा और सगीरा क्या है
बड़े बड़े गुनाह
गुनाह सगीरा किसे कहते है ?
यानि छोटे गुनाह ये अल्लाह की रहमत है कि छोटे छोटे गुनाह किसी नेकी की वजह से खुद ब खुद माफ़ हो जाते हैं
गुनाह कबीरा क्या है ?
मतलब बड़े गुनाह और ये बगैर सच्ची तौबा के माफ़ नहीं होते
हम आपके सामने ऐसे ही बड़े गुनाहों की लिस्ट दे रहे हैं ताकि पहले हम ये समझ सकें कि ये जो हम कर रहे हैं ये गुनाह है और अल्लाह को नाराज़ करने वाला है और बड़ी हलाकत लाने वाला है और हम जान लें कि अल्लाह की नाफ़रमानी चाहे देखने में छोटी ही क्यूँ न हो लेकिन बड़ी हलाक और तबाह करने वाली होती है |
क्यूंकि जब मालूम नहीं होता तो आदमी बड़े गुनाह को भी मामूली समझ रहा होता है, उलमा फरमाते हैं कि जब तौबा कर ली जाये तो कोई गुनाह गुनाहे कबीरा नहीं और जब मामूली गुनाह को बार बार किया जाये तो वो मामूली नहीं रहता बल्कि वो भी कबीरा ( बड़ा ) गुनाह में शामिल हो जाता है
अल्लाह तआला हमें हर किस्म की नाफ़रमानी से बचाए
No. | बड़े बड़े गुनाह | No. | बड़े बड़े गुनाह |
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1 | हिक़ारत से किसी पर हँसना | 26 | ताने देना |
2 | किसी को बुरे लक़ब ( नामों ) से पुकारना | 27 | बदगुमानी करना |
3 | किसी का ऐब तलाश करना | 28 | पीठ पीछे किसी की बुराई करना |
4 | किसी को बिला वजह बुरा भला कहना | 29 | चुगली करना |
5 | किसी पर इलज़ाम लगाना | 30 | धोका देना |
6 | किसी को शर्म दिलाना | 31 | किसी के नुकसान पर खुश होना |
7 | तकब्बुर करना ( दूसरों को छोटा और अपने आप को बहुत बड़ा समझना ) | 32 | बेवजह फ़ख्र करना व मगरूर बनना |
8 | अपनी हैसियत के बावुजूद भूको और नंगों की मदद न करना | 33 | अपनी ताक़त के बावुजूद किसी की मदद न करना |
9 | किसी की इज्ज़त को ठेस पहुँचाना | 34 | छोटों पर रहम न करना |
10 | बड़ों की इज्ज़त न करना | 35 | किसी के माल का नुकसान करना |
11 | किसी हट्टे कटटे और ताक़तवर का भीक मांगना | 36 | किसी जानदार की तस्वीर बनाना |
12 | बदकारी करना | 37 | चोरी करना |
13 | किसी से तीन दिन से ज़्यादा बात चीत बंद रखना | 38 | किसी दुसरे की ज़मीन पर अपना हक़ जमाना |
14 | मर्दों को औरतों का लिबास पहनना | 39 | औरतों को मर्दों का सा लिबास पहनना |
15 | दाढ़ी मुंडाना या यक्मुश्त से कम कटाना | 40 | काफिरों और फासिकों का लिबास पहनना |
16 | डाका डालना | 41 | झूटी गवाही देना |
17 | यतीमों का माल खाना | 42 | बेगुनाह का क़त्ल करना |
18 | माँ बाप की नाफ़रमानी करना और उन को दुःख देना या सताना | 43 | किसी का माल बगैर पूछे ले लेना |
19 | रिशवत देना | 44 | रिशवत लेना |
20 | रिशवत के मामले में पड़ना | 45 | शराब पीना |
21 | जुवा खेलना | 46 | ज़ुल्म करना |
22 | झूटी क़सम खाना | 47 | सूद ( ब्याज़ ) लेना |
23 | सूद ( ब्याज़ ) देना | 48 | सूद ( ब्याज़ )का गवाह बनना |
24 | झूट बोलना | 49 | किसी की अमानत में ख़यानत करना |
25 | वादा खिलाफ़ी करना | 50 | किसी का दिल दुखाना |
और भी गुनाह हैं जो इस लिस्ट में आते हैं जिनको हम अगली किसी पोस्ट में इंशा अल्लाह बयान करेंगे