Hazrat Abu Bakr | अबू बक्र (र.अ.) के बारे में 12 अहम् Facts
अगर आप ने नबी स.अ. की ज़िन्दगी के बारे में पढ़ा होगा तो यक़ीनन हज़रत अबू बक्र को भी पढ़ा होगा क्यूंकि ये ऐसे सहाबी थे जो हर जगह नबी के साथ नज़र आते थे, एक जंग के मौके पर काफी साजो सामान की ज़रुरत थी तो तमाम सहाबा से जो हो सका उन्होंने लाकर मस्जिदे नबवी में इकठ्ठा किया यहां तक कि हज़रत उमर र.अ. के पास जितना माल था उसका आधा लाकर नबी के सुपुर्द किया |
अब हज़रत अबू बकर र.अ. अपने घर का पूरा साजो सामान उठा लाये और नबी के क़दमों में डाल दिया तो नबी स.अ. ने पुछा कि “ए अबू बक्र ! घर पर क्या छोड़ कर आए हो” तो उन्होंने कहा “सिर्फ़ अल्लाह और उसके रसूल को छोड़ कर आया हूँ”
इससे आप को पता चल गया होगा कि हज़रत अबू बक्र ने नबी और इस्लाम पर अपनी जान निछावर करने में ज़रा भी कसर नहीं छोड़ी |आइये उनकी ज़िन्दगी के कुछ अहम् पहलुओं पर रौशनी डालें |
हज़रत अबू बक्र कौन हैं ?
।. हज़रत अबू बक्र इस्लाम की दावत से पहले भी नबी स.अ. के बहुत क़रीबी साथी थे |
2. वह नबी मुहम्मद (स.अ.) के ससुर थे क्योंकि उनकी बेटी आयशा (R.A.) का निकाह मुहम्मद (स.अ.) से हुआ था।
3. वह मुहम्मद (स.अ.) के पड़ोसी भी थे ।
4. वह (नबी मुहम्मद स.अ. की फ़ैमिली के बाहर) इस्लाम क़ुबूल करने वाले पहले शख्स थे।
5. मुहम्मद (स.अ.) ने उन्हें ‘सिद्दीक’ का लक़ब दिया था |
6. उन्होंने ही नबी स.अ. के साथ मदीना की तरफ़ हिजरत की
7. मस्जिदे नबवी की ज़मीन हज़रत अबू बक्र (र.अ.) के पैसे से ही खरीदी गई थी।
8. नबी मुहम्मद (स.अ.) ने उनको “अमीरुल हज” के रूप में चुना, हाजियों के अमीर बन्ने वाले वो पहले शख्स थे ।
9. वह पैगंबर मुहम्मद (स.अ.) की वफ़ात के बाद पहले खलीफ़ा बनाये गए ।
10. खलीफ़ा बनने के बाद उनकी हुकूमत 2 साल, 2 महीने और 14 दिनों तक रही, इसके बाद उनका इन्तेक़ाल हो गया ।
11 . उनके 6 बच्चे, ( 3 बेटे और 3 बेटियाँ ) थीं।
12 . और आज वो नबी पाक मुहम्मद (स.अ.) के बगल में दफन हैं ।
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SUKRIYA JANKARI DENE KE LIYE