Masnoon Dua Hindi
फज्र और मगरिब की फ़र्ज़ नमाज़ के बाद पढ़ी जाने वाली दो दुआएं
जहन्नम से छुटकारे की दुआ
Hindi : अल्लाहुम्मा अजिरनी मिनन नार
English : Allahumma Ajirni Minan Naar
Translation : ए अल्लाह ! मुझे दोज़ख़ के अज़ाब से बचा
ये दुआ क्यूँ पढ़ें ?
फ़ज़ीलत : हज़रत र.अ. से रिवायत है कि रसूल स.अ. ने मुझ से ये बात इरशाद फ़रमाई कि जब तू मगरिब की नमाज़ से फारिग हो जाये तो सात बार ये दुआ माँगा कर, अगर तूने ये दुआ मांग ली और उसी रात तेरा इन्तेक़ाल हो गया तो तेरे लिए आग से छुटकारा लिख दिया जायेगा और जब तू फज्र की नमाज़ पढ़ ले तब भी ये दुआ माँगा कर अगर उसी दिन तेरा इन्तेक़ाल हो गया तो तेरे लिए जहन्नम से छुटकारा लिखा जायेगा (अबू दाऊद)
फज्र और मगरिब की फ़र्ज़ नमाज़ के बाद पढ़ने का वज़ीफ़ा
Hindi : ला इलाहा इल्लल लाहू वह्दहू ला शरीका लहू लहुल मुलकु व लहुल हम्दु युहयी व युमीतु वहुवा अला कुल्लि शै इन क़दीर
English : La Ilaha Ilal Laahu Wahdahu La Shareeka Lhu Lahul Mulku Wa Lahul Hamdu Yuhyi Wa Yumeetu Wa Huwa Ala Kulli Shayin Qadeer
Translation : अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं, वो अकेला है, उसका कोई शरीक नहीं, सब कुछ उसी का है और तमाम तारीफें उसी अल्लाह के लिए हैं, वोही जिलाता और मारता है, और वो हर चीज़ पर कादिर है
फ़ज़ीलत : हदीस में है कि जो शख्स फ़ज्र की नमाज़ के बाद अपनी जगह से उठने से पहले किसी से बात किये बगैर नमाज़ की ही हालत में बैठ कर ये कलिमात दस बार पढ़े तो उस के लिए हर हर कलमे पर
10 नेकियाँ लिखी जाती हैं
10 गुनाह माफ़ होते हैं
10 दरजे जन्नत में बलंद होते हैं
वो पूरा दिन नापसंदीदा चीज़ और हर आफत और शैतान की शरारत से महफ़ूज़ रहता है (तिरमिज़ी शरीफ़)
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