Juma Ke Din Surah Al Kahaf Ke Benefits
सूरह अल कहफ़ के फ़ायदे और उसकी खूबियाँ
सूरह अल काहफ पवित्र कुरान की अहम् सूरतों में से एक है। और ये कुरान शरीफ़ का 18 वीं सूरह है। यह एक मक्की सूरह है और इसका नाम सूरतुल कहफ है, इसमें 110 आयतें हैं, इस सूरह में चार कहानियां हैं जो अल्लाह पर हमारे यक़ीन को मज़बूत बनाती हैं और उसकी अज़मत को बयान करती हैं |
तो चलिए उन चार कहानियों के बारे में जान लें जो इस सूरह में हैं |
1. सब से पहली कहानी अस हाबुल कहफ़ के बारे में है और ये ऐसे मोमिनो की कहानी है कि जब उनको हक का पैग़ाम पहुंचा तो उन्होंने कुबूल कर लिया और वो झूठे ख़ुदाओं को छोड़ कर एक अल्लाह के मानने वाले बन गए जिस की वजह से लोग उनके दुश्मन हो गए, उनकी दुश्मनी से बचने के लिए वो उस शहर को छोड़ कर निकल पड़े और एक ग़ार ( गुफ़ा ) में पनाह ली जहाँ अल्लाह तआला ने उन्हें 309 साल तक सुला दिया जब तक पूरा शहर अल्लाह को मानने वाला हो गया था |
इन्ही लोगों को अस हाबुल कहफ़ या अस हाबे कहफ़ कहते हैं और इसी पर इस सूरह का नाम रखा गया सूरह कहफ़
2. दूसरी कहानी दो ख़ूबसूरत बाग़ों के मालिकों की है
3. तीसरी कहानी हज़रत मूसा अलैहिस सलाम की हज़रत ख़िज़र अलैहिस सलाम से मुलाक़ात की है
4. चौथी कहानी जुल करनैन की है जिसे सिकंदरे आज़म (Alexander the Great.) भी कहा जाता है
इन चारों कहानियों में बहुत अहम् सबक दिये गये है
ईमान की आज़माइश का सबक़, दौलत की आज़माइश का सबक़, इल्म की आज़माइश, हुकूमत की आज़माइश
Surah Kahaf Ki Fazeelat | सुरह कहफ़ की फ़ज़ीलत
नबी सल्लल अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया : जुमा के दिन सुरह कहफ़ की तिलावत किया करो
नबी सल्लल अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया : जुमा के रोज़ सुरह कहफ़ की तिलावत करने वाले के लिए दो जुमों के दरमियाँ एक रौशन नूर होता है
नबी सल्लल अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया : जो शख्स इस की शुरूआती दस आयतों को याद कर लेगा और तिलावत करेगा वो दज्जाल के फिटने से महफूज़ रहेगा
याद रहे : दज्जाल का फितना वो फितना है जिससे हर नबी ने अपनी कौम से डराया है
नबी सल्लल अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया : जिस ने सूरतुल कहफ़ को इस तरह पढ़ा जिस तरह नाजिल हुई तो वो इस के लिए क़यामत के रोज़ नूर होगी, मक्का से लेकर जहाँ तक वो रहता है वहां तक के लिए नूर होगी |
एक सहाबी थे जो अपने घर के सहन में क़ुरान की तिलावत कर रहे थे, घोड़ा भी बंधा हुआ था, और चारपाई पर उनका बेटा भी सो रहा था उनका दिल चाहता था कि वो ऊंची आवाज़ में तिलावत करें, लेकिन जब वो ऊंची आवाज़ में तिलावत करते तो घोड़ा बिदकने लगता, उन्हें डर होता कि कहीं ये घोड़ा उनके बेटे को लात न मार दे इसलिए वो आवाज़ धीमी कर लेते और घोड़ा भी ख़ामोश हो जाता |
लेकिन फिर ऊंची आवाज़ में तिलावत करने का जी चाहता तो वो करने लगते लेकिन फिर से घोड़ा बिदकने लगता, यही होता रहा जब सुबह का वक़्त हुआ उन्होंने दुआ के लिए हाथ उठाये तो देखा कि कुछ बादल हैं जिनके अन्दर रोशनियाँ हैं और ये रोशनियाँ उनके सर से दूर आसमान पर जा रही हैं |
फिर नबी सल्लल लाहू अलैहि वसल्लम की पास हाज़िर हुए और पूरा किस्सा सुनाया तो नबी स.अ. ने फ़रमाया कि ये अल्लाह के फ़रिश्ते थे जो तुम्हारे कुरान की तिलावत सुनने के लिए तुम्हारे करीब आ रहे थे अगर तुम तिलावत करते रहते तो आज मदीने के लोग अपनी आँखों से अल्लाह के फ़रिश्तों को देख लेते |
हमें क्या करना चाहिए ?
इस सूरह की फ़ज़ीलत और अहमियत का इसी से पता चलता है कि इस को सुनने के लिए फ़रिश्ते ज़मीन पर आ गए तो क्यूँ न हम इसको अपनी ज़िन्दगी में शामिल कर लें और हर जुमा के दिन इसकी तिलावत करें जिससे दज्जाल के फितने से महफूज़ रहेंगे और एक जुमे से दुसरे जुमे तक अल्लाह का नूर हासिल होगा तिलावत का तो फायदा तो मिलेगा ही मिलेगा |
Aslamu alykum App Hindi me Ye Sura Upload karo na Surah Al Kahaf
insha allah bahut share karoonga
Please share Surah al kahaf in Hindi tarjuma
Surah kaif Hindi tarjuma
Aslam wale kum Surah Al Kahaf ki hindi me tarjume ke saath site pe upload karne ki gujarish hai.
Insha Allha
masha allah knowledgeble post
Muje krbala ke vakiyat chahiye
Aap baryekarm karbala ki janib muje le chale