Idul Adaha 2020 : क़ुरबानी की शुरुआत कैसे हुई | इब्राहीम अ.स. का वाक़िया

Idul Adaha 2020

क़ुरबानी की शुरुआत कैसे हुई | इब्राहीम अ.स. का वाक़िया

 

हज़रत इब्राहीम अलैहिस सलाम जो कि एक जलीलुल क़दर पैग़म्बर हैं उन के बेटे इस्माइल अलैहिस सलाम जब इतने बड़े हो गए कि चलने फिरने लगे तो उन्होंने ख्वाब में देखा कि मैं अपने बेटे को ज़बह कर रहा हूँ अब क्यूंकि नबियों का ख्वाब सच्चा होता था और अल्लाह की तरफ से होता था इसलिए ये साफ़ ज़ाहिर था कि ये ख्वाब ख़्वाब नहीं बल्कि अल्लाह का हुक्म है

हज़रत इब्राहीम अ.स. का बेटे से मशवरा

قَالَ يَا بُنَيَّ إِنِّي أَرَىٰ فِي الْمَنَامِ أَنِّي أَذْبَحُكَ فَانظُرْ مَاذَا تَرَىٰ

इसलिए उन्होंने अपने बेटे से पुछा कि मैंने ऐसा ख्वाब देखा है तुम्हारी इसमें क्या राय है

“तो बेटे ने जवाब दिया”

يَا أَبَتِ افْعَلْ مَا تُؤْمَرُ ۖ سَتَجِدُنِي إِن شَاءَ اللَّهُ مِنَ الصَّابِرِينَ

ए अब्बा जान आप को जो हुक्म मिला है उस पर अमल कीजिये इंशाल्लाह आप मुझे सब्र करने वालों में से पाएंगे

 

फिर हुआ ये कि हज़रत इब्राहीम अ.स. ने एक छुरी ली और अपने बेटे इस्माईल अ.स. को लेकर ज़बह करने की नियत से मिना की तरफ चले

मिना : मक्का शरीफ़ से तीन मील दूर दो पहाड़ियों के बीच एक बहुत लम्बा मैदान है उसको मिना कहते हैं

qurbani ki shuruat

शैतान का पहली बार बहकाना

जब इब्राहीम अ.स. मिना में दाखिल होने लगे तो उनके बेटे को शैतान बहकाने लगा, हज़रत इब्राहीम अ.स. को पता चला तो उन्होंने अल्लाहु अकबर कहकर शैतान के सात कंकरियां मारीं जिसकी वजह से वो ज़मीन में धंस गया,

दूसरी बार बहकाना

दोनों बाप बेटा आगे बढे तो ज़मीन ने शैतान को छोड़ दिया कुछ दूर जाकर फिर शैतान बहकाने लगा हज़रत इब्राहीम अ.स ने अल्लाहु अकबर कहकर शैतान के सात कंकरियां मारीं जिसकी वजह से वो ज़मीन में धंस गया,

तीसरी बार बहकाना

दोनों बाप बेटा आगे बढे तो शैतान ने फिर ऐसा ही किया तो हज़रत इब्राहीम अ.स अल्लाहु अकबर कहकर शैतान के सात कंकरियां मारीं जिसकी वजह से वो ज़मीन में धंस गया,

हज़रत इब्राहीम अ.स का बेटे को कुरबान करना

आख़िरकार फिर अल्लाह तआला की ख़ुशी व रजामंदी के लिए हज़रत इब्राहीम अ.स ने वो कारनामा अंजाम दिया जिसको न इससे पहले ज़मीन ने देखा था और न ही आस्मान ने और न ही इसके बाद देखेंगे |

उन्होंने अपने दिल के टुकड़े को मुंह के बल ज़मीन पर लिटा दिया, छुरी तेज़ की और आँखों पर पट्टी बाँधी और उस वक़्त तक पूरी ताक़त से छुरी चलाते रहे जब तक अल्लाह ने उनको पुकार कर ये नहीं कह दिया कि

 يَا إِبْرَاهِيمُ قَدْ صَدَّقْتَ الرُّؤْيَا ۚ إِنَّا كَذَٰلِكَ نَجْزِي الْمُحْسِنِينَ   

इब्राहीम तुम ने ख्वाब सच कर दिखाया और हम लोगों को ऐसा ही बदला दिया करते हैं फिर अल्लाह ने हज़रत इस्माईल अ.स की जगह एक मेंढे को जन्नत से भेज दिया जिसको इब्राहीम अ.स ने ज़बह किया |

ज़बह तो किया मेंढे को लेकिन सवाब मिला बेटे की क़ुरबानी का क्यूंकि दोनों बाप बेटे दिलो जान से इस काम के अंजाम देने को तय कर चुके थे जिसका अल्लाह की जानिब से हुक्म हुआ था बाप ने बेटे को कुरबान करने के लिए पेशानी के बल लिटा दिया और बेटा ख़ुशी के साथ लेट भी गया अपनी नियत में ये दोनों सच्चे थे |

हज के मौके पर कंकरियां मारने की शुरुआत

और इसी वाकिये से हज के मौके पर कंकरियां मारने की शुरुआत हुई इस में हज़रत इब्राहीम अ.स. ने तीन जगह शैतान को कंकरियां मारी थीं और वो ज़मीन में धंस गया था अब उन जगहों पर पत्थर के मीनारे बना दिए गए हैं जहाँ हर हाजी सात कंकरियां मारते है |

इसी वाकिये से क़ुरबानी की शुरुआत हुई इसके बाद अल्लाह की रजामंदी के लिए जानवरों की क़ुरबानी करना इबादत में शुमार किया जाता है और फिर मुहम्मद रसूलुल लाह स.अ. की उम्मत पर भी क़ुरबानी वाजिब हो गयी |

 

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