Islamic Waqiat In Hindi
एक मछुवारे पर ज़ुल्म का किस्सा-ज़ुल्म से बचो
अल्लामा इब्ने हजर र.अ. ने अपनी किताब में लिखा है कि एक शख्स ने कहा “मैंने एक शख्स को देखा जिस का हाथ काँधें से कटा हुआ था और वो चीख चीख कर कह रहा था “मुझे से इबरत हासिल करो, और किसी पर ज़ुल्म न करो “ मैंने आगे बढ़ कर उस से पुछा कि मेरे भाई तेरा किस्सा क्या है उस ने जवाब दिया मेरा किस्सा बहुत अजीबो गरीब है
वो ये कि मैं ज़ुल्म करने वालों का साथ दिया करता था, एक दिन मै ने एक मछुआरे को देखा जिस के पास एक काफी बड़ी मछली थी वो मछली मुझे पसंद आई मैं उसके पास पहुंचा और कहा कि “ये मछली मुझे दे दो“उसने कहा कि “ये मछली तुम्हें नहीं दूंगा क्यूंकि मैं इसे बेच कर मुझे अपने बच्चों का पेट पलना है” मैंने उसे मारा पीटा और उससे मछली छीन कर चल पड़ा
जिस वक़्त मैं मछली उठाये जा रहा था अचानक उस मछली ने मेरे अंगूठे में जोर से काट लिया, और जब मैं घर पहुंचा तो अंगूठे में दर्द उठा और इतनी तकलीफ होने लगी कि उसकी शिद्दत की वजह से मेरी नींद उड़ गयी फिर मेरा पूरा अंगूठा सूज गया |
जब सुबह हुई तो तो मैं डॉक्टर के पास गया तो डॉक्टर ने कहा कि “अंगूठा सड़ना शुरू हो गया है इसलिए बेहतर ये है कि इसे कटवा दो वरना पूरा सड़ जायेगा” तो मैंने अंगूठा कटवा कटवा कर निकलवा दिया लेकिन उसके बाद सड़द हाथ में पहुँच गयी फिर इतना दर्द हुआ कि मैं बेचैन हो गया फिर डॉक्टर ने मशवरा दिया कि “हाथ कुहनी से अलग कर दो” मैंने ऐसा ही किया |
लेकिन सड़ाद मोंढे तक पहुँच गयी और दर्द से मैं परेशान हो गया फिर मुझे ये मशवरा मिला कि “पूरा हाथ कटवा दो वरना तकलीफ़ पूरे बदन में फ़ैल जाएगी” और अब लोग मुझ से पूछते हैं कि आखिर ये तकलीफ मुझे क्यूँ हुई तो मैं यही किस्सा सुनाता हूँ तो ये किस्सा सुन कर उन्होंने कहा कि अगर शुरू में तुम उस मछुवारे के पास जाकर माफ़ी मांग लेते और उससे कह सुन कर राज़ी कर लेते और मछली अपने लिए हलाल कर लेते तो ये हाथ न कटा जाता इसलिए अब जाओ और उसे ढूँढ कर खुश करो वरना तकलीफ पूरे बदन में फ़ैल जाएगी
मैं मछली वाले को पूरे शहर में ढूँढने लगा आखिर एक जगह उसको पा लिया मैं उसके पैरों पर गिर पड़ा और और रो रो कर कहा “तुम्हें अल्लाह का वास्ता तुम मुझे माफ़ कर दो” उसने मुझ से पुछा तुम कौन हो ? मैंने उसे बताया कि “वो ही शख्स हूँ जिस ने तुम से मछली छीन थी” फिर मैंने उससे अपनी कहानी बयान की और उसे अपना हाथ दिखाया तो मछुवारा भी ये सब सुन और देख कर रो पड़ा और कहा कि “मैंने उस मछली को तुम्हारे लिए हलाल किया क्यूंकि मैंने तुम्हारा हश्र देख लिया ”
फिर उस आदमी ने पुछा “खुदा का वास्ता मुझे बताओ “जिस दिन मैंने तुम से मछली छीनी थी क्या तुम ने उस वक़्त कोई बद दुआ दी थी” तो मछुवारे ने कहा हाँ मैंने उस वक़्त ये कहा था कि “ए अल्लाह ये अपनी ताक़त के घमंड से मुझ पे ग़ालिब आ गया और तूने जो रिज्क दिया वो मुझ से छीन लिया और मुझ पर ज़ुल्म किया इसलिए तू अपनी ताक़त का करिश्मा दिखा” तो उस आदमी ने कहा “आखिर उसने अपना करिश्मा दिखाया अब मैं अल्लाह के सामने तौबा करता हूँ कि किसी ज़ालिम का साथ न दूंगा और न ही कभी खुद ज़ुल्म करूंगा”
अल्लाह हम सबको ज़ुल्म से बचने की तौफ़ीक़ अता फरमाए