Hadees Shareef Me Behtreen Amal | 5 आमाल जो अल्लाह को बहुत पसंद हैं

Hadees Shareef Me Behtreen Amal

5 आमाल जो अल्लाह को बहुत पसंद हैं

हज़रत अब्दुल्लाह इब्ने उमर र.अ. रिवायत करते हैं कि रसूलुल लाह सल्लल लाहू अलैहि वसल्लम से सवाल किया गया :

कौन से आमाल हैं कौन से काम हैं जो अल्लाह को सब से ज्यादा महबूब हैं और अल्लाह को सब से ज़्यादा पसंद हैं

तो अल्लाह के रसूल सल्लल लाहू अलैहि वसल्लम ने उन आमाल के बारे में बताया जो अल्लाह को महबूब हैं और उन लोगों के बारे में भी बताया जो अल्लाह को सब से ज्यादा पसंद हैं

अल्लाह को सब से ज्यादा महबूब लोग

सब से प्यारे अल्लाह के नज़दीक वो लोग हैं जो लोगों को नफ़ा पहुँचाने वाले हैं और उनके खैरख्वाह हैं

Hadees Shareef Me Behtreen Amal

अल्लाह को सब से ज्यादा महबूब 5 आमाल

1. किसी मुसलमान को ख़ुश कर देना

आपने किसी के साथ कुछ ऐसा किया कि उसका दिल खुश हो गया तो खुद ब खुद उसके दिल से दुआ निकलेगी और ये अमल अल्लाह को बहुत पसंद है |

2. या किसी की तकलीफ को दूर कर देना

कोई बहुत परेशान था और उसके बस में नहीं था कि वो अपनी मुश्किल दूर कर सके, लेकिन आपने अपनी कोशिशों से उसका साथ देकर उसकी तकलीफ दूर कर दी तो ये अमल अल्लाह के यहाँ बहुत काम आने वाला है

3. या उसका क़र्ज़ उतार देना

कोई क़र्ज़ के बोझ से लदा हुआ था और अपनी गरीबी की वजह से इस बोझ को उतार कर रखने की ताक़त नहीं रखता था, लेकिन अगर आप को अल्लाह ने इतना दिया है कि उसका क़र्ज़ माफ़ कर दें या उसका क़र्ज़ उतरवा दें तो आप को ऐसा ज़रूर करना चाहिए क्यूंकि ये अमल अल्लाह को खुश कर सकता है

4. या उसकी भूक को दूर कर देना

कोई भूका प्यासा है आपने उसे खिला पिला कर कर उसकी भूक मिटा दी तो यकीनन आप अल्लाह के महबूब बन जायेंगे

5. किसी की जाएज़ ज़रुरत पूरी करने के लिए चल कर जाना

नबी स.अ. ने फ़रमाया : मैं किसी मुस्लमान भाई के साथ उसकी जाएज़ ज़रुरत पूरी करने के लिए चल कर जाऊं तो ये अमल मुझे एक महीना मस्जिदे नबवी में एतिकाफ़ करने से भी ज्यादा प्यारा लगता है

अल्लाह के नबी स.अ. को एतिकाफ़ की इबादत बहुत महबूब थी लेकिन किसी की ज़रुरत के वक़्त उसके काम आ जाना और उसके लिए चल कर जाना ये अल्लाह के नबी स.अ. को ज्यादा महबूब है |

नोट :

अगर अल्लाह ने आप को तौफ़ीक़ दी और आप ने इस में से कोई एक या ये सारे काम अंजाम दिए, तो फिर करने के बाद उस काम का किसी पर अहसान न जताए और न ही किसी के सामने शेखी न बघारें, क्यूंकि अगर आपने ऐसा किया तो अल्लाह के यहाँ इसका कोई फायदा न उठा पायेंगे बल्कि गुनहगार हो जायेंगे बेहतर ये है कि “नेकी कर दरिया में डाल” और इस नियत से नेकी कर कि अल्लाह खुश होगा बस और कुछ नहीं |

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