Aurat Ke Wuzu Ke Masail
नमाज़ हर मुसलमान मर्द औरत पर दिन में पांच बार फ़र्ज़ है शरीअत में इसकी बड़ी अहमियत है हुज़ूर सल्लल लाहू अलैहि वसल्लम ने इसको दीन का सुतून बताया है
नमाज़ अपने परवरदिगार से मिलने और उससे बात करने का बेहतरीन जरिया है इसलिए ज़रूरी है कि सब से बड़े आका व मौला के दरबार में हाज़िर हो तो ख़ुलूस और तवज्जोह के साथ अपने जिस्म के कुछ ख़ास हिस्सों को पाक व साफ़ करे और जहाँ तक मुमकिन हो पूरी पाकी के साथ अल्लाह की बारगाह में हाज़िर हो
शरीअत में इस पाकी को वुजू कहते हैं और चूंकि वुजू के बगैर नमाज़ नहीं होती इसलिए वुजू को पूरे ध्यान से करना चाहिए
कुरान में अल्लाह तआला का इरशाद है
ऐ ईमान वालों ! जब तुम नमाज़ का इरादा करो तो पहले अपने चेहरों को धो और कुहनियों तक हाथों को धो और अपने सरों का मासः करो और टखनों तक अपने पैर धो
हदीस में वुजू की बड़ी फजीलत बयान की गयी है
क़यामत के दिन हमारे उम्मती बुलाये जायेंगे उस वक़्त उन के आज़ा ( जिस्म के जिन हिस्सों को वुजू में धुला जाता है ) चमक रहे होंगे इसलिए तुम में से जो चाहता है कि उसके आज़ा ज्यादा रोशन हों तो उस को चाहिए कि वुजू किया करे
आटा या मिटटी लगे हिस्से के धोने का हुक्म
जिस्म के जिन हिस्सों को वुजू में धोना ज़रूरी है उन में किसी हिस्से पर मिटटी या कोई और चीज़ लग कर सूख जाये तो उस पर पानी बहाने से पानी की तरी अन्दर पहुँच जाये तो वुजू हो जायेगा अगर तरी अन्दर नहीं पहुँच रही तो नहीं होगा और उस से नमाज़ सही नहीं होगी
वुजू में मेहंदी लगे हिस्से के धोने का हुक्म
मेहंदी का इस्तेमाल औरतों के लिए सुन्नत है हुज़ूर सल्लल लाहू अलैहि वसल्लम औरतों की जीनत के लिए इस की तरगीब देते थे मेहंदी से जिल्द का सिर्फ रंग बदलता है वो पानी को खाल तक पहुँचने में रुकावट नहीं बनती इसलिए मेहंदी लगी हो फिर भी वुजू हो जायेगा
वुजू में अंगूठी और बाली को हरकत देना
अंगूठी भी जीनत का सबब है और इसका इस्तेमाल औरतों के लिए दुरुस्त है लेकिन अंगूठी अगर ऊँगली पर तंग हो तो वुजू करते वक़्त उसको हरकत देना ज़रा हिला दुला लेना ज़रूरी है ताकि पानी अन्दर पहुँच जाये इस बगैर वुजू दुरुस्त नहीं होगा अगर अंगूठी ढीली हो तब भी हरकत दे देना चाहिए ताकि पानी पहुंचने का यकीन हो जाये
यही हुक्म नाक में पहने जाने वाली बालियों का भी है अगर तंग हो तो हरकत देना ज़रूरी है और ढीली हो ज़रूरी नहीं लेकिन बेहतर है कर ले
बढे हुए नाखून के नीचें पानी पहुँचाना
आज कल नाखून बढ़ने का बड़ा फैशन है कुछ औरतें उसको बड़े इह्तियात से पालती हैं और बढाती हैं ये फितरत के खिलाफ है हुज़ूर सल्लल लाहू अलैहि वसल्लम का इरशाद है कि दस चीज़ें फितरत में से हैं उन में एक नाखून काटना भी है इसलिए नाखून बढ़ना दुरुस्त नहीं
लेकिन अगर किसी ने बढ़ा रखे हों तो वुजू में उस को तर करना और उसके नीचें पानी पहुँचाना ज़रूरी होगा
दुपट्टे पर मसह
वुजू के फ़रीज़ में एक सर का मासः भी है इसका मतलब बालों तक पानी की तरी पहुँचाना है दुपट्टे पर मसह करने से पानी बालों तक नहीं पहुँचता इसलिए इस पर मसह करने से वुजू नहीं होगा
नेल पालिश लगाने के बाद वुजू
नेल पालिश लगाने के बाद वुजू का पानी नाखून तक नहीं पहुँचता और जब पानी वुजू में धोने वाले हिससों तक नहीं पहुँचता तो न वुजू होता है और न गुसल
लिपस्टिक लगाने के बाद वुजू
इस्लाम में वो जीनत जो गैर मर्दों के लिए की जाये जाएज़ नहीं लेकिन अगर शौहर के लिए की जाये तो अलग बात है
इसी तरह लिपिस्टिक लगाना भी है
लिपिस्टिक दो तरह की होती हैं एक वो जिन के लगाने से होंटों पर पतली सी परत जम जाती है ज़ाहिर है कि इस परत की वजह से वुजू का पानी होंटों तक नहीं पहुँचता इसलिए वुजू नहीं होगा
दूसरी किस्म लिपस्टिक की वो होती है जो केमिकल है और तेल की तरह होंटों पर लगाई जाती है इसकी कोई परत नहीं होती सिर्फ इसकी चमक होती है इसके लगाने के बाद वुजू करने से वुजू हो जायेगा
क्या दूध पिलाने से वुजू टूट जायेगा
कुछ औरतें समझती हैं कि वुजू करने के बाद अगर बच्चे को दूध पिलाया तो उससे वुजू टूट जायेगा लेकिन शरीअत की रु से ये ख़याल गलत है इससे वुजू नहीं टूटता बल्कि बदन से कोई नापाक चीज़ निकलने से वुजू टूटता है और जाहित है दूध पाक और बेहतरीन चीज़ है
बल्कि हकीकत ये है की वुजू करके दूध पिलाने से बच्चों पर अच्छे असरात पड़ते हैं कुछ बुजुर्गों की मांओं ने इसका ख़ास इह्तिमाम किया है
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