भूक बड़ी ज़ालिम चीज़ है
उसने कहा “भूक बड़ी ज़ालिम चीज़ है”
मैंने पुछा “वो कैसे”
उसने कहा “रोज़गार नहीं है है खाने पीने को नहीं मिलता ग़रीबी बढ़ती जा रही है लोग बेबस है अपनी भूक मिटने के लिए ग़लत राह निकलते है इसी लिए
करप्शन बढ़ता जा रहा है”
मैंने पुछा “जो लोग कुर्सी पर बैठे है वो लोग़ क्या कर रहे है”
उसने कहा “उनकी भी भूक ख़त्म नहीं होती मारे भूक के वो अपनी नफ़्स के ग़ुलाम बन गए है अपनी हवस की भूक मिटने के लिए दूसरों का हक़ मारते है”
मैंने दिल में सोचा “वाक़ई भूक बड़ी ज़ालिम चीज़ है”